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विधायक चंद्रकांता मेघवाल की गिरफ्तारी पर 13 जून तक रोक, अग्रिम जमानत पर दो दिन बाद होगी सुनवाई - Rajasthan hindi news

विधायक चंद्रकांता मेघवाल की गिरफ्तारी पर एससी एसटी न्यायालय ने 13 जून तक रोक लगा दी है. इसके लिए एसएचओ महावीर नगर थाना पुष्पेंद्र झाझड़िया को पाबंद किया है कि वह 13 जून तक विधायक मेघवाल को गिरफ्तार नहीं करें। इसके अलावा 13 तारीख को दोबारा केस डायरी के साथ न्यायालय में प्रस्तुत होने के निर्देश दिए हैं.

Ban on arrest of MLA Chandrakanta Meghwal
चंद्रकांता मेघवाल की गिरफ्तारी पर 13 जून तक रोक
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Published : Jun 10, 2022, 4:17 PM IST

कोटा. जिले के एससी एसटी न्यायालय ने विधायक चंद्रकांता मेघवाल की गिरफ्तारी पर 13 जून तक रोक लगा दी है. इस मामले में महावीर नगर थाना अधिकारी पुष्पेंद्र झाझड़िया को 13 जून को केस डायरी के साथ दोबारा न्यायालय में प्रस्तुत होने के निर्देश दिए हैं. विधायक चंद्रकांता मेघवाल के एडवोकेट राजेश अड़सेला ने बताया कि उन्होंने अंतरिम और अग्रिम दोनों जमानत अर्जी लगाई थी. अंतरिम जमानत अर्जी केवल 10 जून तक के लिए थी, लेकिन न्यायालय ने इसको निस्तारित करते हुए 13 जून तक विधायक चंद्रकांता मेघवाल की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है.

इसके साथ ही इसके लिए एसएचओ महावीर नगर थाना पुष्पेंद्र झाझड़िया को पाबंद किया है कि वह 13 जून तक विधायक मेघवाल को गिरफ्तार नहीं करें. इसके अलावा 13 तारीख को दोबारा केस डायरी के साथ न्यायालय में प्रस्तुत होने के निर्देश दिए हैं. इस दिन अग्रिम जमानत पर सुनवाई की जाएगी. हालांकि जब तक यह आर्डर अंतरिम जमानत का आया था. उससे पहले ही विधायक चंद्रकांता मेघवाल राज्यसभा चुनाव को लेकर मतदान कर चुकी थी. वहीं इस मामले में विधायक चंद्रकांता मेघवाल और उनके पति नरेंद्र मेघवाल ने आरोप लगाया था कि राज्यसभा चुनाव में मतदान से रोकने के लिए कांग्रेस सरकार के निर्देश पर पुलिस 5 साल पुराने मामले में गिरफ्तारी करने पर आमादा है, ताकि वे भाजपा के पक्ष में वोट नहीं डाल सकें.

पढ़ें. Cross Voting By BJP MLA: भाजपा की बाड़ेबंदी और प्रशिक्षण नहीं आई काम, विधायक शोभारानी ने कांग्रेस प्रत्याशी को दिया वोट

महावीर नगर थाने में 5 साल पहले सीआई श्रीराम बडेसरा के साथ मारपीट के मामले विधायक चंद्रकांता मेघवाल को 6 और 8 जून को नोटिस दिए गए थे. इनमें एक 1 -1 दिन का समय थाने में उपस्थिति के लिए दिया था. यह नोटिस धारा 41 ए सीआरपीसी के तहत थे. जिन्हें गिरफ्तारी के पहले दिया जाता है. इसी मामले को लेकर उनके एडवोकेट अड़सेला ने न्यायालय में राज्यसभा चुनाव में मतदान का हवाला देकर अंतरिम और अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल की थी.

पढ़ें. Rajysabha Election: शोभारानी कुशवाहा मामले में बोले राठौड़, यह भाजपा का आंतरिक मामला...उचित प्लेटफार्म पर रखेंगे बात

हड़ताल के चलते बार से लिए विशेष अनुमति
सीकर के खंडेला में एडवोकेट के आत्मदाह के मामले को लेकर शुक्रवार को कोर्ट बार एसोसिएशन ने हड़ताल की घोषणा कर दी थी. हालांकि विधायक चंद्रकांता मेघवाल की जमानत अर्जी पर सुनवाई होनी थी, इसको लेकर एडवोकेट अड़सेला ने एसोसिएशन से विशेष अनुमति लेकर अंतरिम जमानत के लिए जिरह में भाग लिया. इस मामले को लेकर भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष हिमांशु शर्मा भी विधायक चंद्रकांता मेघवाल की पैरवी के लिए पहुंचे थे. वे एडवोकेट अड़सेला के साथ जिरह में मौजूद रहे. इसके अलावा पूर्व जिलाध्यक्ष हेमंत कृष्ण विजय और विधायक चंद्रकांता मेघवाल के बेटे हनी वर्मा भी मौजूद थे.

