कोटा. बिजली कंपनी जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की बात हो या अन्य दूसरी कंपनियों की. किसी भी सामान्य उपभोक्ता का एक से दूसरा बिल बकाया होते ही बिजली कनेक्शन कटने की तलवार लटक जाती है. लेकिन विद्युत कंपनियां पुलिस के आगे सरेंडर कर रही हैं. देखिये ये रिपोर्ट
हाल ही में पिछले वित्तीय वर्ष के समापन के अवसर पर जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने अभियान चलाकर बिजली के बिलों की रिकवरी शुरू की. इसमें कई विभागों के कनेक्शन भी काटे गए, लेकिन पुलिस विभाग पर जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की मेहरबानी ही रही है. कोटा ग्रामीण पुलिस का जहां 98 लाख रुपए का बिल बकाया है. इसके बावजूद भी किसी भी थाने का कनेक्शन नहीं काटा गया है. साफ है कि जेवीवीएनएल पुलिस विभाग पर अपनी मेहरबानी दिखा रहा है.
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केवल नोटिस देकर इतिश्री कर रहा जेवीवीएनएल
बिजली बिल वसूली के लिए जहां किसानों के ट्रांसफार्मर उठाए जा रहे हैं. दूसरी तरफ पुलिस विभाग से किसी तरह की कोई सख्ती भी नहीं बरती गई है. केवल खानापूर्ति के लिए नोटिस ही बिजली विभाग ने पुलिस थानों को दिए हैं.
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जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड कोटा के अधीक्षण अभियंता वीके अग्रवाल का कहना है कि सहायक से लेकर अधिशासी अभियंता और उनके ऑफिस से भी नोटिस हर स्तर पर दिए गए हैं, लेकिन वसूली नहीं हो पाई है.
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एसपी बोले हमारे पास बजट नहीं
कोटा ग्रामीण एसपी शरद चौधरी का कहना है कि उन्होंने मार्च के महीने में ही अंतिम दिनों में 13 लाख रुपए का भुगतान बिजली विभाग को किया है. जो कि थानों के बकाया बिलों का ही था. अभी भी उसके बाद राशि बकाया है.
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लेकिन उनके पास इस बजट हेड में अभी राशि नहीं बची है. अब जो अप्रैल का नया बजट उन्हें मिलेगा उसमें बिजली विभाग को भुगतान करेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि बिजली विभाग भी उनको सहयोग कर रहा है क्योंकि बिजली विभाग का पैसा डूबत खाते में नहीं जाएगा.
सबसे ज्यादा बकाया इटावा थाने पर 27 लाख
बिजली की बकाया राशि की बात की जाए तो सबसे ज्यादा बकाया राशि इटावा के थाने पर है. यहां पर करीब 27 लाख रुपए की राशि बिजली बिलों की है. इसके बाद नंबर आता है कनवास थाने का जहां पर 18 लाख की देनदारी जेवीवीएनएल की है.
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इसके बाद सुबह थाने पर करीब 14 लाख रुपए से ज्यादा की राशि बिजली की है, जो कि लंबे समय से बाकी है. ऐसे में कोटा ग्रामीण के थानों पर 20 हजार से लेकर 27 लाख रुपए तक की बकाया राशि है.
थाने चौकी और अधिकारियों के कार्यालयों का भी बकाया
जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की जो बकाया राशि है. इसमें 44 थाने, चौकी, आवासीय मकान और अधिकारियों के दफ्तरों के बिजली के बिलों की है. इन बिलों की फेहरिस्त का आंकड़ा देखा जाए तो एक करोड़ से ज्यादा की बकाया राशि थी. हाल ही में 13 लाख रुपए जरूर जमा कराए गए हैं इसके बावजूद भी 98 लाख रुपए की देनदारी है.
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ज्यादातर थानों के बिल, 15 दिन में कराने थे जमा
जेवीवीएनएल के एसई का कहना है कि ज्यादातर बिल थाने के कनेक्शन के ही बकाया है. इनके क्वार्टर थानों में ही होते हैं. इसमें से ही कनेक्शन जुड़े हुए हैं. मंथली बिलिंग होती है, फीडर इंचार्ज रीडिंग लेकर बिल ऑफिस में देकर आता है. समय सीमा निर्धारित होती है, जो कि 15 दिन के अंदर होती है. तय समय सीमा में पेमेंट नहीं होता है, उसका नोटिस जारी कर दिया जाता है. 15 दिन में जमा नहीं कराने पर डिस्कनेक्शन के आदेश देते हैं.