कोटा. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (National Testing Agency) ने नीट यूजी 2021 (NEET UG 2021) के स्कोर कार्ड में दो तरह की ऑल इंडिया रैंक जारी की हैं. पहली ऑल इंडिया रैंक और दूसरी ऑल इंडिया रैंक फॉर काउंसलिंग. ऐसा इतिहास में पहली बार हुआ है कि दो ऑल इंडिया रैंक जारी की गई है.
यह टाई ब्रेकिंग रुल्स (tie breaking rules) बदले जाने के कारण हुआ है. टाइ ब्रेकिंग रूल्स से एज क्राइटेरिया हटा लेने के कारण कई विद्यार्थियों को समान रैंक मिली हैं. उपलब्ध सीटों की संख्या कम और समान रैंक के विद्यार्थियों की संख्या अधिक होने पर सीट अलॉटमेंट में बड़ी दुविधा होती है.
इस दुविधा को दो प्रकार से समाप्त किया जा सकता है. पहला क्रिएट सुपरन्यूमैरेरी सीट्स (create supernumerary seats) की जाए और दूसरा समान रैंक के विद्यार्थियों को एज क्राइटेरिया के आधार पर फिर से रैंक अलॉट की जाएं. अधिक उम्र के विद्यार्थी को बेहतर रैंक दी जाए.
कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने दूसरा तरीका अपनाया और समान रैंक के विद्यार्थियों को एज-क्राइटेरिया के आधार पर 'ऑल इंडिया रैंक फॉर काउंसलिंग' अलॉट की गई. यानि 'विदाउट एज क्राइटेरिया' जारी की गई रैंक को 'नीट ऑल इंडिया रैंक' और एज-क्राइटेरिया के आधार पर जारी की गई रैंक को 'ऑल इंडिया रैंक फॉर काउंसलिंग' कहा गया है.
हालांकि इससे विद्यार्थियों की उलझन बढ़ गई है. क्योंकि कई संस्थानों ने दोनों रैंक्स की जानकारी मांगी है. हाल ही में क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज (सीएमसी) वेल्लोर ने ऐसा ही किया है. देव शर्मा ने बताया कि 'टाई' नहीं होने की स्थिति में विद्यार्थियों की नीट ऑल इंडिया रैंक और ऑल इंडिया रैंक फॉर काउंसलिंग समान ही हैं.
विद्यार्थियों को यह समझना जरूरी है कि 'नीट ऑल इंडिया रैंक' और 'ऑल इंडिया रैंक फॉर काउंसलिंग' जरूरी नहीं है कि हमेशा अलग-अलग हों. 'टाई' होने की स्थिति में ही यह दोनों रैंक्स अलग-अलग होंगी. ऐसे में विद्यार्थी भ्रमित न हों और परिस्थिति के अनुसार आवश्यक जानकारी फिलअप करें.