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हाड़ौती में तीन मंत्रियों के विधानसभा क्षेत्रों में पिछड़ी कांग्रेस...विधायक भी नहीं दिला पाए बढ़त - मंत्री

विधानसभा चुनाव में हाड़ौती की 17 में से 7 सीटों पर कांग्रेस पार्टी जीती थी. लेकिन 4 महीने बाद लोकसभा चुनाव में भाजपा को सभी 17 सीटों पर बढ़त मिली है. बता दें कि विधानसभा चुनाव में हाड़ौती की सभी सीटों पर कांग्रेस 6 हजार 566 वोट से पिछड़ी थी, लेकिन लोकसभा चुनाव में वोटों का फासला बढ़कर 7 लाख 69 हजार 980 पहुंच गया है.

रामनारायण मीणा और शांति धारीवाल
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Published : May 24, 2019, 5:24 PM IST

कोटा. लोकसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं और प्रदेश में भाजपा ने सभी 25 सीटों पर जीत हासिल की है. प्रदेश के हाड़ौती क्षेत्र में भी सभी 17 विधानसभा सीटों पर भाजपा प्रत्याशी को बढ़त मिली है. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस हाड़ौती में 6 हजार 566 वोट के मार्जिन से पिछड़ी थी, लेकिन लोकसभा चुनाव में वोटों का फासला बढ़कर 7 लाख 69 हजार 980 पहुंच गया है. जबकि विधानसभा चुनाव में हाड़ौती की 7 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी, लेकिन 4 महीने बाद लोकसभा चुनाव में भाजपा को बढ़त मिली है.

हाड़ौती में तीन मंत्रियों के विधानसभा क्षेत्रों में पिछड़ी कांग्रेस...विधायक भी नहीं दिला पाए बढ़त

गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 14 लाख 35 हजार 658 वोट मिले थे, लेकिन लोकसभा चुनाव में महज 10 लाख 10 हजार 367 वोट मिले हैं. वहीं भाजपा ने विधानसभा चुनाव में हाड़ौती की 10 सीटें जीती थी और उसे 14 लाख 42 हजार 224 वोट मिले. वहीं लोकसभा चुनाव में भाजपा को 17 लाख 81 हजार 662 वोट मिले हैं.

तीनों मंत्रियों की सीट पर कांग्रेस की हार
विधानसभा चुनाव में हाड़ौती की 7 सीटों पर कांग्रेस विधायक जीते थे. इनमें से तीन को राज्य सरकार के मंत्रिमंडल में जगह मिली थी. लेकिन 4 महीने बाद ही लोकसभा चुनाव में इन मंत्रियों के विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस कमजोर हो गई है. कोटा उत्तर सीट से मंत्री शांति धारीवाल ने 17 हजार 945 वोट से जीत दर्ज की थी. अब लोकसभा चुनाव में यहां से कांग्रेस को 12 हजार 988 मतों से शिकस्त मिली है. अंता सीट से प्रमोद जैन भाया को 34 हजार 063 मतों से जीत मिली थी, लेकिन अब इस सीट पर कांग्रेस 25 हजार 865 वोट से हार गई है. हिंडोली सीट से अशोक चांदना 30 हजार 541 वोटों से जीते थे, लेकिन सांसद के चुनाव में कांग्रेस 37 हजार 600 मतों से हार गई.

मीणा खुद की सीट से भी नहीं ले सके लीड
कोटा-बूंदी लोकसभा सीट से कांग्रेस ने पीपल्दा से विधायक रामनारायण मीणा को मैदान में उतारा था. मीणा ने विधानसभा चुनाव में पीपल्दा सीट से भाजपा प्रत्याशी ममता शर्मा को 14 हजार 905 मतों से शिकस्त दी थी, लेकिन लोकसभा चुनाव में रामनारायण मीणा अपने ही विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी प्रत्याशी ओम बिरला से 12 हजार 746 मतों से पिछड़ गए.

