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बच्चे के 40 फीसदी दिमाग में थी गांठ, डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर बचाई जान - कोटा

संभाग के सबसे बड़े अस्पताल एमबीएस के न्यूरो सर्जरी विभाग के चिकित्सकों ने 6 साल के बच्चे की जटिल सर्जरी कर उसकी जान बचाई है. डॉक्टर्स के मुताबिक बच्चे के दिमाग के 40 फीसदी हिस्से में एक गांठ बन गई थी.

बच्चे के 40 फीसदी दिमाग में थी गांठ, डॉक्टरों न्यूरो सर्जिकल ऑपरेशन कर बचाई जान.
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Published : Apr 10, 2019, 6:21 AM IST

Updated : Apr 10, 2019, 6:45 AM IST

कोटा. संभाग के सबसे बड़े अस्पताल एमबीएस के न्यूरो सर्जरी विभाग के चिकित्सकों ने 6 साल के बच्चे की जटिल सर्जरी कर उसकी जान बचाई है. बच्चे के दिमाग के 40 फीसदी हिस्से में एक गांठ बन गई थी. चिकित्सकों के अनुसार यह ऑपरेशन इसलिए जटिल था कि बच्चे के दिमाग में काफी समय से इंटराक्रे नियल प्रेशर बढ़ा हुआ था, दिमाग से गांठ निकालने पर वो प्रेशर अचानक कम हो जाता है. जो बच्चे के लिए जानलेवा हो सकता था, इसलिए बच्चे को ऑपरेशन के 2 दिन तक बेहोश करके वेंटिलेटर पर रखा गया. यह एनेस्थीसिया से विभाग के डॉक्टरों के लिए चुनौती भरा था. साथ ही बच्चों में खून का बहाव जानलेवा हो सकता है, जिससे ब्रेन हेमरेज का खतरा भी बच्चे को था.

बच्चे के 40 फीसदी दिमाग में थी गांठ, डॉक्टरों न्यूरो सर्जिकल ऑपरेशन कर बचाई जान.
चिकित्सकों के अनुसार कोटा शहर के अनंतपुरा निवासी 6 वर्षीय विवेक 24 मार्च को न्यूरो सर्जरी विभाग में आया था, उसकी एमआरआई करवाई गई. जिसमें दिमाग में बाई तरफ एक बड़ी गांठ का पता चला. इस ट्यूमर ने दिमाग के 40 फ़ीसदी हिस्से को घेर रखा था. इस कारण विवेक का दिमाग का दाया हिस्सा भी दबा हुआ था.

साथ ही उसका सिर असामान्य रूप से बड़ा हो रहा था, आंख की रोशनी पर भी प्रभाव पड़ रहा था. उसे बार बार उल्टी आना चलने में दिक्कत हो रही थी. डॉ. एस गौतम ने एनेस्थीसिया विभाग की डॉ. मधु सक्सेना और डॉ. सीमा मीणा और रेजिडेंट डॉक्टर पंकज के साथ मिलकर 29 मार्च को विवेक की सर्जरी की. विवेक को 2 दिन बेहोशी की हालत में आईसीयू में वेंटिलेटर पर रखा, इसके बाद उसे होश आया और अब सामान्य स्थिति में है. जल्द ही उसे अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी.

कोटा. संभाग के सबसे बड़े अस्पताल एमबीएस के न्यूरो सर्जरी विभाग के चिकित्सकों ने 6 साल के बच्चे की जटिल सर्जरी कर उसकी जान बचाई है. बच्चे के दिमाग के 40 फीसदी हिस्से में एक गांठ बन गई थी. चिकित्सकों के अनुसार यह ऑपरेशन इसलिए जटिल था कि बच्चे के दिमाग में काफी समय से इंटराक्रे नियल प्रेशर बढ़ा हुआ था, दिमाग से गांठ निकालने पर वो प्रेशर अचानक कम हो जाता है. जो बच्चे के लिए जानलेवा हो सकता था, इसलिए बच्चे को ऑपरेशन के 2 दिन तक बेहोश करके वेंटिलेटर पर रखा गया. यह एनेस्थीसिया से विभाग के डॉक्टरों के लिए चुनौती भरा था. साथ ही बच्चों में खून का बहाव जानलेवा हो सकता है, जिससे ब्रेन हेमरेज का खतरा भी बच्चे को था.

