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ACB ने RAS कृष्णा शुक्ला के खिलाफ दर्ज किया मुकदमा, दूसरे मामले में जेईएन और लाइनमैन पर भी FIR

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Published : Jan 1, 2021, 5:46 PM IST

कोटा में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने ऑफिस के दुरुपयोग को लेकर आरएएस अधिकारी और पूर्व यूआईटी की डिप्टी सेक्रेटरी कृष्णा शुक्ला के साथ तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. वहीं दूल वरिष्ठ लिपिक चंद्रप्रकाश और लाभार्थी पुष्पेंद्र नागर को भी आरोपी बनाया है. साथ ही एक अन्य मामले में जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के कनिष्ठ अभियंता नवीन कुमार शर्मा और लाइनमैन सुरेश कुमार के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है.

कोटा की ताजा हिंदी खबरें, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, Jaipur Vidyut Vitran Nigam Limited
कोटा में ACB ने किया RAS कृष्णा शुक्ला के खिलाफ मामला दर्ज

कोटा. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने आरएएस अधिकारी और पूर्व यूआईटी की डिप्टी सेक्रेटरी कृष्णा शुक्ला के साथ तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. इस मुकदमे में उनके साथ वरिष्ठ लिपिक चंद्रप्रकाश और लाभार्थी पुष्पेंद्र नागर को भी आरोपी बनाया है. आरएएस अधिकारी शुक्ला पर ऑफिस के दुरुपयोग का मामला एसीबी ने बनाया है. इसके साथ ही एक अन्य मामले में जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के कनिष्ठ अभियंता नवीन कुमार शर्मा और लाइनमैन सुरेश कुमार के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है.

कोटा में ACB ने किया RAS कृष्णा शुक्ला के खिलाफ मामला दर्ज

फर्जी लेटर के चलते किया था खेल

मामले की जानकारी देते हुए एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ठाकुर चंद्रशील कुमार ने बताया कि नगर विकास न्यास ने दो लाख 28 हजार रुपए में आरोग्य नगर में पुष्पेंद्र नागर को एक भूखंड आवंटित किया था, लेकिन पैसे जमा नहीं कराने के चलते वो निरस्त हो गया था. इस भूखंड को दोबारा बहाल करवाने के लिए अधिकारियों और लाभार्थी पुष्पेंद्र नागर ने स्वायत शासन विभाग के संयुक्त शासन सचिव अर्जुन राम चौधरी का एक पत्र लगा दिया. जिसकी जांच में फर्जी निकला है. जिस समय दोबारा पुष्पेंद्र नागर को भूखंड आवंटित करने की ये कोशिश की गई. उस समय भूखंड की कीमत 70 लाख रुपए हो गई.

इस मामले में लाभार्थी पुष्पेंद्र नागर को फायदा पहुंचाने की कोशिश के चलते परिवाद दर्ज किया गया और उसकी जांच के बाद मुकदमा दर्ज हुआ. इस मामले में तत्कालीन यूआईटी की डिप्टी सेक्रेटरी कृष्णा शुक्ला, वरिष्ठ लिपिक चंद्रप्रकाश और लाभार्थी पुष्पेंद्र नागर को आरोपी बनाया है. वर्तमान में आरएएस अधिकारी कृष्णा शुक्ला महिला और बाल विकास विभाग कोटा में ही पद स्थापित है.

पढ़ें- कोचिंग संस्थानों को खुलवाने के लिए व्यापार महासंघ ने निकाली सद्भावना पदयात्रा... कोटा बंद की दी चेतावनी

ट्रांसफार्मर देने के लिए मांगी थी 5000 रिश्वत

एसीबी ने जो दूसरा मुकदमा दर्ज किया है. उसमें जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के कनिष्ठ अभियंता नवीन कुमार शर्मा और लाइनमैन सुरेश कुमार को आरोपी बनाया है. इस मामले में परिवादी यूसुफ ने एसीबी को परिवाद दिया था कि वह मुर्गी पालन का व्यवसाय बोरखेड़ा इलाके में करता है. उसने सेल्फ फाइनेंस स्कीम के तहत ट्रांसफार्मर लगाया था, जो चोरी हो गया. इसकी जगह दूसरा ट्रांसफार्मर स्थापित करने के लिए कनिष्ठ अभियंता नवीन कुमार शर्मा 5000 रुपए की मांग कर रहे हैं. हालांकि एसीबी ने परिवाद के बाद मुकदमें मामले का सत्यापन कराया जिसमें 4,000 रुपए पर सौदा तय हुआ, लेकिन बाद में दोनों आरोपियों ने शक हो जाने पर रिश्वत नहीं ली और ये ट्रैप फेल हो गया. इस मामले में एसीबी ने रिश्वत की मांग के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया है.

