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संविधान दिवस मना रहे हैं, लेकिन बुजुर्गों की मदद के लिए कोई मशीनरी ही नहीं-हाईकोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट ने बुजुर्गों को पेंशन नहीं मिलने से जुड़े मामले में कड़ी टिप्पणी की है.

COURT MADE STRONG COMMENT,  ELDERLY PEOPLE NOT GETTING PENSION
राजस्थान हाईकोर्ट ने की टिप्पणी. (ETV Bharat gfx)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 2 hours ago

जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने बुजुर्ग लोगों को पेंशन सहित अन्य योजनाओं का लाभ नहीं मिलने से जुडे़ मामले में कड़ी टिप्पणी की है. अदालत ने कहा कि भले ही हम संविधान दिवस मना रहे हैं, लेकिन बुजुर्ग लोगों की मदद के लिए कोई ऐसी मशीनरी नहीं है, जिससे उनसे जुडे़ पेंशन व अन्य मामलों में उनकी मदद हो सके. एक कल्याणकारी राज्य में इस तरह की व्यवस्था होनी चाहिए.

इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार को कहा है कि ऐसे लोगों के मामलों के निस्तारण के लिए हेल्प सेंटर व पॉलिसी बनाई जाए, ताकि इनकी समय पर मदद हो सके. वहीं, अदालत ने मामले में राज्य सरकार को जवाब देने को कहा है. जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने यह आदेश जय देवी शर्मा की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता 95 साल की विधवा महिला है. उसके पति का गत वर्ष 18 मई को निधन हो गया था.

पढ़ेंः Rajasthan: मृत कर्मचारी के आश्रितों को बकाया फैमिली पेंशन देने के आदेश, रेलवे पर एक लाख का हर्जाना भी लगाया

याचिकाकर्ता अनपढ़ है और उनका बैंक खाता भी नहीं है. याचिकाकर्ता ने गत 14 जून को पेंशन के लिए आवेदन किया तो बैंक खाता नहीं होने के कारण उसे पेंशन नहीं मिली. वहीं, उसका आधार कार्ड, पैन कार्ड व बायोमैट्रिक्स नहीं होने के चलते उसका बैंक खाता भी नहीं खुल पाया. इन कारणों के चलते उसे पेंशन नहीं मिल पाई है, जबकि वह कानूनन पेंशन की अधिकारी है. ऐसे में उसे पेंशन दिलाई जाए. इस पर अदालत ने मामले में दिशा-निर्देश देते हुए राज्य सरकार से जवाब देने के लिए कहा है.

जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने बुजुर्ग लोगों को पेंशन सहित अन्य योजनाओं का लाभ नहीं मिलने से जुडे़ मामले में कड़ी टिप्पणी की है. अदालत ने कहा कि भले ही हम संविधान दिवस मना रहे हैं, लेकिन बुजुर्ग लोगों की मदद के लिए कोई ऐसी मशीनरी नहीं है, जिससे उनसे जुडे़ पेंशन व अन्य मामलों में उनकी मदद हो सके. एक कल्याणकारी राज्य में इस तरह की व्यवस्था होनी चाहिए.

इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार को कहा है कि ऐसे लोगों के मामलों के निस्तारण के लिए हेल्प सेंटर व पॉलिसी बनाई जाए, ताकि इनकी समय पर मदद हो सके. वहीं, अदालत ने मामले में राज्य सरकार को जवाब देने को कहा है. जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने यह आदेश जय देवी शर्मा की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता 95 साल की विधवा महिला है. उसके पति का गत वर्ष 18 मई को निधन हो गया था.

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याचिकाकर्ता अनपढ़ है और उनका बैंक खाता भी नहीं है. याचिकाकर्ता ने गत 14 जून को पेंशन के लिए आवेदन किया तो बैंक खाता नहीं होने के कारण उसे पेंशन नहीं मिली. वहीं, उसका आधार कार्ड, पैन कार्ड व बायोमैट्रिक्स नहीं होने के चलते उसका बैंक खाता भी नहीं खुल पाया. इन कारणों के चलते उसे पेंशन नहीं मिल पाई है, जबकि वह कानूनन पेंशन की अधिकारी है. ऐसे में उसे पेंशन दिलाई जाए. इस पर अदालत ने मामले में दिशा-निर्देश देते हुए राज्य सरकार से जवाब देने के लिए कहा है.

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