कांग्रेस को यह विधायक भी नहीं दिला पाए जीत
कोटा की सांगोद सीट से विधायक भरत सिंह ने करीब अठारह सौ से अधिक मतों से जीत दर्ज की थी, लेकिन लोकसभा चुनाव में सांगोद से 29 हजार 145 मतों से कांग्रेस पिछड़ गई है. इसी तरह से बारां जिले की किशनगंज सीट से कांग्रेस विधायक निर्मला सहरिया 14 हजार 136 वोटों से जीती थी. लेकिन इस बार उनकी सीट पर कांग्रेस 21 हजार 295 मतों से पीछे रही है. वहीं बारां-अटरू सीट से कांग्रेस के विधायक पानाचंद मेघवाल 12 हजार 248 वोटों से जीते थे. लेकिन इस चुनाव में यहां से भाजपा को 37 हजार 254 वोटों की लीड मिली है.

कोटा. लोकसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं और प्रदेश में भाजपा ने सभी 25 सीटों पर जीत हासिल की है. प्रदेश के हाड़ौती क्षेत्र में भी सभी 17 विधानसभा सीटों पर भाजपा प्रत्याशी को बढ़त मिली है. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस हाड़ौती में 6 हजार 566 वोट के मार्जिन से पिछड़ी थी, लेकिन लोकसभा चुनाव में वोटों का फासला बढ़कर 7 लाख 69 हजार 980 पहुंच गया है. जबकि विधानसभा चुनाव में हाड़ौती की 7 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी, लेकिन 4 महीने बाद लोकसभा चुनाव में भाजपा को बढ़त मिली है.

हाड़ौती में तीन मंत्रियों के विधानसभा क्षेत्रों में पिछड़ी कांग्रेस...विधायक भी नहीं दिला पाए बढ़त

गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 14 लाख 35 हजार 658 वोट मिले थे, लेकिन लोकसभा चुनाव में महज 10 लाख 10 हजार 367 वोट मिले हैं. वहीं भाजपा ने विधानसभा चुनाव में हाड़ौती की 10 सीटें जीती थी और उसे 14 लाख 42 हजार 224 वोट मिले. वहीं लोकसभा चुनाव में भाजपा को 17 लाख 81 हजार 662 वोट मिले हैं.

तीनों मंत्रियों की सीट पर कांग्रेस की हार
विधानसभा चुनाव में हाड़ौती की 7 सीटों पर कांग्रेस विधायक जीते थे. इनमें से तीन को राज्य सरकार के मंत्रिमंडल में जगह मिली थी. लेकिन 4 महीने बाद ही लोकसभा चुनाव में इन मंत्रियों के विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस कमजोर हो गई है. कोटा उत्तर सीट से मंत्री शांति धारीवाल ने 17 हजार 945 वोट से जीत दर्ज की थी. अब लोकसभा चुनाव में यहां से कांग्रेस को 12 हजार 988 मतों से शिकस्त मिली है. अंता सीट से प्रमोद जैन भाया को 34 हजार 063 मतों से जीत मिली थी, लेकिन अब इस सीट पर कांग्रेस 25 हजार 865 वोट से हार गई है. हिंडोली सीट से अशोक चांदना 30 हजार 541 वोटों से जीते थे, लेकिन सांसद के चुनाव में कांग्रेस 37 हजार 600 मतों से हार गई.

मीणा खुद की सीट से भी नहीं ले सके लीड
कोटा-बूंदी लोकसभा सीट से कांग्रेस ने पीपल्दा से विधायक रामनारायण मीणा को मैदान में उतारा था. मीणा ने विधानसभा चुनाव में पीपल्दा सीट से भाजपा प्रत्याशी ममता शर्मा को 14 हजार 905 मतों से शिकस्त दी थी, लेकिन लोकसभा चुनाव में रामनारायण मीणा अपने ही विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी प्रत्याशी ओम बिरला से 12 हजार 746 मतों से पिछड़ गए.

कांग्रेस को यह विधायक भी नहीं दिला पाए जीत
कोटा की सांगोद सीट से विधायक भरत सिंह ने करीब अठारह सौ से अधिक मतों से जीत दर्ज की थी, लेकिन लोकसभा चुनाव में सांगोद से 29 हजार 145 मतों से कांग्रेस पिछड़ गई है. इसी तरह से बारां जिले की किशनगंज सीट से कांग्रेस विधायक निर्मला सहरिया 14 हजार 136 वोटों से जीती थी. लेकिन इस बार उनकी सीट पर कांग्रेस 21 हजार 295 मतों से पीछे रही है. वहीं बारां-अटरू सीट से कांग्रेस के विधायक पानाचंद मेघवाल 12 हजार 248 वोटों से जीते थे. लेकिन इस चुनाव में यहां से भाजपा को 37 हजार 254 वोटों की लीड मिली है.

