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NEET UG 2021: क्या रिवाइज' होगा परिणाम! संशय में 8 लाख से ज्यादा क्वालीफाई स्टूडेंट

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (National Testing Agency) ने नीट यूजी 2021 का रिजल्ट (NEET UG 2021 Result) 1 नवंबर को जारी कर दिया था. लेकिन मेडिकल काउंसलिंग कमिटी (Medical Counseling Committee) ने एडमिशन काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू नहीं की है.

delay in neet ug counseling students are confused
नीट यूजी 2021 में क्वालीफाई स्टूडेंट्स में संशय
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Published : Nov 27, 2021, 4:30 PM IST

कोटा. देश में मेडिकल एंट्रेस का सबसे बड़ा एग्जाम राष्ट्रीय पात्राता सह प्रवेश परिक्षा (NEET UG 2021) में सफल हुए विद्यार्थियों को परीक्षा परिणाम रिवाइज होने का डर सताने लगा है. नीट यूजी 2021 का परीक्षा परिणाम 1 नवंबर को जारी कर दिया था. लेकिन मेडिकल काउंसलिंग कमिटी (Medical Counseling Committee) ने अभी तक एडमिशन काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू नहीं (Delay in NEET UG Counseling) की है. ऐसे में अब 8 लाख 70 हजार से ज्यादा क्वालीफाई विद्यार्थियों में संशय की स्थित बनी हुई है.

कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि सामान्यतया परीक्षा परिणाम जारी होने के 10 से 15 दिन बाद काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू हो जाती है. बीते साल 2020 में तो 17 अक्टूबर को परिणाम जारी हुआ और 27 अक्टूबर से काउंसलिंग भी शुरू हो गई थी. ऐसे में अब विद्यार्थियों की चिंता का बड़ा कारण यह भी है कि मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (Medical Counseling Committee) ने काउंसलिंग प्रक्रिया में हो रही देरी को लेकर कोई आधिकारिक सूचना और स्पष्टीकरण जारी नहीं किया है.

एडमिशन काउंसलिंग प्रक्रिया में एक 'शब्द' के कारण देरी

एडमिशन काउंसलिंग प्रारंभ नहीं किए जाने का मुख्य कारण नीट यूजी 2021 परीक्षा के हिंदी माध्यम के पेपर में फिजिक्स का एक प्रश्न है. यह फिजिक्स में प्रत्यावर्ती धारा से संबंधित एक प्रश्न का मात्र एक 'शब्द' है जो हिंदी और अंग्रेजी भाषा में तात्पर्य पूर्णतया परिवर्तित हो गया है. ऐसे में प्रश्न का स्वरूप ही बदल गया. इस कारण हिंदी और अंग्रेजी भाषा में इस प्रश्न के उत्तर भी अलग-अलग प्राप्त हुए.

पढ़ें. Alwar News : मत्स्य विश्वविद्यालय में खुलेंगे शोध पीठ अध्ययन केंद्र, युवाओं को होगा लाभ

सुप्रीम कोर्ट में मामला

देव शर्मा ने बताया कि अंग्रेजी माध्यम के प्रश्न पत्र में स्पष्ट तौर पर 'एंप्लीट्यूड ऑफ द करंट' का मान दिया गया था. जबकि हिंदी माध्यम के प्रश्न पत्र में सिर्फ 'करंट' का मान दिया गया था. 'एंप्लीट्यूड' शब्द के कारण प्रश्न का अर्थ अंग्रेजी और हिंदी में अलग-अलग निकला. इस प्रश्न एन2 कोड की एग्जामिनेशन बुकलेट में प्रश्न संख्या 8 पर आया था. हिंदी माध्यम के कुछ विद्यार्थियों ने इस प्रश्न को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में एक याचिका भी दायर की है. इस पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए तीन विषय विशेषज्ञों की कमेटी गठित कर प्रश्न की जांच के आदेश दिए है.

