कोटा. चंबल नदी के पानी में थर्मल पावर प्लांट का काला दूषित तेल मिल रहा है, जिससे जल जीवों पर खतरा मंडरा आ रहा है. कोटा शहर के मध्य से बह रही चंबल नदी के पास चंबल गार्डन और किशोरपुरा मुक्ति धाम में घूमने आए लोगों को चंबल नदी में तेल के थक्के नजर आए.
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बता दें कि पूर्व में भी थर्मल प्रशासन की लापरवाही सामने आई थी और तब भी चंबल नदी में इस तरह तेल के थक्के नजर आए थे. चंबल को प्रदूषण मुक्त करने के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन थर्मल प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है. इसके कारण गुरुवार को फिर से चंबल नदी में तेल के थक्के नजर आए और चंबल के प्रदूषित होने के कारण नदी में जीव जंतु पर इसका असर पड़ रहा है.
थर्मल प्रशासन का कहना है कि यह थर्मल से निकला तेल नहीं है बल्कि नालों में बहने वाले कचरों का अवशेष है. उन्होंने कहा कि फिर भी पानी के सैंपल ले लिए हैं जिनकी जांच की जाएगी. उनका कहना है कि थर्मल प्लांट में रिसाव की जांच की जाएगी और कहीं रिसाब हो रहा होगा तो उसको तुरंत बंद करवाया जाएगा.
नदी में विचरण करने वाले जलीय जीवों को खतरा
थर्मल के डिप्टी चीफ इंजीनियर आर्यन गुप्ता ने बताया कि चंबल सेंचुरी घड़ियाल अभ्यारण है. इसमें कई जलीय जीव जंतु विचरण करते हैं, जिनकी सुरक्षा को देखते हुए थर्मल प्रशासन हमेशा से सतर्कता बरतते आया है. अगर थर्मल से इसमें कहीं से भी तेल आया होगा तो उसे तुरंत बंद करवाने की कवायद की जाएगी.