कोटा. हिमाचल प्रदेश के शिमला निवासी एक किशोरी को सोशल मीडिया पर वीडियो बनाने का शौक था. इस कारण उसकी मां उसे अक्सर डांटती थी. मां की डांट से नाराज होकर वह अपना घर छोड़कर निकल पड़ी. वह दिल्ली होती हुई मुंबई जा रही थी, लेकिन कोटा में जब वह रेलवे स्टेशन पर टिकट विंडो पर पहुंची, तब शक होने पर वहां के लोगों ने आरपीएफ को इसकी सूचना दी. बाद में बालिका को चाइल्ड लाइन भेज दिया गया. कोटा की बाल कल्याण समिति ने बालिका को अस्थाई आश्रय बालिका गृह में दिया है.
बाल कल्याण समिति के सदस्य विमल चंद जैन ने बताया कि एक बालिका को 14 जुलाई की रात को कोटा रेलवे स्टेशन की टिकट विंडो पर रेस्क्यू किया गया. बालिका मुंबई की तरफ जाने की बात कर रही थी, लेकिन कहां जाना है यह नहीं बता पा रही थी.
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ऐसे में शक होने पर आरपीएफ टीम को बुलाया गया और पूछताछ में खुलासे के बाद किशोरी को चाइल्ड लाइन के सुपुर्द कर दिया गया. बालिका की उम्र 16 साल है. इसके बाद बालिका को बाल कल्याण समिति के सदस्य आबिद हुसैन अब्बासी के सामने आज पेश किया गया. जहां से उसे बालिका गृह में अस्थाई आश्रय दिया गया है.
बाल कल्याण समिति के सदस्य विमल चंद जैन ने बताया कि एक बालिका को 14 जुलाई की रात को कोटा रेलवे स्टेशन की टिकट विंडो पर रेस्क्यू किया गया. बालिका मुंबई जाने की बात कर रही थी, लेकिन वहां पर कहां जाना है, यह नहीं बता पा रही थी. ऐसे में शक होने पर आरपीएफ की टीम को बुलाया गया और उन्होंने चाइल्डलाइन की टीम को सूचना देकर बालिका को उसके सुपुर्द कर दिया. बालिका की उम्र 16 साल है. इसके बाद बालिका को बाल कल्याण समिति के सदस्य आबिद हुसैन अब्बासी के सामने आज पेश किया गया. यहां से उसे बालिका गृह में अस्थाई आश्रय दिया गया है.
सीडब्ल्यूसी मेंबर विमल चंद जैन ने बताया कि बालिका के पिता ने शिमला में उसकी गुमशुदगी का मुकदमा दर्ज कराया है. इसके साथ ही परिजन उसे लेने के लिए भी निकल गए हैं, जो कि शुक्रवार को पहुंचेंगे. उन्होंने कहा कि बालिका की प्रारंभिक तौर पर काउंसलिंग की गई है. इसमें उसने बताया कि वह इंस्टाग्राम पर वीडियो अपलोड करना और दोस्त बनाने की शौकीन है. इस पर उसकी मां उसे लगातार डांटती थी, साथ ही उसे मॉडलिंग का भी शौक है.
ऐसे में उसने अपने घर को 13 जुलाई को छोड़ दिया. बालिका आठवीं कक्षा की परीक्षा दे चुकी है. शिमला से वह बस में बैठकर दिल्ली पहुंची, जहां स्टेशन पर ही पूरी रात बिताने की बात बताई. इसके बाद दिल्ली रेलवे स्टेशन से कोटा पहुंच गई. यहां से वह मुंबई की तरफ जाने वाली थी. बालिका अपने घर से 5000 रुपए लेकर निकली थी, जिनमें से 3500 रुपए खर्च भी हो गए हैं. सीडब्ल्यूसी सदस्य आबिद हुसैन अब्बासी का कहना है कि उन्होंने इस संबंध में प्रॉपर काउंसलिंग के लिए निर्देशित डीसीपीयू की काउंसलर को दिए हैं.