कोटा. लोकसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं और प्रदेश में भाजपा ने सभी 25 सीटों पर जीत हासिल की है. प्रदेश के हाड़ौती क्षेत्र में भी सभी 17 विधानसभा सीटों पर भाजपा प्रत्याशी को बढ़त मिली है. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस हाड़ौती में 6 हजार 566 वोट के मार्जिन से पिछड़ी थी, लेकिन लोकसभा चुनाव में वोटों का फासला बढ़कर 7 लाख 69 हजार 980 पहुंच गया है. जबकि विधानसभा चुनाव में हाड़ौती की 7 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी, लेकिन 4 महीने बाद लोकसभा चुनाव में भाजपा को बढ़त मिली है.
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 14 लाख 35 हजार 658 वोट मिले थे, लेकिन लोकसभा चुनाव में महज 10 लाख 10 हजार 367 वोट मिले हैं. वहीं भाजपा ने विधानसभा चुनाव में हाड़ौती की 10 सीटें जीती थी और उसे 14 लाख 42 हजार 224 वोट मिले. वहीं लोकसभा चुनाव में भाजपा को 17 लाख 81 हजार 662 वोट मिले हैं.
तीनों मंत्रियों की सीट पर कांग्रेस की हार
विधानसभा चुनाव में हाड़ौती की 7 सीटों पर कांग्रेस विधायक जीते थे. इनमें से तीन को राज्य सरकार के मंत्रिमंडल में जगह मिली थी. लेकिन 4 महीने बाद ही लोकसभा चुनाव में इन मंत्रियों के विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस कमजोर हो गई है. कोटा उत्तर सीट से मंत्री शांति धारीवाल ने 17 हजार 945 वोट से जीत दर्ज की थी. अब लोकसभा चुनाव में यहां से कांग्रेस को 12 हजार 988 मतों से शिकस्त मिली है. अंता सीट से प्रमोद जैन भाया को 34 हजार 063 मतों से जीत मिली थी, लेकिन अब इस सीट पर कांग्रेस 25 हजार 865 वोट से हार गई है. हिंडोली सीट से अशोक चांदना 30 हजार 541 वोटों से जीते थे, लेकिन सांसद के चुनाव में कांग्रेस 37 हजार 600 मतों से हार गई.
मीणा खुद की सीट से भी नहीं ले सके लीड
कोटा-बूंदी लोकसभा सीट से कांग्रेस ने पीपल्दा से विधायक रामनारायण मीणा को मैदान में उतारा था. मीणा ने विधानसभा चुनाव में पीपल्दा सीट से भाजपा प्रत्याशी ममता शर्मा को 14 हजार 905 मतों से शिकस्त दी थी, लेकिन लोकसभा चुनाव में रामनारायण मीणा अपने ही विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी प्रत्याशी ओम बिरला से 12 हजार 746 मतों से पिछड़ गए.
कांग्रेस को यह विधायक भी नहीं दिला पाए जीत
कोटा की सांगोद सीट से विधायक भरत सिंह ने करीब अठारह सौ से अधिक मतों से जीत दर्ज की थी, लेकिन लोकसभा चुनाव में सांगोद से 29 हजार 145 मतों से कांग्रेस पिछड़ गई है. इसी तरह से बारां जिले की किशनगंज सीट से कांग्रेस विधायक निर्मला सहरिया 14 हजार 136 वोटों से जीती थी. लेकिन इस बार उनकी सीट पर कांग्रेस 21 हजार 295 मतों से पीछे रही है. वहीं बारां-अटरू सीट से कांग्रेस के विधायक पानाचंद मेघवाल 12 हजार 248 वोटों से जीते थे. लेकिन इस चुनाव में यहां से भाजपा को 37 हजार 254 वोटों की लीड मिली है.