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लॉक डाउन में कोचिंग स्टूडेंट ने की संचालक या मालिक की शिकायत तो सीज होगा हॉस्टल व पीजी: कोटा कलेक्टर

कोरोना वायरस के चलते एक तरफ पूरे देश में लॉक डाउन किया गया है. वहीं, कोचिंग विद्यार्थियों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं हो इसके लिए जिला कलेक्टर ओम प्रकाश ने कोचिंग संचालकों और हॉस्टल प्रतिनिधियों की बैठक ली. जिसमें उन्हें जरूरी दिशा निर्देश दिए गए है.

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कोचिंग सचांलको की हुई बैठक
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Published : Mar 31, 2020, 1:11 PM IST

कोटा. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लॉक-डाउन के दौरान कोचिंग विद्यार्थियों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो इसके लिए जिला कलेक्टर ओमप्रकाश कसेरा ने कोचिंग संचालकों और हॉस्टल प्रतिनिधियों की बैठक ली. अधिकांश स्टूडेंट कोटा से पलायन कर वापस अपने घर जाना चाहते हैं, लेकिन अब अनुमति नहीं मिल रही है. ऐसे में कोटा कलेक्टर ने सभी कोचिंग सेंटर को अपने हॉस्टल या पीजी में ही रहने का आग्रह किया है.

कोचिंग सचांलको की हुई बैठक

आश्वस्त किया है कि कोचिंग स्टूडेंट जो लॉक-डाउन के दौरान कोटा ही रह रहे हैं, उन्हे किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो. विद्यार्थी जिस हॉस्टल या पीजी में रह रहे हैं, वे पूरी जिम्मेदारी के साथ देखभाल करें. इसके बावजूद कोचिंग स्टूडेंट को किसी तरह की परेशानी हुई तो जिला प्रशासन हॉस्टल को परमानेंट सीज कर देगा. वहीं, लीज धारक के खिलाफ भी धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिसमें 6 माह की कैद उसे हो सकती है. कलेक्टर कसेरा ने कहा कि इस दौरान जिला प्रशासन पूरी तरह विद्यार्थियों के साथ है. किसी भी विद्यार्थी को भोजन और आवश्यक सुविधाओं की कमी नहीं रहे.

उन्होंने कहा कि कोचिंग स्टूडेंट हॉस्टल और पीजी से बिना कारण बाहर नहीं निकले. ये भी उनके ऑनर सुनिश्चित करें. उन्होंने कोटा में रह रहे प्रत्येक कोचिंग विद्यार्थी के अभिभावकों को भी मैसेज भेजकर लॉक-डाउन के दौरान की गई व्यवस्थाओं से अवगत कराने के निर्देश दिए, जिससे कि उन्हें किसी प्रकार की चिंता नहीं हो. लॉक डाउन तक बढ़ जाएगी लीज कोटा में अधिकांश हॉस्टल मालिकों ने अपने हॉस्टल लीज पर दिए हुए हैं. ऐसे में दूसरा व्यक्ति ही उन्हें संचालित कर रहा है. ये लीज पिछली 31 मार्च को खत्म होगी.

पढ़ें- कोटाः पुलिस ने दिहाड़ी मजदूरों से भरी बस को 5 घंटे तक रोके रखा, सबके पास थी स्क्रीनिंग रिपोर्ट

ऐसे में साफ तौर पर जिला कलेक्टर ने निर्देश हॉस्टल मालिकों और लीज धारकों को दिए हैं कि वे लीज को लॉक डाउन तक बढ़ा हुआ माने. इसके लिए कोई एग्रीमेंट की जरूरत नहीं होगी. कोचिंग फैकेल्टी करें स्टूडेंट से बातचीत कलेक्टर ने कहा कि निर्देश दिए गए हैं कि कोचिंग की एक फैकल्टी करीब 50 बच्चों से 3 दिन में बात करें. उनसे यह जानकारी जुटाए कि वह कहां पर है और उन्हें किसी तरह की कोई परेशानी तो नहीं आ रही है. अगर वह अपने घर चले गए हैं तो भी उनसे स्टडी के बारे में बातचीत की जाए

कोटा. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लॉक-डाउन के दौरान कोचिंग विद्यार्थियों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो इसके लिए जिला कलेक्टर ओमप्रकाश कसेरा ने कोचिंग संचालकों और हॉस्टल प्रतिनिधियों की बैठक ली. अधिकांश स्टूडेंट कोटा से पलायन कर वापस अपने घर जाना चाहते हैं, लेकिन अब अनुमति नहीं मिल रही है. ऐसे में कोटा कलेक्टर ने सभी कोचिंग सेंटर को अपने हॉस्टल या पीजी में ही रहने का आग्रह किया है.

कोचिंग सचांलको की हुई बैठक

आश्वस्त किया है कि कोचिंग स्टूडेंट जो लॉक-डाउन के दौरान कोटा ही रह रहे हैं, उन्हे किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो. विद्यार्थी जिस हॉस्टल या पीजी में रह रहे हैं, वे पूरी जिम्मेदारी के साथ देखभाल करें. इसके बावजूद कोचिंग स्टूडेंट को किसी तरह की परेशानी हुई तो जिला प्रशासन हॉस्टल को परमानेंट सीज कर देगा. वहीं, लीज धारक के खिलाफ भी धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिसमें 6 माह की कैद उसे हो सकती है. कलेक्टर कसेरा ने कहा कि इस दौरान जिला प्रशासन पूरी तरह विद्यार्थियों के साथ है. किसी भी विद्यार्थी को भोजन और आवश्यक सुविधाओं की कमी नहीं रहे.

उन्होंने कहा कि कोचिंग स्टूडेंट हॉस्टल और पीजी से बिना कारण बाहर नहीं निकले. ये भी उनके ऑनर सुनिश्चित करें. उन्होंने कोटा में रह रहे प्रत्येक कोचिंग विद्यार्थी के अभिभावकों को भी मैसेज भेजकर लॉक-डाउन के दौरान की गई व्यवस्थाओं से अवगत कराने के निर्देश दिए, जिससे कि उन्हें किसी प्रकार की चिंता नहीं हो. लॉक डाउन तक बढ़ जाएगी लीज कोटा में अधिकांश हॉस्टल मालिकों ने अपने हॉस्टल लीज पर दिए हुए हैं. ऐसे में दूसरा व्यक्ति ही उन्हें संचालित कर रहा है. ये लीज पिछली 31 मार्च को खत्म होगी.

पढ़ें- कोटाः पुलिस ने दिहाड़ी मजदूरों से भरी बस को 5 घंटे तक रोके रखा, सबके पास थी स्क्रीनिंग रिपोर्ट

ऐसे में साफ तौर पर जिला कलेक्टर ने निर्देश हॉस्टल मालिकों और लीज धारकों को दिए हैं कि वे लीज को लॉक डाउन तक बढ़ा हुआ माने. इसके लिए कोई एग्रीमेंट की जरूरत नहीं होगी. कोचिंग फैकेल्टी करें स्टूडेंट से बातचीत कलेक्टर ने कहा कि निर्देश दिए गए हैं कि कोचिंग की एक फैकल्टी करीब 50 बच्चों से 3 दिन में बात करें. उनसे यह जानकारी जुटाए कि वह कहां पर है और उन्हें किसी तरह की कोई परेशानी तो नहीं आ रही है. अगर वह अपने घर चले गए हैं तो भी उनसे स्टडी के बारे में बातचीत की जाए

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