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स्पेशल: यूआईटी की स्कीम से होने वाली आय से ज्यादा आ गई अमानत राशि

इंस्ट्रूमेंट लिमिटेड फैक्ट्री की जमीन पर यूआईटी ने राजीव गांधी स्पेशल योजना को लांच किया. जिसमें लोगों का जबरदस्त उत्साह दिखा. इस योजना में यूआईटी को दो बार फार्म छपवाने पड़े. यह कोटा यूआईटी की पहली ऐसी स्कीम है, जिसमें यूआईटी को करोड़ों रुपए में अमानत राशि मिल गई है.

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यूआईटी की स्कीम को लेकर उत्साह
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Published : Jan 8, 2020, 12:47 PM IST

कोटा. बीते वर्ष यूआईटी की तीन से चार योजनाएं लगभग फेल ही रहीं हैं. उन योजनाओं में भूखंड खरीदारों का उत्साह नहीं था, लेकिन दिसंबर माह में इंस्ट्रूमेंट लिमिटेड फैक्ट्री की जमीन पर यूआईटी ने राजीव गांधी स्पेशल योजना को लांच किया. जिसमें लोगों का जबरदस्त उत्साह देखने को मिला है.

यूआईटी की स्कीम को लेकर उत्साह

इस योजना में यूआईटी को दो बार तो फार्म छपवाने पड़े. साथ ही फार्म की बिक्री से भी यूआईटी को लाखों रुपए की आय हुई है. यह कोटा यूआईटी की पहली ऐसी स्कीम है, जिसमें अमानत राशि करोड़ों रुपए में यूआईटी को मिल गई है. यह राशि स्कीम के भूखंड बेचने से मिलने वाली कुल राशि से भी ज्यादा है.

फॉर्म बेचने से हुई 73 लाख रुपए की आय

यूआईटी ने राजीव गांधी स्पेशल योजना के फॉर्म की कीमत 500 रुपए रखी थी. ऐसे में यूआईटी ने पहले 10 हजार फॉर्म छपवाए थे. इनकी बिक्री चंद दिनों में ही हो गई थी. इसके बाद यूआईटी ने 6 हजार 300 और फॉर्म छपवाए, इनमें से भी 4,618 फॉर्म बिक गए. यानि कुल दो बार में 14,618 फॉर्म की बिक्री हुई. जिससे यूआईटी को 73 लाख रुपए की आमदनी हुई है. हालांकि यूआईटी की राजीव गांधी स्पेशल योजना के 552 भूखंडों के लिए 10,551 फार्म ही आवेदकों ने जमा करवाए हैं.

ये पढ़ेंः Special: पाली के सीमावर्ती क्षेत्रों में टिड्डी का कहर, आखों के सामने चट कर दी किसानों की फसलें

400 करोड़ की स्कीम, अमानत राशि 525 करोड़ मिली

यूआईटी को इन 552 प्लॉटों को बेचने से करीब 400 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होगा, लेकिन इस स्कीम में जिन भी लोगों ने आवेदन किया है. उनसे अमानत राशि के बतौर 4 लाख 60 हजार से लेकर 8 लाख रुपए तक लिया गया है. ऐसे में 10,551 आवेदकों से करीब 525 करोड़ रुपए की अमानत राशि यूआईटी को मिली है. यूआईटी के अधिकारियों का कहना है, कि जैसे ही लॉटरी निकाल दी जाएगी. उसके बाद सभी असफल आवेदकों को उनकी अमानत राशि लौटा दी जाएगी.

ये पढ़ेंः वसुंधरा राजे से तुरंत बंगला खाली कराएं गहलोत : सांसद बेनीवाल

दो करोड़ रुपए मिला प्रशासनिक खर्च

यूआईटी ने इस योजना के लिए प्रशासनिक खर्च के तौर पर 2 हजार रुपए आवेदन शुल्क भी लिया है. ऐसे में 10 हजार 551 फॉर्म के जरिए यूआईटी को करीब 2 करोड़ रुपए प्रशासनिक खर्च भी मिला है. यूआईटी के अधिकारियों का कहना है, कि फार्म की छंटनी चल रही है. इसके पूरी होते ही लॉटरी प्रक्रिया निकाल दी जाएगी. उन्होंने संभावना जताई है, कि या तो इस महीने के अंतिम सप्ताह में या फरवरी माह में लॉटरी निकाल दी जाएगी.

