कोटा. जिले की सांगोद सीट से विधायक भरत सिंह मुख्यमंत्री से लेकर अधिकारियों तक को पत्र लिखते हैं और समस्याओं को उजागर करते हैं. इस बार जनता के नाम लिखे पत्र में भरत सिंह ने कहा है कि वे अगला चुनाव नहीं (Congress MLA Bharat Singh not to contest next election) लड़ेंगे. इस पत्र में उन्होंने जिक्र किया है कि कई काम सांगोद और दीगोद एरिया में करवाए, लेकिन चंबल फर्टिलाइजर एंड केमिकल लिमिटेड गड़ेपान में अपने क्षेत्र के युवाओं को नौकरी नहीं दिलाने का 'कलंक' लगा, जिसे वह स्वीकार भी करते हैं.
भरत सिंह ने पत्र में लिखा है कि 2023 के अंत में विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो जाएगा. उन्होंने क्षेत्र की जनता को बताया है कि वे पूर्व घोषणा पर कायम रहते हुए आगामी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. उन्होंने लिखा कि आप लोगों के सहयोग से सांगोद विधानसभा क्षेत्र में तीन बार विधायक रह कर विकास कार्य करवाए हैं. हालांकि उन्हें खेद है कि चंबल फर्टिलाइजर एंड केमिकल लिमिटेड गड़ेपान के कारखाने में स्थानीय विधायक होने के बाद भी योग्य युवकों को नौकरी नहीं दिला सके. वे इसे 'कलंक' का नाम देते हैं और इसे स्वीकार भी करते (Bharat Singh on jobs to locals in CFCL) हैं.
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विधायक भरत सिंह ने लिखा है कि यह कारखाना कांग्रेस के शासनकाल में केके बिरला ने लगवाया था. इस कारखाने में सभी भर्ती कोटा वाले बिरला कहने पर ही दी जाती है. 'यह कटु सत्य है'. इसी कारण जो भी युवा नौकरी के लिए मेरे पास आशा लेकर आते हैं, वे निराश होकर लौटते हैं. युवाओं को भर्ती करने का कार्य भी बिरला से जुड़े अपात्र अधिकारी ही करते हैं. अब मैंने तय किया है कि मैं चंबल फर्टिलाइजर के गेट पर इस सच्चाई को उजागर करने के लिए धरना दूंगा. आप की राय जानने के लिए यह पत्र आपको लिख रहा हूं. कृपया अपनी राय से अवगत कराएं.
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घर पर लिखवाया हुआ है, सीएफसीएल में मेरे कहने पर नहीं मिलती नौकरी: विधायक भरत सिंह ने पहले से उनके निवास के बाहर सूचना चस्पा की हुई है. जिसमें लिखा हुआ है कि, 'सीएफसीएल में उनके कहने पर नौकरी नहीं दी जाती है.' इस मामले में भरत सिंह का कहना है कि उन्होंने अपने जानकार लोगों को सूचना देने के लिए यह पत्र लिखा है. साथ ही कहा कि सीएफसीएल गड़ेपान में ह्यूमन रिसोर्स डिपार्टमेंट में चापलूस लोगों को लगा रखा है. ये लोग वहां पर खुलने वाली सारी भर्तियां अपने मिलने वाले लोगों को दे देते हैं, जबकि स्थानीय लोगों को नौकरी नहीं दी जा रही है. इसीलिए एचआर डिपार्टमेंट में प्रोफेशनल लोगों को ही लगाना चाहिए, जिससे व्यवस्था में सुधार हो सकता है.