कोटा. कोराना काल में लॉकडाउन का व्यापार-धंधों पर काफी बुरा असर पड़ा है. यहां तक कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम अभी तक ठप पड़ा है. ऐसे में ऑटो बंद होने से ऑटो चालक की हालत खराब है. उन्होंने आर्थिक मदद और लोन की ईएमआई को माफ करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. साथ ही दिल्ली सरकार की तर्ज पर 5 हजार रुपए देने की मांग की है.
वहीं, सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए कलेक्ट्रेट के बाहर ऑटो यूनियन के पदाधिकारी मौजूद रहे. केवल चार पदाधिकारियों ने अर्धनग्न होकर सरकार के सामने अपनी मांग रखी. इस दौरान वे अपनी मांगों को लेकर तख्तियां लिए हुए थे. ऑटो यूनियन के लोगों का कहना है कि 10 हजार से ज्यादा ऑटो शहर में हैं, जिनमें अधिकांश दो पारियों में संचालित होते हैं.
ऐसे में 20 हजार परिवारों का पालन-पोषण यह ऑटो करते हैं. ऑटो चालकों का कहना है कि लॉकडाउन के पहले वह 5 से 7 सौ रुपए कमा लेते थे, जिनसे उनके परिवार का गुजारा चल रहा था. लेकिन लॉकडाउन जब से खुला है तब से वे ऑटो चला रहे हैं और उन्हें 2 सौ रुपए रोज की भी सवारियां नहीं मिल रही हैं. कई दिन तो ऐसा निकल जाता है कि उन्हें एक भी सवारी नहीं मिलती है. इसके अलावा ऑटो की किस्त और अन्य खर्चे भी हो रहे हैं.
पढ़ें- महिला डॉक्टर का सोशल मीडिया पर समुदाय विशेष का इलाज नहीं करने का चैट वायरल, जानें क्या है पूरा मामला
ऑटो के लोन के लिए फाइनेंस कंपनी ईएमआई का दबाव बना रही है. घर पर परिवार का पेट पालने में भी दिक्कत हो रही है. ऐसे में सभी ऑटो चालकों ने मांग की है कि छह माह की इएमआई समाप्त करवाई जाए. अगर ऐसा नहीं होता है तो लोन समाप्ति के बाद बिना ब्याज से किश्त ली जाए. ऑटो यूनियन ने अपनी मांग के लिए जिला प्रशासन को राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम का ज्ञापन सौंपा है.