30 नवंबर को होगी सुनवाई

विशेषज्ञ कमेटी की राय के अनुसार 30 नवंबर को याचिका पर दोबारा सुनवाई (SC Hearing On NEET UG) होगी. कोर्ट के निर्णय के अनुरूप नेशनल टेस्टिंग एजेंसी और मेडिकल काउंसलिंग कमेटी आगे की कार्रवाई करेगी. हिंदी माध्यम के स्टूडेंट्स के पक्ष में अगर परिणाम आता है, तो नीट यूजी की मानक उत्तर तालिका हिंदी माध्यम के लिए रिवाइज करनी होगी. जिसके बाद पूरा परीक्षा परिणाम ही बदल जाएगा.

बदल सकती है नीट यूजी की मेरिट लिस्ट, मेडिकल कॉलेजों के नए सत्र भी होंगे देरी से शुरू

देव शर्मा ने बताया कि यदि हिंदी माध्यम के प्रश्न-पत्र में दिए गए प्रत्यावर्ती धारा के इस प्रश्न को हल किया तो ज्ञात होगा कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से जारी की गई मानक उत्तर तालिका में दिया गया 'उत्तर' गलत है. अब हाल ही में तीन विशेषज्ञों की समिति में उन विशेषज्ञों का चयन किया गया है जो विषय को अंग्रेजी एवं हिंदी दोनों भाषाओं में समझते हैं.

पढ़ें. 'नवजीवन' ट्रस्ट, जिसने बापू के संदेशों को जन-जन तक पहुंचाया

जिनका निर्णय भी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की मानक उत्तर-तालिका (NTA Standard Answer Table) में जारी 'उत्तर' को गलत करार देगा. इसकी पूर्ण संभावना है और यदि ऐसा होता है तो नीट यूजी 2021 का परीक्षा परिणाम रिवाइज करना होगा. परीक्षा परिणाम रिवाइज होने की स्थिति में मेरिट सूची परिवर्तित होगी. इस प्रक्रिया में समय लगेगा. जिससे मेडिकल शिक्षा का आगामी शैक्षणिक सत्र देर से प्रारंभ हो पाएगा.

इस साल जिप्मेर पुडुचेरी, इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (आईएमएस) और बीएचयू ने बीएससी नर्सिंग कोर्सेज में प्रवेश नीट यूजी की मेरिट सूची के आधार पर किए जाने का निर्णय लिया था. नीट यूजी 2021 की एडमिशन काउंसलिंग में हो रही देरी के कारण अब इन संस्थानों के बीएससी नर्सिंग कोर्सेज के नए शैक्षणिक सत्र में भी देरी होगी.

कोटा. देश में मेडिकल एंट्रेस का सबसे बड़ा एग्जाम राष्ट्रीय पात्राता सह प्रवेश परिक्षा (NEET UG 2021) में सफल हुए विद्यार्थियों को परीक्षा परिणाम रिवाइज होने का डर सताने लगा है. नीट यूजी 2021 का परीक्षा परिणाम 1 नवंबर को जारी कर दिया था. लेकिन मेडिकल काउंसलिंग कमिटी (Medical Counseling Committee) ने अभी तक एडमिशन काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू नहीं (Delay in NEET UG Counseling) की है. ऐसे में अब 8 लाख 70 हजार से ज्यादा क्वालीफाई विद्यार्थियों में संशय की स्थित बनी हुई है.

कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि सामान्यतया परीक्षा परिणाम जारी होने के 10 से 15 दिन बाद काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू हो जाती है. बीते साल 2020 में तो 17 अक्टूबर को परिणाम जारी हुआ और 27 अक्टूबर से काउंसलिंग भी शुरू हो गई थी. ऐसे में अब विद्यार्थियों की चिंता का बड़ा कारण यह भी है कि मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (Medical Counseling Committee) ने काउंसलिंग प्रक्रिया में हो रही देरी को लेकर कोई आधिकारिक सूचना और स्पष्टीकरण जारी नहीं किया है.

