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Special : डीजल ने किया मजबूर तो CNG पर दौड़ने लगी बसें, प्रदेश में पहली बस भी कोटा से और किट भी यहीं लगना शुरू

कोटा में प्रदेश का पहला भारी वाहनों में सीएनजी किट (CNG KIT) फिट करने का सेंटर खुला है और दो बसों में यह किट फिट भी कर दिए गए हैं. जबकि अन्य जगह से एसी बसें खरीद कर कोटा लाई गई हैं, जिनमें पहले से सीएनजी किट फिट हैं और जो कि कई रूटों पर संचालित हो रही हैं. वाहन मालिक भी इसमें दिलचस्पी दिखा रहे हैं. हालांकि, इस दौरान कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. देखिये कोटा से ये रिपोर्ट...

first cng bus in kota
प्रदेश की पहली सीएनजी बस कोटा में आई थी
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Published : Jul 2, 2021, 10:34 AM IST

Updated : Jul 3, 2021, 5:17 PM IST

कोटा. पेट्रोल और डीजल के दाम (Petrol-Diesel Price) लगातार आसमान छू रहे हैं और रोज नया रिकॉर्ड बना रहे हैं. डीजल भी करीब 100 रुपये लीटर के आस-पास आ गया है. इसके चलते बसों को भी उनके संचालक सीएनजी किट (CNG KIT) फिट कर चलवा रहे हैं. अब राजस्थान में भी इसका क्रेज बढ़ने लगा है, जिसकी शुरुआत कोटा में हो चुकी है.

दरअसल, कोटा में ही प्रदेश का पहला भारी वाहनों (Heavy Vehicle) में सीएनजी किट फिट करने का सेंटर खुला है और दो बसों में यह किट फिट कर दिए गए हैं. जबकि अन्य जगह से एसी बसें खरीद कर कोटा लाई गई हैं, जिनमें पहले से सीएनजी किट फिट हैं, जो कि कई रूटों पर संचालित हो रही हैं. यहां तक कि कोटा में सबसे पहले सीएनजी किट की बस लगाने का काम अभी एक बस ऑपरेटर ने किया है. उनका कहना है कि वे 10 साल से इस तरह की बसों को कोटा में संचालित कर रहे हैं.

डीजल ने किया मजबूर तो CNG पर दौड़ने लगी बसें....

अभी कई ऑर्डर, लेकिन मटेरियल की कमी...

सीएनजी किट फिट करने वाले नरेंद्र हाड़ा का कहना है कि भारी वाहनों पहली पहली बार राजस्थान में फिटनेस सेंटर ही उनका संचालित है, जो कि दो बसों में सीएनजी किट लगा भी चुका है. लेकिन लॉकडाउन (Lockdown) के बाद से कुछ समस्या आ रही है, जो मटेरियल इसके लिए चाहिए वह नहीं उपलब्ध हो पा रहा है. ऐसे में हमारे पास ऑर्डर भी हैं और हम चाह रहे हैं कि जल्दी इन ऑर्डर को पूरा करें, लेकिन धीरे-धीरे सामानों की आपूर्ति अब बहाल हुई है.

लागत बढ़ी, समय पर आपूर्ति भी नहीं...

demand of subsidy from government
डीजल ने भारी वाहनों का रुख भी किया CNG पर...

सीएनजी किट पेट्रोल-डीजल के दामों के चलते अब महंगे हो गए हैं, क्योंकि लोग अब इसमें ज्यादा रुचि दिखा रहे हैं. बीते दिनों लॉकडाउन चल रहा था. इसके चलते कई फैक्ट्री बनती है. ऐसे में इस में लगने वाले उपकरण भी आसानी से उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं. पहले जहां पर बसों में सीएनजी किट 2 लाख 50 हजार रुपये में लग रहा था, अब यह लागत 1 लाख बढ़कर 3 लाख 50 हजार से ज्यादा हो गई है.

प्रदेश की पहली सीएनजी बस भी कोटा में चली...

