कोटा. कोटा एसीबी की टीम ने निजी श्री कृष्णा टीचर्स ट्रेनिंग बीएड कॉलेज के निदेशक राघवेंद्र कुमार दाधीच को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. इस मामले में सामने आया है, कि हर स्टूडेंट से बीएड कॉलेज में इस तरह की अवैध वसूली हो रही है.
हालांकि स्टूडेंट डर के कारण इस तरह की शिकायत नहीं करते हैं. इस मामले में भी इंटर्नशिप रोके जाने के डर के चलते 2 महीने तक एसीबी ने शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं की. परिवादी को भी डर था, कि कहीं उसकी इंटर्नशिप न रोक दें. परिवादी स्टूडेंट अभिषेक ने अक्टूबर महीने में एसीबी को इस मामले में शिकायत दी थी, लेकिन कार्रवाई के लिए 2 महीने तक इंतजार किया गया.
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अभिषेक को आशंका थी, कि यदि उसने कार्रवाई करा दी तो उसकी इंटर्नशिप रोक दी जाएगी. इसके चलते एसीबी ने भी पूरा टाइम दिया. जब 17 दिसंबर को दोबारा सत्यापन के लिए गया तो उससे इंटर्नशिप मांगी गई. इस पर निदेशक राघवेंद्र ने कहा, कि बाकी पैसा ले आओ, इंटर्नशिप ले जाना. उसने एक दिन का पैसा देने की बात कही तो वे नहीं माने.
कॉलेज जाने के बावजूद नहीं लगने दी उपस्थिति
अभिषेक का कहना है, कि जब उसने पैसा नहीं दिया तो नियमित कॉलेज जाने के बावजूद उसकी प्रजेंट नहीं लगने दी. उसकी क्लास लेने वाली शिक्षिकाओं को पाबंद कर दिया, कि किसी हाल में उसकी उपस्थिति दर्ज नहीं होनी चाहिए. थक हार कर अभिषेक राघवेंद्र से मिला और पैसा कम करने की बात कही तो उसने साफ शब्दों में कह दिया, कि एक चवन्नी भी कम नहीं होगी. यदि पैसा नहीं दिया तो समझ ले तेरी बीएड की डिग्री पूरी नहीं हो पाएगी.
हर स्टूडेंट नहीं जुटा पाता है हिम्मत
परिवादी अभिषेक चौरसिया का कहना है, कि हर बच्चे से इसी तरह से अवैध पैसे बतौर रिश्वत के लिए जा रहे हैं, लेकिन कोई भी शिकायत करने की हिम्मत नहीं जुटा पाता है. अभिषेक का कहना है, कि उसे जमकर प्रताड़ित और अपमानित किया गया है. इसके बाद ही उसने एसीबी में इस तरह की शिकायत दी है