कोटा. कोटा शहर पुलिस ने शुक्रवार को झालावाड़ जिले के असनावर एसडीएम के ड्राइवर को पुलिस ने गांजा तस्करी के मामले में गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि आरोपी लंबे समय से नशे के नेटवर्क के काम में जुटा हुआ था. वही गिरफ्तारी के पहले भी वह असनावर एसडीएम को झालावाड़ में आयोजित मीटिंग में छोड़ने आया था. इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है.
मामले के अनुसार 2 फरवरी को कुन्हाड़ी थाना पुलिस ने नांता इलाके से 3 किलो 500 ग्राम गांजे के साथ एक युवक इरशाद खान को गिरफ्तार किया था, जो कि झालावाड़ जिले के रीछवा बकानी का निवासी था. इस मामले की जांच नयापुरा थाने पुलिस को सौंपी गई थी.
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आरोपी इरशाद से गांजा लाने के बारे में जब पूछताछ की गई, तो उसने बताया कि झालरापाटन में लाल मंदिर के पास रहने वाले ओमप्रकाश सोनी से गांजा लाने की बात कहीं. ऐसे में पुलिस ने आरोपी ओमप्रकाश सोनी को झालावाड़ से गिरफ्तार कर लिया है. जब पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया तब सामने आया कि वह आरोपी सरकारी कर्मचारी ओम प्रकाश सोनी है जो कि असनावर एसडीएम की सरकारी गाड़ी को चलाता है और बीते 2014 से ही वह सरकारी नौकरी में है.
गाड़ी रिपेयर के दौरान हुई थी जान पहचान
गांजे के साथ कुन्हाड़ी थाना पुलिस ने इरशाद को गिरफ्तार किया था, जो कि पेशे से मिस्त्री है. वहीं एसडीएम का ड्राइवर ओमप्रकाश सोनी गाड़ी की रिपेयर करवाने इरशाद के पास जाता था. यही दोनों की जान पहचान हो गई. ओमप्रकाश और इरशाद ने मिलकर गांजा सप्लाई का काम शुरू कर दिया. मोटी कमाई के चलते दोनों नशे के नेटवर्क को फैलाने वाले इस धंधे में जुटे हुए थे.
इस मामले में पुलिस यह भी पड़ताल कर रही है कि कहीं ओम प्रकाश सोनी सरकारी गाड़ी का उपयोग गांजा लाने और ले जाने में तो नहीं कर रहा था. साथ ही ये गांजा कहां से लाया गया था, इस संबंध में भी जांच की जा रही है.