कोटा. हाड़ोती नेचुरल लिस्ट सोसाइटी की ओर से बर्ड फेयर कोटा में आयोजित किया गया और मंगलवार को समापन के मौके पर वल्चर कंजर्वेशन को लेकर कॉन्फ्रेंस आयोजित हुई. इस कांफ्रेंस के जरिए प्रोफेसर छणानी ने कहा उन्होंने हाड़ोती में लोंग बिल्ड वल्चर को लेकर लंबे अरसे तक कंजर्वेशन का काम किया है.
ऐसे में आने वाले समय में भी चंबल घाटी में वल्चर संरक्षित रहे, इसके लिए वन विभाग के साथ विभिन्न वन्यजीव संस्थाओं को भी सजग देकर काम करना होगा. प्रोफेसर छंगानी ने पावर प्रजेंटेशन के जरिए वन्यजीव प्रेमियों, वन कर्मियों और कोटा यूनिवर्सिटी के वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट के स्टूडेंट्स को वल्चर के कंजर्वेशन को लेकर विभिन्न तरह की जानकारियां और सुझाव दिए.
बर्ड फेयर कॉन्फेंस में बीकानेर की महाराजा गंगा सिंह यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अनिल छंगानी ने कहा कि हाड़ौती अंचल की चंबल घाटी में दुनिया की सबसे बड़ी लोंग बिल्ड वल्चर की कॉलोनी है. समय के अनुसार लोंग बिल्ड वल्चर की जनरेशन में कई बदलाव देखने में आ रहे हैं. लोंग बिल्ड वल्चर के कंजर्वेशन को लेकर वर्ल्ड लाइफ लवर्स वाइल्डलाइफ स्टूडेंट्स वाइल्डलाइफ डिपार्टमेंट के वन कर्मियों और खेती करने वाले किसानों को जागरूक करने की बेहद आवश्यकता है.
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वल्चर कंजर्वेशन कॉन्फ्रेंस में प्रोफेसर छंगानी के द्वारा दिए गए सुझावों की सराहना करते हुए कोटा वन्य जीव मंडल के सहायक उप संरक्षक अनुराग भटनागर ने भरोसा दिलाया कि यह वन्यजीव विभाग वल्चर कंजर्वेशन को लेकर बेहतर काम करेगा और इस काम में कोटा यूनिवर्सिटी के वाइल्डलाइफ डिपार्टमेंट के स्टूडेंट्स का पूरा सहयोग लिया जाएगा.