कोटा: कोरोना संक्रमण की रोकथाम और आमजन की सुरक्षा के लिए कोटा विश्वविद्यालय के नवनिर्मित आर्यभट्ट अकादमिक भवन द्वितीय और वाचस्पति भवन को अधिग्रहित किया गया है. इसमें कोविड-19 संक्रमित मरीजों का इलाज किया जाएगा.
जिला कलक्टर उज्ज्वल राठौड़ ने बताया कि कोविड केयर सेन्टर में भर्ती कोविड रोगियों के इलाज के लिए ईएसआई हॉस्पिटल के चिकित्सा अधिकारियों और अन्य कार्मिकों को अधिग्रहित करने का निर्देश दिया गया है. यह सभी कोटा विश्वविद्यालय के भवन में चलाए जा रहे कोविड केयर सेन्टर में स्थापित प्रशासनिक नियंत्रण कक्ष में उपस्थिति देना सुनिश्चित करेंगे.
इन्हें किया अधिग्रहित
- ESI हॉस्पिटल अधीक्षक डॉ. राजीव लोचन सक्सेना
- डॉ. कमल चौधरी, डॉ. राधेश्याम मेहरा
- डॉ. जितेन्द्र कुमार डंग, डॉ. हीरानंद मखीजा
- डॉ. नीरू सिसोदिया, डॉ. विजय सिंह जाटव
- डॉ. वर्षा सिंह, डॉ. दीपाली बहल, डॉ. अर्चना
- डॉ. अमित यादव, डॉ. धनराज मेवाड़ा
अन्य स्टाफ भी शामिल
- मेल नर्स ग्रेड प्रथम अरविंद मंडल
- हजारी लाल वर्मा, संजीव तिवारी
- प्रेमचंद ऐवलाल, नवीन कंजोलिया
- नर्स ग्रेड द्वितीय प्रेमलता वांशिगठन
- जितेन्द्र माथुर, मोहम्मद रईस
- हेमा शेखर, भूपेन्द्र सिंह मीणा
- रेडियोग्राफर हेमन्त राठौड़
- लेब असिस्टेंट अन्तिम सोनी
- हेमन्त दाधीच, जितेन्द्र सिंह
- योगेन्द्र सिंह तंवर
'दवाइयों की कालाबाजारी कर रहे दोषियों की कोई पैरवी नहीं'
कोटा बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज गौतम ने बताया कि हम पेशेवर अधिवक्ता होने के साथ-साथ समाज का भी महत्वपूर्ण अंग हैं. पिछले कई दिनों से देखने में आ रहा है कि कोविड महामारी के इस भयावह दौर में भी बहुत से असामाजिक तत्व पीड़ित व्यक्तियों की बेबसी का नाजायज फायदा उठाते हुए कोरोना में काम आने वाली जीवन रक्षक दवाओं, ऑक्सीजन और दूसरी जरूरी वस्तुओं की कालाबजारी कर रहे हैं.
बार एसोशिएशन कोटा ने निर्णय लिया है कि यदि कोई असामाजिक तत्व इस प्रकार की अवैध कालाबजारी में शामिल पाए जाते हैं और उस पर कोई मुकदमा दर्ज होता है तो कोई भी अधिवक्ता साथी न्यायालय में ऐसे व्यक्तियों की पैरवी नहीं करेगा. यदि कोई साथी अभिभाषक परिषद के आदेश का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.