कोटा. बीते वर्ष यूआईटी की तीन से चार योजनाएं लगभग फेल ही रहीं हैं. उन योजनाओं में भूखंड खरीदारों का उत्साह नहीं था, लेकिन दिसंबर माह में इंस्ट्रूमेंट लिमिटेड फैक्ट्री की जमीन पर यूआईटी ने राजीव गांधी स्पेशल योजना को लांच किया. जिसमें लोगों का जबरदस्त उत्साह देखने को मिला है.

यूआईटी की स्कीम को लेकर उत्साह

इस योजना में यूआईटी को दो बार तो फार्म छपवाने पड़े. साथ ही फार्म की बिक्री से भी यूआईटी को लाखों रुपए की आय हुई है. यह कोटा यूआईटी की पहली ऐसी स्कीम है, जिसमें अमानत राशि करोड़ों रुपए में यूआईटी को मिल गई है. यह राशि स्कीम के भूखंड बेचने से मिलने वाली कुल राशि से भी ज्यादा है.

फॉर्म बेचने से हुई 73 लाख रुपए की आय

यूआईटी ने राजीव गांधी स्पेशल योजना के फॉर्म की कीमत 500 रुपए रखी थी. ऐसे में यूआईटी ने पहले 10 हजार फॉर्म छपवाए थे. इनकी बिक्री चंद दिनों में ही हो गई थी. इसके बाद यूआईटी ने 6 हजार 300 और फॉर्म छपवाए, इनमें से भी 4,618 फॉर्म बिक गए. यानि कुल दो बार में 14,618 फॉर्म की बिक्री हुई. जिससे यूआईटी को 73 लाख रुपए की आमदनी हुई है. हालांकि यूआईटी की राजीव गांधी स्पेशल योजना के 552 भूखंडों के लिए 10,551 फार्म ही आवेदकों ने जमा करवाए हैं.

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400 करोड़ की स्कीम, अमानत राशि 525 करोड़ मिली

यूआईटी को इन 552 प्लॉटों को बेचने से करीब 400 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होगा, लेकिन इस स्कीम में जिन भी लोगों ने आवेदन किया है. उनसे अमानत राशि के बतौर 4 लाख 60 हजार से लेकर 8 लाख रुपए तक लिया गया है. ऐसे में 10,551 आवेदकों से करीब 525 करोड़ रुपए की अमानत राशि यूआईटी को मिली है. यूआईटी के अधिकारियों का कहना है, कि जैसे ही लॉटरी निकाल दी जाएगी. उसके बाद सभी असफल आवेदकों को उनकी अमानत राशि लौटा दी जाएगी.

ये पढ़ेंः वसुंधरा राजे से तुरंत बंगला खाली कराएं गहलोत : सांसद बेनीवाल

दो करोड़ रुपए मिला प्रशासनिक खर्च

यूआईटी ने इस योजना के लिए प्रशासनिक खर्च के तौर पर 2 हजार रुपए आवेदन शुल्क भी लिया है. ऐसे में 10 हजार 551 फॉर्म के जरिए यूआईटी को करीब 2 करोड़ रुपए प्रशासनिक खर्च भी मिला है. यूआईटी के अधिकारियों का कहना है, कि फार्म की छंटनी चल रही है. इसके पूरी होते ही लॉटरी प्रक्रिया निकाल दी जाएगी. उन्होंने संभावना जताई है, कि या तो इस महीने के अंतिम सप्ताह में या फरवरी माह में लॉटरी निकाल दी जाएगी.

