कोटा. प्रदेश के छह इंजीनियरिंग कॉलेज जल्द ही आरटीयू से सम्बद्ध हो जाएंगे. इसके बाद इनके इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर स्टूडेंट्स की पढ़ाई और एकेडमिक्स तक सभी कुछ आरटीयू के जिम्मे होगा. राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय (Rajasthan Technical University) ने हाल ही में हुई बोर्ड मेंबर्स की मीटिंग में भी सहमति जता दी है.
राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कोटा के वाइस चांसलर डॉ. आरए गुप्ता ने बताया कि बजट भाषण में मुख्यमंत्री ने भरतपुर, धौलपुर, करौली, झालावाड़, बारां और भीलवाड़ा के इंजीनियरिंग कॉलेज को तकनीकी विश्वविद्यालय कोटा से संबोधित करने की घोषणा की थी. इसका प्रस्ताव बोर्ड की मीटिंग में लाया गया था.
विश्वविद्यालय से इन कॉलेजों की सम्बद्धता पर सहमति ली गई है. अब आगे सरकार जल्द ही इस पर निर्णय करेगी. इसके बाद पूरी गाइडलाइन बनाई जाएगी जिसमें तय किया जाएगा कि राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय किस तरह से इन संबद्ध इंजीनियरिंग कॉलेज पर नियंत्रण करेगा.
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इसके बाद विश्वविद्यालय एडमिशन से लेकर एकेडमिक मामले आदि सब भी वहां का खुद ही देखेगा. इसके साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर, डीन, फैकल्टी, फाइनेंशियल और रिक्रूटमेंट तक की सारी जिम्मेदारी विश्वविद्यालय के जिम्मे ही होगी.
खाली रह जाती है अधिकांश सीटें
वर्तमान में इन इंजीनियरिंग कॉलेजों के इंफ्रास्ट्रक्चर भी पूरी तरह से मजबूत नहीं है. साथ ही यहां पर विद्यार्थी प्रवेश भी पूरी संख्या में नहीं लेते हैं. इन इंजीनियरिंग कॉलेज की अधिकांश सीटें खाली रह जाती हैं. ऐसे में अब राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कोटा के अधीन आ जाने पर इन कॉलेजों में भी विद्यार्थी एडमिशन लेने में रुचि लेंगे. इसके साथ ही वहां पर पढ़ाई का स्तर अब पहले की तुलना में उठेगा. क्योंकि सारी जिम्मेदारी तकनीकी विश्वविद्यालय की होगी.