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लॉकडाउन का ब्रेकडाउनः खाद्य सामग्री खत्म होने पर बाहर निकलने को मजबूर मजदूर

कोटा शहर में मजदूर तबके के लोगों की कोरोना वायरस को लेकर हुए लॉक डाउन के चलते भूखे मरने की नौबत आ रही है. ऐसे में लोग घरों से बाहर निकल रहे हैं और सरकार से खाद्य सामग्री की मांग कर रहे हैं.

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खाने पीने का सामान नहीं होने से घर से बाहर निकल रहे लोग
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Published : Mar 29, 2020, 12:01 PM IST

कोटा. कोरोनावायरस को लेकर हुए लॉक डाउन के चलते कोटा शहर के शिवपुरा इलाके के मजदूर तबके के लोग राशन पानी खत्म होने पर घर से बाहर निकल रहे हैं. लोगों का आरोप है कि सरकार कह रही है कि सहायता पहुंचेगी लेकिन अभी तक कुछ नहीं पहुंचा है.

खाने पीने का सामान नहीं होने से घर से बाहर निकल रहे लोग

लोगों का कहना है कि 2 दिनों से घरों के अंदर खाने तक का कुछ नहीं बन पाया है. ऐसे में पानी पीकर के कब तक जीवन यापन करेंगे. महिलाओं ने आरोप लगाया है कि किराने की दुकान में सामान लेने जाते हैं तो वह भी काफी महंगा मिल रहा है. ऐसे में हमारे पास पैसे भी खत्म हो गए हैं. हमारे पास जो बची खुची पूंजी है उनसे हमारे सामान की पूर्ति नहीं हो पा रही है. अब तो वह भी खत्म हो गई है. ऐसे में खाने पीने की समस्याएं सताने लगी हैं.

यह भी पढ़ें: हारेगा कोरोना: CM गहलोत का PM मोदी को पत्र, 'सभी राज्यों को एकमुश्त 1 लाख करोड़ अनुदान उपलब्ध कराने का अनुरोध'

कोरोनावायरस के चलते लॉक डाउन में शहर के जो मजदूर वर्ग के गरीब तबके के लोग हैं उन्हे खाने-पीने की समस्याएं काफी सताने लगी है. हालांकि प्रशासन ने सामाजिक संस्थाओं की ओर से इनकी व्यवस्थाएं की हैं, लेकिन यह व्यवस्थाएं कुछ जगह पहुंच रही है कुछ जगह नहीं पहुंची है. ऐसे में लोगों को भूखा रहने पर मजबूर होना पड़ रहा है और वह लॉक डाउन के चलते इसका उल्लंघन करते हुए घरों के बाहर एकत्रित हो रहे हैं.

कोटा. कोरोनावायरस को लेकर हुए लॉक डाउन के चलते कोटा शहर के शिवपुरा इलाके के मजदूर तबके के लोग राशन पानी खत्म होने पर घर से बाहर निकल रहे हैं. लोगों का आरोप है कि सरकार कह रही है कि सहायता पहुंचेगी लेकिन अभी तक कुछ नहीं पहुंचा है.

खाने पीने का सामान नहीं होने से घर से बाहर निकल रहे लोग

लोगों का कहना है कि 2 दिनों से घरों के अंदर खाने तक का कुछ नहीं बन पाया है. ऐसे में पानी पीकर के कब तक जीवन यापन करेंगे. महिलाओं ने आरोप लगाया है कि किराने की दुकान में सामान लेने जाते हैं तो वह भी काफी महंगा मिल रहा है. ऐसे में हमारे पास पैसे भी खत्म हो गए हैं. हमारे पास जो बची खुची पूंजी है उनसे हमारे सामान की पूर्ति नहीं हो पा रही है. अब तो वह भी खत्म हो गई है. ऐसे में खाने पीने की समस्याएं सताने लगी हैं.

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कोरोनावायरस के चलते लॉक डाउन में शहर के जो मजदूर वर्ग के गरीब तबके के लोग हैं उन्हे खाने-पीने की समस्याएं काफी सताने लगी है. हालांकि प्रशासन ने सामाजिक संस्थाओं की ओर से इनकी व्यवस्थाएं की हैं, लेकिन यह व्यवस्थाएं कुछ जगह पहुंच रही है कुछ जगह नहीं पहुंची है. ऐसे में लोगों को भूखा रहने पर मजबूर होना पड़ रहा है और वह लॉक डाउन के चलते इसका उल्लंघन करते हुए घरों के बाहर एकत्रित हो रहे हैं.

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