कोटा. राष्ट्रीयकृत बैंकों के विलय के विरोध में मंगलवार को देशव्यापी हड़ताल के तहत कोटा संभाग बैंक कार्मिक हड़ताल पर हैं. इस दौरान कोटा संभाग की ढाई सौ से ज्यादा शाखाओं में लेनदेन सहित अन्य कामकाज नहीं हुआ. इसके चलते 800 करोड़ रुपए का बैंक कारोबार ठप पड़ा है.
साथ ही नगद का लेनदेन, आरटीजीएस क्लीयरिंग, चेक क्लीयरिंग और बैंकिंग के अन्य कामकाज बंद है. कई बैंक ऐसे भी रहे जहां पर अधिकारी तो आकर बैठे, लेकिन कार्मिकों के हड़ताल पर होने के चलते कामकाज नहीं हुआ. बता दें कि इस हड़ताल में ऑल इंडिया बैंक एंप्लाइज एसोसिएशन और बैंक एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया से जुड़े कार्मिक हड़ताल पर रहे.
कोटा में कोटडी स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा के बाहर सभी बैंक कर्मी एकत्रित हुए, जहां पर केंद्र सरकार और वित्त मंत्रालय के खिलाफ नारेबाजी की. मामले में राजस्थान बैंक एंप्लाइज यूनियन के सेक्रेटरी पदम पाटोदी का कहना है कि सरकार ने एसबीआई के अंदर अन्य एसोसिएट बैंकों का मर्जर किया है.
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उसके बाद बैंक ऑफ बड़ौदा के अंदर विजया बैंक और देना बैंक का मर्जर किया है. यह बैंकों का मर्जर अभी सफल भी नहीं हुआ है. उनमें झगड़ा चल रहा है, इसके बाद फिर 10 बैंकों में आपस में विलय का निर्णय लिया गया है, हम इसके खिलाफ है.
बैंकों में जनता पर लगाए गए चार्जेस हटाने की मांग भी की
ऑल इंडिया बैंक एंप्लाइज एसोसिएशन के जनरल काउंसिल मेंबर ललित गुप्ता का कहना है कि बैंकों का विलय रोकने, विलफुल डिफॉल्टर जो एनपीए हो चुके हैं उनसे वसूली, उनको सजा देने, जनता से विभिन्न चार्जेस के नाम पर की जा रही वसूली बंद करने, बैंकों में नई भर्तियों करने, सब स्टाफ ब्रांच की भी तुरंत भर्तियां करने, जो बैंक अच्छे हालत में चल रहे हैं उनको बदस्तूर जारी रखने और बैंकों की स्थिति मजबूत करने की मांग करते हुए यह हड़ताल की है.
हड़ताल कर रहे कार्मिको का कहना है कि कोटा शहर की 80 शाखाएं बंद है और जिले में करीब डेढ़ सौ से ज्यादा शाखाओं में आज कामकाज ठप है. वही हाड़ौती में करीब ढाई सौ बैंक शाखाएं बंद है, कोटा जिले में 400 करोड़ तो हाड़ौती में 800 करोड़ का कामकाज नहीं हो पाया है.