कोटा. विश्वविद्यालय परिसर इन-दिनों छात्रों के विरोध-प्रदर्शन का अखाड़ा बना हुआ है. विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष चंद्रशेखर नागर अपने 4 साथी नेताओं के साथ कोटा विश्वविद्यालय की 15 जुलाई से शुरू होने वाली यूजी पीजी फाइनल ईयर की परीक्षाओं को रद्द करवाने की मांग को लेकर पिछले 3 दिन से क्रमिक अनशन पर बैठे हुए हैं.
छात्रसंघ अध्यक्ष नागर ने कहा कि राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर द्वारा करवाई गई परीक्षा में स्टूडेंट और शिक्षक कोविड-19 से संक्रमित मिले थे. ऐसे में कॉलेज में होने वाली परीक्षाओं में भी संभावना है कि छात्र कोविड-19 की चपेट में आ सकते हैं.
नागर ने क्रमिक अनशन पर बैठे हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन से मांग की है परीक्षाओं के आयोजन को लेकर पुनर्विचार किया जाए और परीक्षाओं को रद्द किया जाए या फिर आगामी दो-तीन महीने बाद परीक्षाएं आयोजित करवाई जाए.
नागर ने बताया कई महिलाएं गर्भवती भी हैं, जो कोरोना संक्रमण को लेकर चिंतित है. उनका कहना है कि ऐसी महिलाएं परीक्षाएं देने तो पहुंच जाएंगी, लेकिन कोविड-19 के संक्रमण से उन्हें अपने गर्भ में पल रहे शिशु की स्वास्थ्य की बड़ी चिंता होगी.
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पूर्व छात्रसंघ महासचिव दीपक सुमन ने कहा कि अगर विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपना फैसला नहीं बदला, तो आगामी सोमवार के दिन से क्रमिक अनशन को आमरण अनशन में बदला जाएगा और आंदोलन अनवरत जारी रहेगा.