कोटा. दीपों के त्योहार दीपावली पर शायद ही ऐसा कोई घर बचता होगा जहां पर लोग रोशनी नहीं लगाते हैं. छोटी से लेकर बड़ी सजावट घरों में की जाती है. जिनमें बिजली का भी भरपूर उपयोग किया जाता है. बिजली के जरिए घरों को रोशन किया जाता है. अच्छी लाइटिंग और सजावट घरों पर की जाती है. इस बार भी बीते सालों की तरह ही कोटा शहर के साथ-साथ पूरे हाड़ौती में चमक दीपावली पर नजर आई.. इसमें ढाई करोड़ रुपए की बिजली की ज्यादा खपत हुई है.
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दीपावली के समय में ज्यादा हुआ उपयोग
करीब 70 लाख यूनिट की ज्यादा खपत दीपावली के सप्ताह में होने की उम्मीद है. जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के मुख्य अभियंता कोटा जोन आरके जीनवाल का कहना है कि कोटा शहर को छोड़कर पूरे हाड़ौती इलाके में जेवीवीएनएल (Jaipur Vidyut Vitran Nigam Limited) ही विद्युत की व्यवस्था देख रहा है. इसमें ज्यादातर कस्बों में विद्युत का उपयोग दीपावली के समय बढ़ गया है क्योंकि रोशनी के पर्व पर लोग सजावट करते हैं. जिसमें बिजली का अच्छा खासा उपयोग होता है पहले जहां पर 106 लाख यूनिट रोज की खपत हो रही थी, यह बढ़कर 112 लाख यूनिट तक पहुंच गई है.
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चार दिनों में 40 लाख यूनिट की खपत
निजी बिजली कंपनी केईडीएल (Kota Electricity Distribution Limited) के टेक्निकल हेड ओनिमित्रो डाली का कहना है कि कोटा शहर में जहां पर रोज 23 लाख यूनिट की खपत हो रही है. यह बढ़कर 25 लाख यूनिट से ज्यादा हो गई है. दिवाली के पर्व पर देखते हुए टेक्निकल टीम में भी ज्यादा लगाई थी, ताकि किसी भी तरह की कोई फॉल्ट या अन्य दिक्कत आने पर तुरंत उसे दुरुस्त किया जा सके. इस हिसाब से देखा जाए तो कोटा में करीब 10 लाख यूनिट की खपत बढ़ गई थी और लगातार चार दिनों तक रोशनी घरों पर की गई है. ऐसे में 40 लाख यूनिट की खपत बिजली की हुई है.
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3 करोड़ से ज्यादा की बिजली खपत
राजस्थान में वैसे भी बिजली की रेट काफी ज्यादा है. कमर्शियल और घरेलू उपभोक्ताओं की बात की जाए तो उन्हें 8 रुपए यूनिट से ज्यादा की बिजली मिल रही है. ऐसे में करीब 3 करोड़ 20 लाख रुपए की ज्यादा बिजली हाड़ौती के चारों जिलों कोटा, बारां, बूंदी व झालावाड़ में दिवाली के पर्व पर जली है.