कोटा. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने आरएएस अधिकारी और पूर्व यूआईटी की डिप्टी सेक्रेटरी कृष्णा शुक्ला के साथ तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. इस मुकदमे में उनके साथ वरिष्ठ लिपिक चंद्रप्रकाश और लाभार्थी पुष्पेंद्र नागर को भी आरोपी बनाया है. आरएएस अधिकारी शुक्ला पर ऑफिस के दुरुपयोग का मामला एसीबी ने बनाया है. इसके साथ ही एक अन्य मामले में जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के कनिष्ठ अभियंता नवीन कुमार शर्मा और लाइनमैन सुरेश कुमार के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है.

कोटा में ACB ने किया RAS कृष्णा शुक्ला के खिलाफ मामला दर्ज

फर्जी लेटर के चलते किया था खेल

मामले की जानकारी देते हुए एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ठाकुर चंद्रशील कुमार ने बताया कि नगर विकास न्यास ने दो लाख 28 हजार रुपए में आरोग्य नगर में पुष्पेंद्र नागर को एक भूखंड आवंटित किया था, लेकिन पैसे जमा नहीं कराने के चलते वो निरस्त हो गया था. इस भूखंड को दोबारा बहाल करवाने के लिए अधिकारियों और लाभार्थी पुष्पेंद्र नागर ने स्वायत शासन विभाग के संयुक्त शासन सचिव अर्जुन राम चौधरी का एक पत्र लगा दिया. जिसकी जांच में फर्जी निकला है. जिस समय दोबारा पुष्पेंद्र नागर को भूखंड आवंटित करने की ये कोशिश की गई. उस समय भूखंड की कीमत 70 लाख रुपए हो गई.

इस मामले में लाभार्थी पुष्पेंद्र नागर को फायदा पहुंचाने की कोशिश के चलते परिवाद दर्ज किया गया और उसकी जांच के बाद मुकदमा दर्ज हुआ. इस मामले में तत्कालीन यूआईटी की डिप्टी सेक्रेटरी कृष्णा शुक्ला, वरिष्ठ लिपिक चंद्रप्रकाश और लाभार्थी पुष्पेंद्र नागर को आरोपी बनाया है. वर्तमान में आरएएस अधिकारी कृष्णा शुक्ला महिला और बाल विकास विभाग कोटा में ही पद स्थापित है.

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ट्रांसफार्मर देने के लिए मांगी थी 5000 रिश्वत

एसीबी ने जो दूसरा मुकदमा दर्ज किया है. उसमें जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के कनिष्ठ अभियंता नवीन कुमार शर्मा और लाइनमैन सुरेश कुमार को आरोपी बनाया है. इस मामले में परिवादी यूसुफ ने एसीबी को परिवाद दिया था कि वह मुर्गी पालन का व्यवसाय बोरखेड़ा इलाके में करता है. उसने सेल्फ फाइनेंस स्कीम के तहत ट्रांसफार्मर लगाया था, जो चोरी हो गया. इसकी जगह दूसरा ट्रांसफार्मर स्थापित करने के लिए कनिष्ठ अभियंता नवीन कुमार शर्मा 5000 रुपए की मांग कर रहे हैं. हालांकि एसीबी ने परिवाद के बाद मुकदमें मामले का सत्यापन कराया जिसमें 4,000 रुपए पर सौदा तय हुआ, लेकिन बाद में दोनों आरोपियों ने शक हो जाने पर रिश्वत नहीं ली और ये ट्रैप फेल हो गया. इस मामले में एसीबी ने रिश्वत की मांग के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया है.

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