बच्चे के 40 फीसदी दिमाग में थी गांठ, डॉक्टरों न्यूरो सर्जिकल ऑपरेशन कर बचाई जान.
चिकित्सकों के अनुसार कोटा शहर के अनंतपुरा निवासी 6 वर्षीय विवेक 24 मार्च को न्यूरो सर्जरी विभाग में आया था, उसकी एमआरआई करवाई गई. जिसमें दिमाग में बाई तरफ एक बड़ी गांठ का पता चला. इस ट्यूमर ने दिमाग के 40 फ़ीसदी हिस्से को घेर रखा था. इस कारण विवेक का दिमाग का दाया हिस्सा भी दबा हुआ था.

साथ ही उसका सिर असामान्य रूप से बड़ा हो रहा था, आंख की रोशनी पर भी प्रभाव पड़ रहा था. उसे बार बार उल्टी आना चलने में दिक्कत हो रही थी. डॉ. एस गौतम ने एनेस्थीसिया विभाग की डॉ. मधु सक्सेना और डॉ. सीमा मीणा और रेजिडेंट डॉक्टर पंकज के साथ मिलकर 29 मार्च को विवेक की सर्जरी की. विवेक को 2 दिन बेहोशी की हालत में आईसीयू में वेंटिलेटर पर रखा, इसके बाद उसे होश आया और अब सामान्य स्थिति में है. जल्द ही उसे अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी.

Intro:कोटा.
संभाग के सबसे बड़े अस्पताल एमबीएस के न्यूरो सर्जरी विभाग के चिकित्सकों ने 6 वर्षीय बच्चे की जटिल सर्जरी कर उसकी जान बचाई है. बच्चे के दिमाग के 40 फ़ीसदी हिस्से में एक गांठ बन गई थी. चिकित्सकों के अनुसार यह ऑपरेशन इसलिए जटिल था कि बच्चे के दिमाग में काफी समय से इंटराक्रे नियल प्रेशर बढ़ा हुआ था, दिमाग से गांठ निकालने पर वो प्रेशर अचानक कम हो जाता है. जो बच्चे के लिए जानलेवा हो सकता था, इसलिए बच्चे को ऑपरेशन के 2 दिन तक बेहोश करके वेंटिलेटर पर रखा गया. यह एनेस्थीसिया से विभाग के डॉक्टरों के लिए चुनौती भरा था. साथ ही बच्चों में खून का बहाव जानलेवा हो सकता है, जिससे ब्रेन हेमरेज का खतरा भी बच्चे को था.



Body:चिकित्सकों के अनुसार कोटा शहर के अनंतपुरा निवासी 6 वर्षीय विवेक 24 मार्च को न्यूरो सर्जरी विभाग में आया था, उसकी एमआरआई करवाई गई. जिसमें दिमाग में बाई तरफ एक बड़ी गांठ का पता चला. इस ट्यूमर ने दिमाग के 40 फ़ीसदी हिस्से को घेर रखा था. इस कारण विवेक का दिमाग का दाया हिस्सा भी दबा हुआ था. साथ ही उसका सिर असामान्य रूप से बड़ा हो रहा था, आंख की रोशनी पर भी प्रभाव पड़ रहा था. उसे बार बार उल्टी आना चलने में दिक्कत हो रही थी. डॉ एस गौतम ने एनेस्थीसिया विभाग की डॉ. मधु सक्सेना और डॉ. सीमा मीणा और रेजिडेंट डॉक्टर पंकज के साथ मिलकर 29 मार्च को विवेक की सर्जरी की. विवेक को 2 दिन बेहोशी की हालत में आईसीयू में वेंटिलेटर पर रखा, इसके बाद उसे होश आया और अब सामान्य स्थिति में है. जल्द ही उसे अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी.


Conclusion:बाइट-- डॉ. एसएन गौतम, विभागाध्यक्ष, न्यूरोसर्जरी विभाग

नोट:- इस खबर का पैकेज मेल के द्वारा kota_opration_news_mbs_neuro_surgery स्लग से भेजा है.
Last Updated : Apr 10, 2019, 6:45 AM IST
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