एडमिशन काउंसलिंग प्रक्रिया में एक 'शब्द' के कारण देरी

एडमिशन काउंसलिंग प्रारंभ नहीं किए जाने का मुख्य कारण नीट यूजी 2021 परीक्षा के हिंदी माध्यम के पेपर में फिजिक्स का एक प्रश्न है. यह फिजिक्स में प्रत्यावर्ती धारा से संबंधित एक प्रश्न का मात्र एक 'शब्द' है जो हिंदी और अंग्रेजी भाषा में तात्पर्य पूर्णतया परिवर्तित हो गया है. ऐसे में प्रश्न का स्वरूप ही बदल गया. इस कारण हिंदी और अंग्रेजी भाषा में इस प्रश्न के उत्तर भी अलग-अलग प्राप्त हुए.

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सुप्रीम कोर्ट में मामला

देव शर्मा ने बताया कि अंग्रेजी माध्यम के प्रश्न पत्र में स्पष्ट तौर पर 'एंप्लीट्यूड ऑफ द करंट' का मान दिया गया था. जबकि हिंदी माध्यम के प्रश्न पत्र में सिर्फ 'करंट' का मान दिया गया था. 'एंप्लीट्यूड' शब्द के कारण प्रश्न का अर्थ अंग्रेजी और हिंदी में अलग-अलग निकला. इस प्रश्न एन2 कोड की एग्जामिनेशन बुकलेट में प्रश्न संख्या 8 पर आया था. हिंदी माध्यम के कुछ विद्यार्थियों ने इस प्रश्न को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में एक याचिका भी दायर की है. इस पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए तीन विषय विशेषज्ञों की कमेटी गठित कर प्रश्न की जांच के आदेश दिए है.

30 नवंबर को होगी सुनवाई

विशेषज्ञ कमेटी की राय के अनुसार 30 नवंबर को याचिका पर दोबारा सुनवाई (SC Hearing On NEET UG) होगी. कोर्ट के निर्णय के अनुरूप नेशनल टेस्टिंग एजेंसी और मेडिकल काउंसलिंग कमेटी आगे की कार्रवाई करेगी. हिंदी माध्यम के स्टूडेंट्स के पक्ष में अगर परिणाम आता है, तो नीट यूजी की मानक उत्तर तालिका हिंदी माध्यम के लिए रिवाइज करनी होगी. जिसके बाद पूरा परीक्षा परिणाम ही बदल जाएगा.

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देव शर्मा ने बताया कि यदि हिंदी माध्यम के प्रश्न-पत्र में दिए गए प्रत्यावर्ती धारा के इस प्रश्न को हल किया तो ज्ञात होगा कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से जारी की गई मानक उत्तर तालिका में दिया गया 'उत्तर' गलत है. अब हाल ही में तीन विशेषज्ञों की समिति में उन विशेषज्ञों का चयन किया गया है जो विषय को अंग्रेजी एवं हिंदी दोनों भाषाओं में समझते हैं.

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जिनका निर्णय भी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की मानक उत्तर-तालिका (NTA Standard Answer Table) में जारी 'उत्तर' को गलत करार देगा. इसकी पूर्ण संभावना है और यदि ऐसा होता है तो नीट यूजी 2021 का परीक्षा परिणाम रिवाइज करना होगा. परीक्षा परिणाम रिवाइज होने की स्थिति में मेरिट सूची परिवर्तित होगी. इस प्रक्रिया में समय लगेगा. जिससे मेडिकल शिक्षा का आगामी शैक्षणिक सत्र देर से प्रारंभ हो पाएगा.

इस साल जिप्मेर पुडुचेरी, इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (आईएमएस) और बीएचयू ने बीएससी नर्सिंग कोर्सेज में प्रवेश नीट यूजी की मेरिट सूची के आधार पर किए जाने का निर्णय लिया था. नीट यूजी 2021 की एडमिशन काउंसलिंग में हो रही देरी के कारण अब इन संस्थानों के बीएससी नर्सिंग कोर्सेज के नए शैक्षणिक सत्र में भी देरी होगी.

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