कोटा. नगर निगम चुनाव में वार्ड नंबर 25 कोटा दक्षिण से बीजेपी की अधिकृत प्रत्याशी अर्पणा के फर्जी प्रमाण पत्र बनवा कर चुनाव लड़ने का मामला सामने आया है. जिसमें उन्होंने तथ्य छुपा कर सामान्य श्रेणी के होने के बावजूद ओबीसी का सर्टिफिकेट बनवा लिया और ओबीसी के अनुसार वार्ड से ही वह चुनाव लड़ रही हैं. इस मामले में जिला प्रशासन ने उनके प्रमाण पत्र को निरस्त करने की कार्रवाई तो शुरू कर दी है.
अब अर्पणा के खिलाफ नयापुरा थाने में जिला प्रशासन ने एफआईआर भी दर्ज करवा दी है, जो कि जालसाजी करके फर्जी प्रमाण पत्र बनाने के मामले में हुई है. जिसके लिए जिला कलेक्टर उज्जवल राठौड़ ने ही तहसीलदार लाडपुरा गजेंद्र सिंह को निर्देश दिए थे.
इस मामले में पुलिस उपाधीक्षक द्वितीय भगवंत सिंह हिंगड़ का कहना है कि नयापुरा थाने में प्रकरण को दर्ज कर लिया गया है. साथ ही इस पूरे मामले की जांच नयापुरा एसएचओ भवानी सिंह कर रहे हैं. इस मामले की जांच में अगर प्रमाणित होता है कि अपर्णा ने जो शपथ पत्र दिया है वह गलत है और वह ओबीसी वर्ग से नहीं आती हैं. वहीं फर्जी डॉक्यूमेंट उन्होंने बनाया है, तो आरोपी को गिरफ्तार भी किया जाएगा.
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वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के कोटा नगर निगम चुनाव समन्वयक राजेंद्र राठौड़ का कहना है कि रिटर्निंग ऑफिसर ने उस फार्म को स्वीकार कर लिया था. ऐसे में पर्ची को खारिज नहीं किया है. हमारा अधिकृत प्रत्याशी भाजपा से ही चुनाव लड़ेगा. कोर्ट में ही अब इस मामले में अपील की जा सकती है, ऐसे में न्यायालय के फैसले को स्वीकार करेंगे.
आपको बता दें कि एसडीएम दीपक मित्तल के ऑफिस से ही यह सर्टिफिकेट बना दिया गया था. जिसमें अपर्णा सेनगुप्ता ने अपनी सामान्य श्रेणी के होने की जानकारी को छुपा ली, वहीं ओबीसी का सर्टिफिकेट जारी करवा लिया गया था. इस मामले में रिटर्निंग ऑफिसर प्रतिभा देवठिया के सामने आपत्ति आई थी, जिसके बाद उन्होंने एसडीएम को इस सर्टिफिकेट की जांच के लिए पत्र लिखा था. जिसकी जांच में ही यह फर्जी पाया गया है, हालांकि इस को निरस्त करने की प्रक्रिया ही शुरू हुई है. अभी निरस्त नहीं किया है. ऐसे में रिटर्निंग ऑफिसर ने भी भाजपा की वार्ड नंबर 25 से उम्मीदवार अपर्णा का नामांकन खारिज नहीं किया था.