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दर्द-ए-बाढ़ः अपने आशियाने की सुध लेने पहुंचे बाढ़ पीड़ित, सब कुछ बहा ले गया पानी

कोटा के कई इलाकों में पिछले दिनों हुई भारी बारिश के कारण लोगों के घर पानी में घिर गए थे. अब वहां से पानी कुछ कम होने के बाद बाढ़ पीड़ित लोग अपनी घरों की सुध लेने पहुंचे है. जिनमें सामने आया कि कइयों के घर धराशायी हो गए तो कई लोगों के घरों का सामान पानी अपने तेज बहाव में साथ ही ले गया. पेश है एक खास रिपोर्ट -

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Published : Sep 17, 2019, 10:33 PM IST

कोटा. क्षेत्र के कई इलाकों में पिछले कुछ दिनों से जमा पानी की निकासी के बाद अब बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों के हालात भयावह हो गए है. कई मकान धराशायी हो गए हैं तो कई लोगों के घरों के सामान बाढ़ में बह गए है. इनमें कई लोग तो ऐसे हैं जो मेहनत मजदूरी कर अपना जीवन यापन करने वाले है. इन परिवारों के सामने अब खाने-कमाने की चिंता भी सताने लगी है.

कोटा में पानी ने बढ़ा दी लोगों की परेशानी

कोटा में बैराज से छोड़े गए पानी की वजह से आई बाढ़ से कई मकान धराशायी हो गए. बाढ़ पीड़ित लोगों के सामान बह गए. इससे उन्हें लाखों रुपयों का नुकसान हो गया है. इन क्षेत्रों में ज्यादातर मेहनत मजदूरी कर जीवन यापन करने वाले लोग है. अब उनके घर का सारा सामान बहने के बाद अब इनको खाने-पीने की समस्या सताने लगी है. हालांकि कोटा बैराज से अब धीरे-धीरे पानी कम करने से कई बस्तियों से पानी उतर गया है.

यह भी पढ़ें : गहलोत की 'सर्जिकल स्ट्राइक' : ना बसपा को भनक लगी, ना राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष पायलट को...

जैसे-जैसे पानी उतरता गया, लोग अपने घरों को संभालने पहुंचे तो स्थिति देख लोगों की रुलाई फुट पड़ी. बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि उनके घर में अब एक कटोरी भी नहीं बची है. सारा सामान पानी में बह गया. बापू बस्ती निवासी दिनेश ने बताया कि जो कपड़े हमने पहन रखे है, सिर्फ वही बचे हैं. बाकी सब बह गया और मकान भी गिर गया.

यह भी पढ़ें : बीकानेरः अंधेरे में बदमाश ने की फायरिंग...वारदात CCTV में कैद

बलिता निवासी देवीचंद ने कहा कि कूलर-फ्रिज तक पानी में बह गए और खाने-पीने का भी सामान नहीं बचा. मनभर देवी का कहना है कि सिर्फ एक बक्से का सामान बचा है, बाकी सब पानी में बह गया. संजू ने बताया कि क्षेत्र में पानी सब कुछ अपने साथ बह ले गया.

हालांकि अब क्षेत्र में पानी कम होने के बाद लोगों ने अपने घरों की सुध ली तो जो सामान बचा हुआ था, उसे निकलने में जुटे. वहीं जिन परिवारों के घरों का अधिकांश सामान पानी में बह गया, अब उन्हें घर को लेकर चिंता भी सताने लगी है. इन गरीब तबके के लोगों के पास अब कुछ नहीं बचा है.

कोटा. क्षेत्र के कई इलाकों में पिछले कुछ दिनों से जमा पानी की निकासी के बाद अब बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों के हालात भयावह हो गए है. कई मकान धराशायी हो गए हैं तो कई लोगों के घरों के सामान बाढ़ में बह गए है. इनमें कई लोग तो ऐसे हैं जो मेहनत मजदूरी कर अपना जीवन यापन करने वाले है. इन परिवारों के सामने अब खाने-कमाने की चिंता भी सताने लगी है.