कोटा के बस ऑपरेटर विपिन पुरुषवानी ने दावा किया है कि प्रदेश की पहली सीएनजी बस उन्होंने ने ही मुंबई से 10 साल पहले कोटा लाकर चलाई थी, लेकिन नई तकनीक को अपनाने में लोगों को समय लग जाता है. बदलाव में थोड़ा अंतर आता है. कोटा के लोगों को समझाया कि यह भी अन्य बसों की तरह ही है, तकनीक भी जो मैकेनिक हैं, उन्हें बताई. क्योंकि इसके पार्ट्स भी आसानी से नहीं मिलते थे, लेकिन वह पार्ट्स भी उपलब्ध हुए. अब सीएनजी बस लोकल रूट पर भी संचालित होने लगी हैं और आगे जाकर यह और बढ़ेंगी. ग्रीन फ्यूल व क्लीन फ्यूल के साथ वातावरण की स्वच्छता पर काम कर रहे हैं.

पढ़ें : Special: ऐतिहासिक परकोटा बाजार पर अतिक्रमण का 'पैबंद'...UNESCO ने दिया था विश्व विरासत का तमगा

लीकेज भी रुकता है...

first cng bus in kota
डीजल से सस्ता सीएनजी...

सीएनजी से डीजल के बराबर माइलेज तो मिलता ही है, उसके साथ ही डीजल को तो टैंक में से चुराया जा सकता था, लेकिन गैस को नहीं निकाला जा सकता है. ऐसे में जो डीजल का लिकेज बस मालिकों का होता था, उसको रोकने में भी इसमें आसानी हुई है. कोटा में करीब 25 से 30 बसें सीएनजी किट फिटेड हैं जो कि ज्यादातर कोटा से इंदरगढ़ लाखेरी के रूट पर ही संचालित हो रही हैं. इसके अलावा अन्य रूटों पर इक्की-दुक्की बसें संचालित की जा रही हैं.

डीजल से सीएनजी रजिस्ट्रेशन नहीं होना समस्या...

बस संचालक दीपक देवड़ा का कहना है कि उनकी करीब 11 बसों में सीएनजी किट लगे हुए हैं. इससे थोड़ी राहत उन्हें मिली है, क्योंकि डीजल के दाम काफी ज्यादा बढ़ गए हैं. जबकि सीएनजी के दाम उससे 40 रुपये कम है. दोनों फ्यूल से करीब 6 किलोमीटर बस चलती है. साथ ही एक समस्या और है कि हमारे डीजल की बसों को हम सीएनजी किट करवा रहे हैं, लेकिन परिवहन विभाग के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में डीजल से सीएनजी बस इंद्राज होने का ऑप्शन नहीं खुला हुआ है. इसके चलते बसों के रजिस्ट्रेशन में भी बदलाव नहीं हो रहा है.

कम दूरी पर चलाना मजबूरी...

fuel leakage
इंधन लीकेज भी रुकता है...

कोटा शहर में करीब 5 से 6 सीएनजी फिलिंग स्टेशन है, लेकिन आसपास के इलाकों में सीएनजी फिलिंग स्टेशन की कमी है. साथ ही अधिकांश बसों में लगे सीएनजी किट में 48 लीटर गैस रिफिल हो पाती है. ऐसे में यह बसें 250 किलोमीटर से ज्यादा चलती है. इससे एक बार फिर फेल होने के बाद करीब 100 से 125 किलोमीटर दूरी तक कि इन्हें भेजा जा सकता है.

सीएनजी किट लगवाने पर सरकार हमें सब्सिडी या लोन दे...

बस मालिक संघ कोटा संभाग के अध्यक्ष सत्यनारायण साहू का कहना है कि पूरे राजस्थान में सीएनजी बसों को संचालित करने में कोटा ही हब है, जहां सर्वाधिक सीएनजी बसें संचालित हो रही हैं. परिवहन मंत्री से हमारी मीटिंग हुई थी, उन्होंने आश्वासन दिया था कि सीएनजी बसों को प्रोत्साहन करना चाहते हैं. कोटा ही एक ऐसा जिला है, जहां पर सबसे पहले सीएनजी पेट्रोल पंप लगे हैं.

