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लहसुन खरीद शुरू नहीं होने से गुस्साए किसान, सड़क पर फसल फेंककर लगा दी आग

कोटा के सांगोद जिले में सरकारी खरीद की घोषणा के बाद भी लहसुन खरीद शुरू नहीं होने से परेशान किसानों ने सड़क पर लहसुन फेंक कर उसमें (Agitated farmers set fire to garlic in Kota) आग लगा दी. बारिश के मौसम आने के कारण फसल खराब होने लगी थी जिसके चलते 80 प्रतिशत किसान कम दामों में ही फसल बेच चुके हैं. बाकि बचे किसान अब भी खरीदी शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं.

Garlic purchase not started at government level in Kota
कोटा में किसानों ने सड़क पर लहसुन फेंक लगा दी आग
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Published : Jun 24, 2022, 8:03 PM IST

सांगोद (कोटा). सरकारी खरीद की घोषणा के बाद भी सरकारी स्तर पर लहसुन खरीद शुरू नहीं होने से किसान परेशान हैं. किसानों का माल खराब होने लगा है. प्री मानसून की बारिश के चलते और आगामी मानसून को देखते हुए किसानों को लाखों रुपए का नुकसान हो सकता है. 3 जून को केन्द्र सरकार ने सरकारी खरीद के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी थी. लेकिन राज्य सरकार ने 21 जून को 2975 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से सरकारी खरीद करने की घोषणा की थी.

लेकिन अब तक सरकारी खरीद एंजेंसियों की खरीद को लेकर कोई तैयारी नहीं है. सांगोद के लालहेड़ा में शुक्रवार (Agitated farmers set fire to garlic in Kota) को सरकारी खरीद शुरू नहीं होने से आहत किसानों ने गांव में ही सड़क पर लहसुन फेंक कर उसमें आग लगा दी. किसानों का कहना है कि सरकार ने पहले ही खरीद की घोषणा में इतना समय लगा दिया. किसानों को अपना माल कम से कम दाम पर बेचना पड़ा. जिन किसानों ने स्टॉक कर रखा था अब उनका माल सड़ने लगा है. किसानों का कहना है कि जब माल ही खराब हो जाएगा तो सरकार भी उसे नहीं खरीदेगी. किसान को फिर भी नुकसान उठाना पड़ेगा.

पढ़ें. Garlic rates down in Kota Mandi: कोटा मंडी में एक रुपए किलो बिक रहा लहसुन, किसानों ने की तौबा... कहा-अगली बार नहीं करेंगे यह फसल

किसानों के अनुसार संभाग के काफी किसान कम दाम पर लहसुन बेच चुके हैं. केवल 20 प्रतिशत किसान बचे हैं जो बाजार हस्तक्षेप योजना में लहसुन खरीद शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं. अधिकांश किसानों के पास लहसुन भण्डारण की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने से अब लहसुन खराब होने लगा है.

सांगोद (कोटा). सरकारी खरीद की घोषणा के बाद भी सरकारी स्तर पर लहसुन खरीद शुरू नहीं होने से किसान परेशान हैं. किसानों का माल खराब होने लगा है. प्री मानसून की बारिश के चलते और आगामी मानसून को देखते हुए किसानों को लाखों रुपए का नुकसान हो सकता है. 3 जून को केन्द्र सरकार ने सरकारी खरीद के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी थी. लेकिन राज्य सरकार ने 21 जून को 2975 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से सरकारी खरीद करने की घोषणा की थी.

लेकिन अब तक सरकारी खरीद एंजेंसियों की खरीद को लेकर कोई तैयारी नहीं है. सांगोद के लालहेड़ा में शुक्रवार (Agitated farmers set fire to garlic in Kota) को सरकारी खरीद शुरू नहीं होने से आहत किसानों ने गांव में ही सड़क पर लहसुन फेंक कर उसमें आग लगा दी. किसानों का कहना है कि सरकार ने पहले ही खरीद की घोषणा में इतना समय लगा दिया. किसानों को अपना माल कम से कम दाम पर बेचना पड़ा. जिन किसानों ने स्टॉक कर रखा था अब उनका माल सड़ने लगा है. किसानों का कहना है कि जब माल ही खराब हो जाएगा तो सरकार भी उसे नहीं खरीदेगी. किसान को फिर भी नुकसान उठाना पड़ेगा.

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किसानों के अनुसार संभाग के काफी किसान कम दाम पर लहसुन बेच चुके हैं. केवल 20 प्रतिशत किसान बचे हैं जो बाजार हस्तक्षेप योजना में लहसुन खरीद शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं. अधिकांश किसानों के पास लहसुन भण्डारण की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने से अब लहसुन खराब होने लगा है.

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