Intro:इंस्ट्रूमेंट लिमिटेड फैक्ट्री की जमीन पर यूआईटी ने राजीव गांधी स्पेशल योजना को लांच किया. जिसमें जबरदस्त उत्साह लोगों का देखने को मिला है. इस योजना में यूआईटी को दो बार तो फार्म छपवाने पड़े. साथ ही फार्म की बिक्री से भी लाखों रुपए की इनकम यूआईटी को हुई है. साथ ही यह कोटा यूआईटी की पहली ऐसी स्कीम है. जिसमें अमानत राशि करोड़ों रुपए में यूआईटी को मिल गई है.


Body:कोटा.
बीते वर्ष यूआईटी की तीन से चार योजनाएं लगभग फैल ही रही है. उन योजनाओं में भूखंड खरीददारों का उत्साह नहीं था, लेकिन दिसंबर माह में इंस्ट्रूमेंट लिमिटेड फैक्ट्री की जमीन पर यूआईटी ने राजीव गांधी स्पेशल योजना को लांच किया. जिसमें जबरदस्त उत्साह लोगों का देखने को मिला है. इस योजना में यूआईटी को दो बार तो फार्म छपवाने पड़े. साथ ही फार्म की बिक्री से भी लाखों रुपए की इनकम यूआईटी को हुई है. साथ ही यह कोटा यूआईटी की पहली ऐसी स्कीम है. जिसमें अमानत राशि करोड़ों रुपए में यूआईटी को मिल गई है. यह राशि स्कीम के भूखंड बेचैन से मिलने वाली कुल राशि से भी ज्यादा है.

फॉर्म बेचने से हुई 73 लाख रुपए की इनकम
यूआईटी ने राजीव गांधी स्पेशल योजना के फॉर्म की कीमत 500 रुपए रखी थी. ऐसे में यूआईटी ने पहले 10,000 फॉर्म छुपवाए थे, इनकी बिक्री चंद दिनों में ही हो गई थी. इसके बाद यूआईटी ने 6300 और छपवाए. इनमें से भी 4618 फॉर्म बिक गए, यानी कि कुल दो बार में 14618 फॉर्म की बिक्री हुई. जिससे यूआईटी को 73 लाख रुपए की आमदनी हुई है. हालांकि यूआईटी की राजीव गांधी स्पेशल योजना के 552 भूखंडों के लिए 10551 फार्म ही आवेदकों ने जमा करवाए हैं.

400 करोड़ की स्कीम, अमानत राशि 525 करोड़ मिली
यूआईटी को इन 552 प्लॉटों को बेचने से करीब 400 करोड रुपए का राजस्व प्राप्त होगा, लेकिन इस स्कीम में जिन भी लोगों ने आवेदन किया है. उनसे अमानत राशि के बतौर 4 लाख 60 हजार से लेकर 8 लाख रुपए तक लिया गया है. ऐसे में 10551 आवेदकों से करीब 525 करोड रुपए की अमानत राशि यूआईटी को मिली है. यूआईटी के अधिकारियों का कहना है कि जैसे ही लॉटरी निकाल दी जाएगी. उसके बाद सभी असफल आवेदकों को उनकी अमानत राशि लौटा दी जाएगी.




Conclusion:दो करोड रुपए मिला प्रशासनिक खर्च
यूआईटी ने इस योजना के लिए प्रशासनिक खर्च के तौर पर 2000 रुपए आवेदन शुल्क भी लिया है. ऐसे में 10551 फॉर्म के जरिए यूआईटी को करीब 2 करोड रुपए प्रशासनिक खर्च भी मिला है. यूआईटी के अधिकारियों का कहना है कि फार्म की चटनी चल रही है. इसके पूरी होते ही लॉटरी प्रक्रिया निकाल दी जाएगी. उन्होंने संभावना जताई है कि या तो इस महीने के अंतिम सप्ताह में या फरवरी माह में लॉटरी निकाल दी जाएगी.



बाइट-- भवानी सिंह पालावत, सचिव यूआईटी कोटा
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