कोटा कि ग्रामीण इलाकों में भी ऐसे पंप स्थापित हो गए हैं, लेकिन परेशानी यह है कि सरकार हमें सीएनजी बसें खरीदने या उनमें किट लगवाने के लिए छूट नहीं दे रही है. साथ ही सीएनजी किट लगवाने के लिए लोन भी उपलब्ध कराना चाहिए, क्योंकि प्रदूषण मुक्ति के लिए हम कोटा संभाग के सभी बस ऑपरेटर प्रयासरत हैं, सरकार हमारी मांगों की अनदेखी कर रही है.

कोटा. पेट्रोल और डीजल के दाम (Petrol-Diesel Price) लगातार आसमान छू रहे हैं और रोज नया रिकॉर्ड बना रहे हैं. डीजल भी करीब 100 रुपये लीटर के आस-पास आ गया है. इसके चलते बसों को भी उनके संचालक सीएनजी किट (CNG KIT) फिट कर चलवा रहे हैं. अब राजस्थान में भी इसका क्रेज बढ़ने लगा है, जिसकी शुरुआत कोटा में हो चुकी है.

दरअसल, कोटा में ही प्रदेश का पहला भारी वाहनों (Heavy Vehicle) में सीएनजी किट फिट करने का सेंटर खुला है और दो बसों में यह किट फिट कर दिए गए हैं. जबकि अन्य जगह से एसी बसें खरीद कर कोटा लाई गई हैं, जिनमें पहले से सीएनजी किट फिट हैं, जो कि कई रूटों पर संचालित हो रही हैं. यहां तक कि कोटा में सबसे पहले सीएनजी किट की बस लगाने का काम अभी एक बस ऑपरेटर ने किया है. उनका कहना है कि वे 10 साल से इस तरह की बसों को कोटा में संचालित कर रहे हैं.

डीजल ने किया मजबूर तो CNG पर दौड़ने लगी बसें....

अभी कई ऑर्डर, लेकिन मटेरियल की कमी...

सीएनजी किट फिट करने वाले नरेंद्र हाड़ा का कहना है कि भारी वाहनों पहली पहली बार राजस्थान में फिटनेस सेंटर ही उनका संचालित है, जो कि दो बसों में सीएनजी किट लगा भी चुका है. लेकिन लॉकडाउन (Lockdown) के बाद से कुछ समस्या आ रही है, जो मटेरियल इसके लिए चाहिए वह नहीं उपलब्ध हो पा रहा है. ऐसे में हमारे पास ऑर्डर भी हैं और हम चाह रहे हैं कि जल्दी इन ऑर्डर को पूरा करें, लेकिन धीरे-धीरे सामानों की आपूर्ति अब बहाल हुई है.

लागत बढ़ी, समय पर आपूर्ति भी नहीं...

demand of subsidy from government
डीजल ने भारी वाहनों का रुख भी किया CNG पर...

सीएनजी किट पेट्रोल-डीजल के दामों के चलते अब महंगे हो गए हैं, क्योंकि लोग अब इसमें ज्यादा रुचि दिखा रहे हैं. बीते दिनों लॉकडाउन चल रहा था. इसके चलते कई फैक्ट्री बनती है. ऐसे में इस में लगने वाले उपकरण भी आसानी से उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं. पहले जहां पर बसों में सीएनजी किट 2 लाख 50 हजार रुपये में लग रहा था, अब यह लागत 1 लाख बढ़कर 3 लाख 50 हजार से ज्यादा हो गई है.

प्रदेश की पहली सीएनजी बस भी कोटा में चली...

कोटा के बस ऑपरेटर विपिन पुरुषवानी ने दावा किया है कि प्रदेश की पहली सीएनजी बस उन्होंने ने ही मुंबई से 10 साल पहले कोटा लाकर चलाई थी, लेकिन नई तकनीक को अपनाने में लोगों को समय लग जाता है. बदलाव में थोड़ा अंतर आता है. कोटा के लोगों को समझाया कि यह भी अन्य बसों की तरह ही है, तकनीक भी जो मैकेनिक हैं, उन्हें बताई. क्योंकि इसके पार्ट्स भी आसानी से नहीं मिलते थे, लेकिन वह पार्ट्स भी उपलब्ध हुए. अब सीएनजी बस लोकल रूट पर भी संचालित होने लगी हैं और आगे जाकर यह और बढ़ेंगी. ग्रीन फ्यूल व क्लीन फ्यूल के साथ वातावरण की स्वच्छता पर काम कर रहे हैं.

