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ट्रांसफर पर बैन को लेकर कांग्रेस विधायक भरत सिंह की खरी-खरी, 'यह कोई भैंस है क्या, जो शाम होते ही खूटे से बांधी जाए'

कांग्रेस विधायक भरत सिंह ने ट्रांसफर पर बैन पर आपत्ति जता दी है. उन्होंने कहा कि ट्रांसफर पर बैन क्या होता है? यह कोई भैंस है क्या, जो शाम होते ही खूटे से बांधी जाए? इसको खुला रखना चाहिए. ट्रांसफर पर बैन नहीं लगाना चाहिए. इससे कर्मचारियों का डर खत्म हो जाता है कि उसका कभी भी ट्रांसफर हो जाएगा.

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Published : Jan 13, 2021, 8:04 PM IST

Bharat Singh statement, Bharat Singh statement regarding transfer
ट्रांसफर पर बैन को लेकर कांग्रेस विधायक भरत सिंह की खरी-खरी

कोटा. सांगोद से विधायक भरत सिंह हमेशा अपने बयानों के लिए जाने जाते हैं. बुधवार को कांग्रेस के संगठन पदाधिकारी कोटा मीटिंग लेने के लिए आए थे. यहां पर इस बैठक को संबोधित करते हुए भरत सिंह ने ट्रांसफर पर बैन पर आपत्ति जता दी है. उन्होंने कहा कि ट्रांसफर पर बैन क्या होता है? यह कोई भैंस है, क्या जो शाम होते ही खूटे से बांधी जाए? इसको खुला रखना चाहिए. ट्रांसफर पर बैन नहीं लगाना चाहिए. इससे कर्मचारियों का डर खत्म हो जाता है कि उसका कभी भी ट्रांसफर हो जाएगा.

ट्रांसफर पर बैन को लेकर कांग्रेस विधायक भरत सिंह की खरी-खरी

उन्होंने कहा कि कार्मिकों में डर होना ही चाहिए, जो गलत करते हैं. बैन लगा देने से कर्मचारी मस्त हो जाते हैं. यह बैन पहले भी कई बार लगता है, लेकिन मैंने आपत्ति नहीं जताई. इस बार चर्चा चली है, तो मैं बोला हूं. कई लोगों के कार्य अटके हुए हैं, उन्हें कुछ भी नहीं दे सकते तो, इतनी तो स्वतंत्रता मिलनी चाहिए, जो व्यक्ति गलत काम कर रहा है, उसका ट्रांसफर करवा सकें.

कलेक्ट्रेट की जगह सांसद के घर के बाहर हो प्रदर्शन

भरत सिंह ने संभागीय संगठन प्रभारी और पीसीसी उपाध्यक्ष राजेंद्र चौधरी से कहा कि सभी प्रदर्शन कलेक्ट्रेट की जगह सांसद के घर के बाहर आयोजित होने चाहिए, क्योंकि हम प्रदर्शन अपनी बात को ऊपर तक पहुंचाने के लिए करते हैं. हमारे कोटा बूंदी सांसद लोकसभा स्पीकर हैं और हम वहां पर जो प्रदर्शन करेंगे, उसको अटेंशन मिलेगा. उसके जरिए हमारी बात आगे ऊपर पहुंचेगी. इसीलिए जितने भी अब कांग्रेस के आगामी प्रदर्शन हो, वह सांसद के घर के बाहर होने चाहिए.

पढ़ें- अजमेर: पीडी अकाउंट के विरोध में सरपंच, जिला मुख्यालय पर किया प्रदर्शन

एक आदमी को बनाया जाए टीम लीडर

भरत सिंह ने पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी से यह भी कहा कि एक ही व्यक्ति को टीम लीडर बनाया जाना चाहिए. अभी बूंदी और झालावाड़ में चुनाव है, लेकिन वहां पर खिचड़ी बनी हुई है. सभी नेता वहां पर कैप्टन की भूमिका निभा रहे हैं, जबकि कोटा में हुए नगर निगम चुनाव में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल की लीडरशिप थी, इसीलिए सफलता मिली है. ऐसे में दोनों जगह पर एक ही व्यक्ति को लीडर बना कर पेश किया जाए, ताकि सफलता मिले.

कोटा. सांगोद से विधायक भरत सिंह हमेशा अपने बयानों के लिए जाने जाते हैं. बुधवार को कांग्रेस के संगठन पदाधिकारी कोटा मीटिंग लेने के लिए आए थे. यहां पर इस बैठक को संबोधित करते हुए भरत सिंह ने ट्रांसफर पर बैन पर आपत्ति जता दी है. उन्होंने कहा कि ट्रांसफर पर बैन क्या होता है? यह कोई भैंस है, क्या जो शाम होते ही खूटे से बांधी जाए? इसको खुला रखना चाहिए. ट्रांसफर पर बैन नहीं लगाना चाहिए. इससे कर्मचारियों का डर खत्म हो जाता है कि उसका कभी भी ट्रांसफर हो जाएगा.

ट्रांसफर पर बैन को लेकर कांग्रेस विधायक भरत सिंह की खरी-खरी

उन्होंने कहा कि कार्मिकों में डर होना ही चाहिए, जो गलत करते हैं. बैन लगा देने से कर्मचारी मस्त हो जाते हैं. यह बैन पहले भी कई बार लगता है, लेकिन मैंने आपत्ति नहीं जताई. इस बार चर्चा चली है, तो मैं बोला हूं. कई लोगों के कार्य अटके हुए हैं, उन्हें कुछ भी नहीं दे सकते तो, इतनी तो स्वतंत्रता मिलनी चाहिए, जो व्यक्ति गलत काम कर रहा है, उसका ट्रांसफर करवा सकें.

कलेक्ट्रेट की जगह सांसद के घर के बाहर हो प्रदर्शन

भरत सिंह ने संभागीय संगठन प्रभारी और पीसीसी उपाध्यक्ष राजेंद्र चौधरी से कहा कि सभी प्रदर्शन कलेक्ट्रेट की जगह सांसद के घर के बाहर आयोजित होने चाहिए, क्योंकि हम प्रदर्शन अपनी बात को ऊपर तक पहुंचाने के लिए करते हैं. हमारे कोटा बूंदी सांसद लोकसभा स्पीकर हैं और हम वहां पर जो प्रदर्शन करेंगे, उसको अटेंशन मिलेगा. उसके जरिए हमारी बात आगे ऊपर पहुंचेगी. इसीलिए जितने भी अब कांग्रेस के आगामी प्रदर्शन हो, वह सांसद के घर के बाहर होने चाहिए.

पढ़ें- अजमेर: पीडी अकाउंट के विरोध में सरपंच, जिला मुख्यालय पर किया प्रदर्शन

एक आदमी को बनाया जाए टीम लीडर

भरत सिंह ने पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी से यह भी कहा कि एक ही व्यक्ति को टीम लीडर बनाया जाना चाहिए. अभी बूंदी और झालावाड़ में चुनाव है, लेकिन वहां पर खिचड़ी बनी हुई है. सभी नेता वहां पर कैप्टन की भूमिका निभा रहे हैं, जबकि कोटा में हुए नगर निगम चुनाव में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल की लीडरशिप थी, इसीलिए सफलता मिली है. ऐसे में दोनों जगह पर एक ही व्यक्ति को लीडर बना कर पेश किया जाए, ताकि सफलता मिले.

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