सीआई नहीं हुए थे पेश दोबारा बुलाया
इस मामले में न्यायालय ने महावीर नगर थाना अधिकारी पुष्पेंद्र झांझड़िया को केस डायरी के साथ न्यायालय में पेश होने के आदेश दिए थे, लेकिन वह नहीं पहुंचे. केस डायरी को कोर्ट में मुंशी के जरिए भेज दिया गया था. इस बात पर न्यायालय के समक्ष एडवोकेट राजेश अड़सेला ने आपत्ति जताई जिसके बाद सीआई झाझड़िया को दोबारा बुलाया गया. इसमें काफी समय लग गया.

कोटा. जिले के एससी एसटी न्यायालय ने विधायक चंद्रकांता मेघवाल की गिरफ्तारी पर 13 जून तक रोक लगा दी है. इस मामले में महावीर नगर थाना अधिकारी पुष्पेंद्र झाझड़िया को 13 जून को केस डायरी के साथ दोबारा न्यायालय में प्रस्तुत होने के निर्देश दिए हैं. विधायक चंद्रकांता मेघवाल के एडवोकेट राजेश अड़सेला ने बताया कि उन्होंने अंतरिम और अग्रिम दोनों जमानत अर्जी लगाई थी. अंतरिम जमानत अर्जी केवल 10 जून तक के लिए थी, लेकिन न्यायालय ने इसको निस्तारित करते हुए 13 जून तक विधायक चंद्रकांता मेघवाल की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है.

इसके साथ ही इसके लिए एसएचओ महावीर नगर थाना पुष्पेंद्र झाझड़िया को पाबंद किया है कि वह 13 जून तक विधायक मेघवाल को गिरफ्तार नहीं करें. इसके अलावा 13 तारीख को दोबारा केस डायरी के साथ न्यायालय में प्रस्तुत होने के निर्देश दिए हैं. इस दिन अग्रिम जमानत पर सुनवाई की जाएगी. हालांकि जब तक यह आर्डर अंतरिम जमानत का आया था. उससे पहले ही विधायक चंद्रकांता मेघवाल राज्यसभा चुनाव को लेकर मतदान कर चुकी थी. वहीं इस मामले में विधायक चंद्रकांता मेघवाल और उनके पति नरेंद्र मेघवाल ने आरोप लगाया था कि राज्यसभा चुनाव में मतदान से रोकने के लिए कांग्रेस सरकार के निर्देश पर पुलिस 5 साल पुराने मामले में गिरफ्तारी करने पर आमादा है, ताकि वे भाजपा के पक्ष में वोट नहीं डाल सकें.

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महावीर नगर थाने में 5 साल पहले सीआई श्रीराम बडेसरा के साथ मारपीट के मामले विधायक चंद्रकांता मेघवाल को 6 और 8 जून को नोटिस दिए गए थे. इनमें एक 1 -1 दिन का समय थाने में उपस्थिति के लिए दिया था. यह नोटिस धारा 41 ए सीआरपीसी के तहत थे. जिन्हें गिरफ्तारी के पहले दिया जाता है. इसी मामले को लेकर उनके एडवोकेट अड़सेला ने न्यायालय में राज्यसभा चुनाव में मतदान का हवाला देकर अंतरिम और अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल की थी.

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हड़ताल के चलते बार से लिए विशेष अनुमति
सीकर के खंडेला में एडवोकेट के आत्मदाह के मामले को लेकर शुक्रवार को कोर्ट बार एसोसिएशन ने हड़ताल की घोषणा कर दी थी. हालांकि विधायक चंद्रकांता मेघवाल की जमानत अर्जी पर सुनवाई होनी थी, इसको लेकर एडवोकेट अड़सेला ने एसोसिएशन से विशेष अनुमति लेकर अंतरिम जमानत के लिए जिरह में भाग लिया. इस मामले को लेकर भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष हिमांशु शर्मा भी विधायक चंद्रकांता मेघवाल की पैरवी के लिए पहुंचे थे. वे एडवोकेट अड़सेला के साथ जिरह में मौजूद रहे. इसके अलावा पूर्व जिलाध्यक्ष हेमंत कृष्ण विजय और विधायक चंद्रकांता मेघवाल के बेटे हनी वर्मा भी मौजूद थे.

सीआई नहीं हुए थे पेश दोबारा बुलाया
इस मामले में न्यायालय ने महावीर नगर थाना अधिकारी पुष्पेंद्र झांझड़िया को केस डायरी के साथ न्यायालय में पेश होने के आदेश दिए थे, लेकिन वह नहीं पहुंचे. केस डायरी को कोर्ट में मुंशी के जरिए भेज दिया गया था. इस बात पर न्यायालय के समक्ष एडवोकेट राजेश अड़सेला ने आपत्ति जताई जिसके बाद सीआई झाझड़िया को दोबारा बुलाया गया. इसमें काफी समय लग गया.

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