Intro:कोटा.
लोकसभा चुनाव के परिणाम में हाड़ौती की सभी 17 विधानसभा सीटों पर से भाजपा को ही बढ़त मिली है. कांग्रेस पार्टी जहां गत विधानसभा चुनावों में महज 6566 वोटों के अंतर से पिछड़ी थी, ये अंतर लोकसभा चुनाव में बढ़कर 769980 पहुंच गया है. हाड़ौती में जहां 2018 में 17 सीटों में से कांग्रेस 7 सीटों पर काबिज हुई थी, लेकिन महज 4 माह बाद हुए लोकसभा चुनाव में इन सभी 17 विधानसभा सीटों पर भाजपा को बढ़त मिली है.कांग्रेस को जहां विधानसभा चुनाव में 1435658 वोट मिले थे, इस बार लोकसभा चुनाव में महज 1010367 वोट मिले हैं.
वहीं भारतीय जनता पार्टी की बात की जाए तो गत विधानसभा चुनाव में 10 सीट जीतकर भारतीय जनता पार्टी ने हाड़ौती में 1442224 वोट लेकर आई थी. लोकसभा चुनाव में यह आंकड़ा बढ़कर 1781662 पर पहुंच गया है.


Body:तीनों दिग्गज मंत्रियों की सीट पर कांग्रेस की हार
2018 के विधानसभा चुनावों में जहां पर हाड़ौती में जो सात विधायक चुने गए थे. इनमें से तीन को राज्य सरकार के मंत्रिमंडल में जगह मिली, लेकिन 4 महीने बाद ही हुए लोकसभा चुनाव में इन मंत्रियों के विधानसभा क्षेत्र में ही कांग्रेस कमजोर हो गई है. तीनों मंत्रियों इस सीट पर कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा है. मंत्री शांति धारीवाल कोटा उत्तर सीट से जहां पर 17945 वोटों से जीत कर आए थे, उसी सीट पर कांग्रेस को 12988 मतों से करारी शिकस्त मिली है. दूसरे दिग्गज मंत्री प्रमोद जैन भाया को अंता विधानसभा सीट से जहां पर 34063 मतों से जीत मिली थी, 4 महीने बाद ही इस सीट पर 25865 वोटों से कांग्रेस हार गई है. हाड़ौती के कोटे से तीसरे मंत्री अशोक चांदना हिंडोली विधानसभा सीट से 30541 वोटों से जीते थे, लेकिन इन चुनावों में 37600 वोट हिंडोली सीट पर भाजपा प्रत्याशी को ज्यादा मिले.


Conclusion:मीणा खुद की सीट से भी नहीं ले सके लीड
कांग्रेस पार्टी ने जहां कोटा बूंदी लोकसभा सीट से उम्मीदवार के रूप में पीपल्दा के विधायक रामनारायण मीणा को ही मैदान में उतारा था, वह भी अपनी सीट से ही लीड लेने में कामयाब नहीं रहे. विधानसभा चुनाव में पीपल्दा सीट से रामनारायण मीणा ने भाजपा प्रत्याशी ममता शर्मा को 14905 वोटों से हराया था. इन लोकसभा चुनाव में उन्हें पीपल्दा विधानसभा सीट पर ही भाजपा प्रत्याशी ओम बिरला से 12746 मतों से पिछड़ गए हैं.

यह विधायक भी नहीं जीता पाए कांग्रेस को
इसके अलावा कोटा की सांगोद सीट से विधायक भरत सिंह जहां पर 1868 मतों से विजयी रहे थे, लेकिन लोकसभा चुनाव में सांगोद से 29145 मतों से कांग्रेस पिछड़ गई है. इसी तरह से बारां जिले की किशनगंज सीट से कांग्रेस विधायक निर्मला सहरिया 14136 वोटों से जीती थी, उनकी सीट पर 21295 मतों से कांग्रेस पीछे रही है. वही बारां अटरू सीट से कांग्रेस विधायक पानाचंद मेघवाल 12248 वोटों से जीत गए थे. लोकसभा चुनाव में भाजपा को बारां सीट से 37254 मतों की लीड मिली है.
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