कोटा. जेके लोन अस्पताल में नवजात शिशु की मौत के मामले में राज्य सरकार की जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद दोषियों पर कार्रवाई का क्रम जारी है. सरकार ने एक्शन में आकर पहले अधीक्षक और शिशु रोग विभागाध्यक्ष को हटाया था. इसके बाद अब नर्सिंग अधीक्षक को भी जेके लोन अस्पताल से हटाकर रामपुरा जिला अस्पताल भेज दिया गया है. साथ ही नर्सिंग अधीक्षक पद पर 2 नर्सेज को लगाया गया है, जो कि प्रथम और द्वितीय दोनों पद पर कार्य करेंगे.
जेके लोन अस्पताल नर्सिंग अधीक्षक पद पर कार्य कर रहे रामरतन मीणा को रामपुरा जिला अस्पताल स्थानांतरित किया है. वहीं से बृज बिहारी शर्मा को एमबीएस अस्पताल भेजा गया है. साथ ही एमबीएस अस्पताल में काम कर रहे मंसूर अली को नर्स ग्रेड प्रथम और नवीन शर्मा को नर्स ग्रेड द्वितीय का कार्यभार जेके लोन अस्पताल का सौंपा गया है.
इससे पहले अस्पताल अधीक्षक डॉ. एससी दुलारा को हटाकर डॉ. अशोक मूंदड़ा को लगाया था, जिन्होंने मंगलवार शाम को ही अधीक्षक पद पर ज्वाइन कर लिया था. दूसरी तरफ मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना ने शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. एएल बैरवा को बदलने के आदेश दे दिए थे, लेकिन नए एचओडी डॉ. अमृता मयंगर ने ज्वाइन नहीं किया है.
हालांकि, अस्पताल प्रबंधन अभी भी नवजात शिशुओं की मौत से जुड़े हुए आंकड़े को जारी नहीं कर रहा है. बीते 10 दिसंबर से 13 दिसंबर तक 3 दिन में 19 नवजात बच्चों की मौत हुई थी. इसके बाद का आंकड़ा अस्पताल प्रबंधन ने जारी नहीं किया है. अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि वे राज्य सरकार को आंकड़े भेज रहे हैं और वहीं से इनकी पूरी डिटेल जारी हो रही है. साथ ही डेथ रिव्यू भी कमेटी ने शुरू कर दिया है.