पढ़ें : Special: ऐतिहासिक परकोटा बाजार पर अतिक्रमण का 'पैबंद'...UNESCO ने दिया था विश्व विरासत का तमगा

लीकेज भी रुकता है...

first cng bus in kota
डीजल से सस्ता सीएनजी...

सीएनजी से डीजल के बराबर माइलेज तो मिलता ही है, उसके साथ ही डीजल को तो टैंक में से चुराया जा सकता था, लेकिन गैस को नहीं निकाला जा सकता है. ऐसे में जो डीजल का लिकेज बस मालिकों का होता था, उसको रोकने में भी इसमें आसानी हुई है. कोटा में करीब 25 से 30 बसें सीएनजी किट फिटेड हैं जो कि ज्यादातर कोटा से इंदरगढ़ लाखेरी के रूट पर ही संचालित हो रही हैं. इसके अलावा अन्य रूटों पर इक्की-दुक्की बसें संचालित की जा रही हैं.

डीजल से सीएनजी रजिस्ट्रेशन नहीं होना समस्या...

बस संचालक दीपक देवड़ा का कहना है कि उनकी करीब 11 बसों में सीएनजी किट लगे हुए हैं. इससे थोड़ी राहत उन्हें मिली है, क्योंकि डीजल के दाम काफी ज्यादा बढ़ गए हैं. जबकि सीएनजी के दाम उससे 40 रुपये कम है. दोनों फ्यूल से करीब 6 किलोमीटर बस चलती है. साथ ही एक समस्या और है कि हमारे डीजल की बसों को हम सीएनजी किट करवा रहे हैं, लेकिन परिवहन विभाग के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में डीजल से सीएनजी बस इंद्राज होने का ऑप्शन नहीं खुला हुआ है. इसके चलते बसों के रजिस्ट्रेशन में भी बदलाव नहीं हो रहा है.

कम दूरी पर चलाना मजबूरी...

fuel leakage
इंधन लीकेज भी रुकता है...

कोटा शहर में करीब 5 से 6 सीएनजी फिलिंग स्टेशन है, लेकिन आसपास के इलाकों में सीएनजी फिलिंग स्टेशन की कमी है. साथ ही अधिकांश बसों में लगे सीएनजी किट में 48 लीटर गैस रिफिल हो पाती है. ऐसे में यह बसें 250 किलोमीटर से ज्यादा चलती है. इससे एक बार फिर फेल होने के बाद करीब 100 से 125 किलोमीटर दूरी तक कि इन्हें भेजा जा सकता है.

सीएनजी किट लगवाने पर सरकार हमें सब्सिडी या लोन दे...

बस मालिक संघ कोटा संभाग के अध्यक्ष सत्यनारायण साहू का कहना है कि पूरे राजस्थान में सीएनजी बसों को संचालित करने में कोटा ही हब है, जहां सर्वाधिक सीएनजी बसें संचालित हो रही हैं. परिवहन मंत्री से हमारी मीटिंग हुई थी, उन्होंने आश्वासन दिया था कि सीएनजी बसों को प्रोत्साहन करना चाहते हैं. कोटा ही एक ऐसा जिला है, जहां पर सबसे पहले सीएनजी पेट्रोल पंप लगे हैं.

कोटा कि ग्रामीण इलाकों में भी ऐसे पंप स्थापित हो गए हैं, लेकिन परेशानी यह है कि सरकार हमें सीएनजी बसें खरीदने या उनमें किट लगवाने के लिए छूट नहीं दे रही है. साथ ही सीएनजी किट लगवाने के लिए लोन भी उपलब्ध कराना चाहिए, क्योंकि प्रदूषण मुक्ति के लिए हम कोटा संभाग के सभी बस ऑपरेटर प्रयासरत हैं, सरकार हमारी मांगों की अनदेखी कर रही है.

Last Updated : Jul 3, 2021, 5:17 PM IST
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