कोटा/करौली. करौली के सपोटरा में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर अवैध रूप से अफीम की खेती करने का मामला सामने आया है. इस मामले में सेंट्रल नारकोटिक्स ब्यूरो कोटा की टीम ने खेत पर छापामारी कर अफीम नष्ट करने की कार्रवाई की है. सेंट्रल नारकोटिक्स ब्यूरो के अधिकारियों का कहना है कि इस पूरी फसल से करीब 15 से 20 किलो अवैध रूप से अफीम निकाली जा सकती थी. जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत डेढ़ से 2 करोड़ रुपए है.
कोटा सेंट्रल नारकोटिक्स ब्यूरो ने अवैध रूप से अफीम की काश्त करने के मामले का खुलासा किया है. जिसमें अतिक्रमण कर सरकारी जमीन पर अवैध रूप से अफीम की खेती शुरू कर दी थी. मामले के अनुसार सपोटरा निवासी रामजी लाल मीणा ने गांव के नजदीक ही सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर लिया. उस पर अवैध रूप से अफीम की काश्त शुरू कर दी.
इसकी सूचना लंबे समय से सेंट्रल नारकोटिक्स ब्यूरो को मिल रही थी. सेंट्रल नारकोटिक्स ब्यूरो के उप आयुक्त राजस्थान विकास जोशी ने टीम बनाकर सपोटरा भेजी. जहां पर इस तरह की अफीम की अवैध खेती का पर्दाफाश हुआ.
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आरोपी रामजी लाल मीणा ने 21,00 वर्ग मीटर एरिया में अफीम की खेती कर रखी थी. जिसके पौधे भी काफी ऊंचाई तक आ गए थे. कुछ ही दिन में उनके चीरा लगाकर अवैध रूप से अफीम निकाल उसको नशे के रूप में उपयोग करने के लिए बेचने की योजना थी. सेंट्रल नारकोटिक्स ब्यूरो ने खेत में अफीम की पूरी फसल को नष्ट कर दिया है. साथ ही नारकोटिक्स टीम ने आरोपी रामजी लाल मीणा को गिरफ्तार कर लिया है.