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जेके लोन अस्पताल में NICU और PICU वार्ड की हालत देखकर बाल कल्याण समिति ने जताई नाराजगी

कोटा के जेके लोन अस्पताल में शनिवार को बाल कल्याण समिति ने निरीक्षण कर हालात का जायजा लिया. जहां NICU और PICU वार्ड की हालत देखकर बाल कल्याण समिति के पदाधिकारी हौरान हो गए. समिति की अध्यक्ष कनीज फातिमा ने बताया कि एक वार्मर पर दो से तीन बच्चे एडमिट हैं, जिससे उनमें संकमण का खतरा बना है.

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Published : Dec 28, 2019, 6:08 PM IST

बाल कल्याण समिति ने किया निरीक्षण, Child welfare committee inspected
बाल कल्याण समिति ने किया निरीक्षण

कोटा. जिले के जेके लोन अस्पताल में शनिवार को बाल कल्याण समिति ने निरीक्षण कर हालात का जायजा लिया. जहां अस्पताल के हालात देखने के बाद अधिकारियों पर बाल कल्याण समिति के पदाधिकारी भड़क गए. बाल कल्याण समिति के पदाधिकारी NICU, PICU वार्ड की हालत देख हौरान हो गए.

जेके लोन अस्पताल का बाल कल्याण समिति ने किया निरीक्षण

जहां एक वार्मर पर दो से तीन बच्चे थे. जिससे उन्हें संक्रमण होने का खतरा है. बता दें कि कोटा के जेके लोन अस्पताल में पिछले दिनों बच्चों की मौत होने के बाद शनिवार को बाल कल्याण समिति के पदाधिकारियों ने जेके लोन अस्पताल में दौरा किया. जिसमें कई कमियां पाने पर अधिकारियों और कर्मचारियों पर बाल कल्याण समिति ने नाराजगी जाहिर की.

पढ़ें- जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत का गुनहगार कौन?..जांच करने के लिए कोटा पहुंची कमेटी

आयोग की अध्यक्ष कनीज फातिमा ने बताया कि यहां पर काफी व्यवस्थाएं हैं. एक वार्मर पर दो से तीन बच्चे एडमिट कर रखे हैं, जिससे संक्रमण का खतरा बना रहता है. बाल कल्याण समिति के सदस्य विमल जैन ने बताया कि इसकी रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी जाएगी. उन्होंने बताया कि यहां की व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जाएगा. उन्होंने बताया कि संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल होने के बावजूद यहां व्यवस्थाएं पूरी नहीं है.

वहीं, जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक सुरेश चंद्र दुलारा ने बताया कि 24 बेड पर 48 बच्चे भर्ती होने से व्यवस्था बिगड़ी हुई है. इसके लिए सरकार से बात कर इनका विस्तार किया जाएगा. बता दें कि अस्पताल में जिस समय बाल कल्याण समिति के पदाधिकारी निरीक्षण कर रहे थे उस समय कई बार बिजली आती-जाती रही.

कोटा. जिले के जेके लोन अस्पताल में शनिवार को बाल कल्याण समिति ने निरीक्षण कर हालात का जायजा लिया. जहां अस्पताल के हालात देखने के बाद अधिकारियों पर बाल कल्याण समिति के पदाधिकारी भड़क गए. बाल कल्याण समिति के पदाधिकारी NICU, PICU वार्ड की हालत देख हौरान हो गए.

जेके लोन अस्पताल का बाल कल्याण समिति ने किया निरीक्षण

जहां एक वार्मर पर दो से तीन बच्चे थे. जिससे उन्हें संक्रमण होने का खतरा है. बता दें कि कोटा के जेके लोन अस्पताल में पिछले दिनों बच्चों की मौत होने के बाद शनिवार को बाल कल्याण समिति के पदाधिकारियों ने जेके लोन अस्पताल में दौरा किया. जिसमें कई कमियां पाने पर अधिकारियों और कर्मचारियों पर बाल कल्याण समिति ने नाराजगी जाहिर की.

पढ़ें- जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत का गुनहगार कौन?..जांच करने के लिए कोटा पहुंची कमेटी

आयोग की अध्यक्ष कनीज फातिमा ने बताया कि यहां पर काफी व्यवस्थाएं हैं. एक वार्मर पर दो से तीन बच्चे एडमिट कर रखे हैं, जिससे संक्रमण का खतरा बना रहता है. बाल कल्याण समिति के सदस्य विमल जैन ने बताया कि इसकी रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी जाएगी. उन्होंने बताया कि यहां की व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जाएगा. उन्होंने बताया कि संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल होने के बावजूद यहां व्यवस्थाएं पूरी नहीं है.

वहीं, जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक सुरेश चंद्र दुलारा ने बताया कि 24 बेड पर 48 बच्चे भर्ती होने से व्यवस्था बिगड़ी हुई है. इसके लिए सरकार से बात कर इनका विस्तार किया जाएगा. बता दें कि अस्पताल में जिस समय बाल कल्याण समिति के पदाधिकारी निरीक्षण कर रहे थे उस समय कई बार बिजली आती-जाती रही.

Intro:बाल कल्याण अमिति ने जेके लोन अस्पताल का किया निरीक्षण
कई कमिया पाने पर भड़के अधिकारी
जेकेलोन अस्पताल में बच्चो की मौत का था मामला।
कोटा के जेके लोन अस्पताल में आज बाल कल्याण समिति ने दौरा कर देखें हालात। मां के हालात देख अधिकारियों पर बाल कल्याण समिति के पदाधिकारी भड़क गए उन्होंने एनआईसीयू ,पीएनआरसीयू की हालात देख स्तंभ रह गए एक वार्मर पर दो से तीन बच्चे होने पर उन्होंने संक्रमण का भी का खतरा बताया।
Body:बता दें कि कोटा के जेके लोन अस्पताल में पिछले दिनों बच्चों की मौत का सिलसिला चल रहा था इसी दौरान आज बाल कल्याण समिति के पदाधिकारियों ने भी जेकेलोन में आकर के दौरा किया जिसमें कई कमियां पाने पर अधिकारियों और कर्मचारियों पर भड़के बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष कनीज फातिमा ने बताया कि यहां पर काफी व्यवस्थाएं हैं एक वार्मर पर दो से तीन बच्चे एडमिट कर रखे हैं जिससे संक्रमण का खतरा बना रहता है।बालकल्याण समिति के सदस्य विमल जैन ने बताया कि इसकी रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी जायगी।बच्चो के खिलाफ जो एंहा का प्रशासन सवेंदनशील बना हुआ है जिस पर यहां की वेवस्थाओ को दुरुस्त किया जाएगा।उन्होंने बताया कि सम्भाग का सबसे बड़ा अस्पताल होने के बावजूद वेवस्थाये पूरी नही है।
Conclusion:जेकेलोन अस्पताल अधीक्षक सुरेशचंद्र दुलारा ने बताया कि 24 बेड पर48 बच्चे भर्ती होने से अवेवस्था बिगड़ी हुई है।इसके लिए सरकार से बात कर इनका विस्तार किया जाएगा।
वही बालकल्याण समिति जब अस्पताल का दौरा कर रहे थे उस समय अस्पताल में बार बार बिजली आती जाती रही।
बाईट-कनीज फातिमा, अध्यक्ष,बाल कल्याण समिति
बाईट-विमल जैन, सदस्य बाल कल्याण समिति
बाईट-डॉ.सुरेशचंद्र, दुलारा,अधीक्षक, जेकेलोन अस्पताल
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