कोटा में पानी ने बढ़ा दी लोगों की परेशानी

कोटा में बैराज से छोड़े गए पानी की वजह से आई बाढ़ से कई मकान धराशायी हो गए. बाढ़ पीड़ित लोगों के सामान बह गए. इससे उन्हें लाखों रुपयों का नुकसान हो गया है. इन क्षेत्रों में ज्यादातर मेहनत मजदूरी कर जीवन यापन करने वाले लोग है. अब उनके घर का सारा सामान बहने के बाद अब इनको खाने-पीने की समस्या सताने लगी है. हालांकि कोटा बैराज से अब धीरे-धीरे पानी कम करने से कई बस्तियों से पानी उतर गया है.

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जैसे-जैसे पानी उतरता गया, लोग अपने घरों को संभालने पहुंचे तो स्थिति देख लोगों की रुलाई फुट पड़ी. बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि उनके घर में अब एक कटोरी भी नहीं बची है. सारा सामान पानी में बह गया. बापू बस्ती निवासी दिनेश ने बताया कि जो कपड़े हमने पहन रखे है, सिर्फ वही बचे हैं. बाकी सब बह गया और मकान भी गिर गया.

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बलिता निवासी देवीचंद ने कहा कि कूलर-फ्रिज तक पानी में बह गए और खाने-पीने का भी सामान नहीं बचा. मनभर देवी का कहना है कि सिर्फ एक बक्से का सामान बचा है, बाकी सब पानी में बह गया. संजू ने बताया कि क्षेत्र में पानी सब कुछ अपने साथ बह ले गया.

हालांकि अब क्षेत्र में पानी कम होने के बाद लोगों ने अपने घरों की सुध ली तो जो सामान बचा हुआ था, उसे निकलने में जुटे. वहीं जिन परिवारों के घरों का अधिकांश सामान पानी में बह गया, अब उन्हें घर को लेकर चिंता भी सताने लगी है. इन गरीब तबके के लोगों के पास अब कुछ नहीं बचा है.

Intro: पानी उतरने के बाद बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रो के हालात भयावह हो गए है।कई मकान धराशायी हो गए तो कई लोगो के घरों के सामान बाढ़ में बह गए।
मेहनत मजदूरी कर जीवन यापन करने वाले परिवारों के सामने खाने कमाने की चिंता सताने लगी।
कोटा में बैराज से छोड़ा गया पानी से आई बाढ़ से कई मकान धरासायी हो गए।लोगो के सामान बह गए।इससे करोड़ो रुपयों का नुकसान हो गया है।इन क्षेत्रों में ज्यादातर मेहनत मजदूरी कर जीवन यापन करने वाले लोग है।सारा सामान बहने के बाद अब इनको खाने पीने की समस्या सताने लगी।
Body:हालांकि कोटा बैराज से अब धीरे धीरे पानी कम करने से कई बस्तियों से पानी उतर गया।
जैसे जैसे पानी उतरता गया लोग अपने घरों को संभालने पहुचे तो स्थिति देख लोगो की रुलाई फुट पड़ी।पीड़ितों ने बताया कि एक कटोरी भी नही बची सारा सामान बह गया।बापू बस्ती निवासी दिनेश ने कहा कि जो कपड़े हमने पहन रखे है वही बचा है।बाकी सब बह गया।ओर मकान भी गिर गया।बलिता निवासी देवी चंद ने कहा कि कूलर फ्रिज सब बह गए और खाने पीने का भी सामान नही बचा एक कटोरी भी नही बची।मनभर बाई का कहना है कि सिर्फ एक बक्से के सामान बचा है बाकी सब बह गया।मकान की दीवारें टूट गई। संजू ने बताया कि सब कुछ बह गया सड़क पर आ गए।
Conclusion:पानी उतरने के बाद लोगो ने अपने घरों की सुध ली तो जो सामान बचा हुआ था उनको निकलने में लगे।और कई के तो कुछ भी नही बचने से सड़क पर आ गए।इन गरीब तबके के लोगो के पास अब कुछ नही बचा।इनको खाने पीने की चिंता सताने लगी।
बाईट- दिनेश, पीड़ित,बापू बस्ती निवासी
बाईट-देवीचंद, पीड़ित,बालिता निवासी
बाईट-मनभर बाई, पीड़िता स्थानीय निवासी
बाईट-संजू, पीड़िता, स्थानीय निवासी
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