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कोटा : संभाग में 57 हजार किसानों ने फसल खराबे के लिए किया आवेदन, 427 पटवार मंडलों में शत-प्रतिशत फसल नष्ट

किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Prime Minister Crop Insurance Scheme) के तहत अपनी फसल का बीमा (crop insurance) करवाया था. ऐसे कोटा संभाग के 57 हजार किसानों ने क्लेम के लिए आवेदन किया है. इसके अलावा 427 पटवार मंडलों में शत-प्रतिशत खराबा कृषि विभाग ने माना है. इन पटवार मंडलों (Patwar Circle) में फसलों की बुवाई नहीं हुई या फिर बुवाई को एक महीना पूरा नहीं हुआ था. ऐसे में इसे निष्फल बुवाई की श्रेणी में माना जा रहा है.

कोटा संभाग में फसल मुआवजे के लिए आवेदन
कोटा संभाग में फसल मुआवजे के लिए आवेदन
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Published : Aug 18, 2021, 6:04 PM IST

कोटा. हाड़ौती संभाग में अतिवृष्टि के चलते फसलें काफी खराब हुई हैं. संभाग में किसानों ने 10 लाख 97 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि पर बुवाई की थी. उसमें से 3 लाख 66 हजार हेक्टेयर की फसल खराबे में शामिल है.

जिन इलाकों में फसल खराबा हुआ है और किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Prime Minister Crop Insurance Scheme) के तहत अपनी फसल का बीमा (crop insurance) करवाया था, ऐसे 57 हजार किसानों ने क्लेम के लिए आवेदन भी किया है. इसके अलावा कृषि विभाग ने 427 पटवार मंडलों (Patwar Circle ) में शत-प्रतिशत खराबा माना है. क्योंकि इन पटवार मंडलों में फसलों की बुवाई नहीं हुई या फिर बुवाई हुई तो भी उन्हें एक महीना पूरा नहीं हुआ था. ऐसे में इसे निष्फल बुवाई की श्रेणी में माना जा रहा है.

ऐसे में इन पटवार मंडलों (Patwar Circle ) में सोयाबीन, मक्का और उड़द के किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Prime Minister Crop Insurance Scheme) के तहत क्लेम मिलेगा. इनमें से अधिकांश पटवार मंडल कोटा और बूंदी जिले के हैं. बीमा कंपनियों से क्लेम दिलवाने के लिए किसानों से ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन भी लिए जा रहे हैं.

कोटा संभाग के संयुक्त निदेशक रामावतार शर्मा का कहना है कि सोयाबीन 214000, उड़द 94000 और मक्का 27000 और अन्य फसलें 31000 हेक्टेयर में खराब हुई है. इनमें किसानों के दो तरह के परिलाभ (Crop Compensation) फसल खराबे पर दिए जाएंगे. इसमें पहला आपदा प्रबंधन विभाग के जरिए दिया जाएगा, जिसमें प्रति हेक्टेयर एक किसान को 2 हेक्टेयर तक का मुआवजा (Crop Compensation) दिया जाएगा.

पढ़ें- SPECIAL : हाड़ौती में फसल पर मौसम की मार...पहले मानसून आने में हुई देरी, अब अतिवृष्टि ने तोड़ी किसानों की कमर

इसके लिए सरकार गिरदावरी करवा रही है. यह गिरदावरी 22 अगस्त तक पूरी होगी, क्योंकि इसके लिए सरकार ने 12 अगस्त को ही दिशा निर्देश दिए थे. वहीं दूसरा फसल मुआवजा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Prime Minister Crop Insurance Scheme) के बीमित किसानों को मिलेगा. यह निष्फल बुवाई की श्रेणी में आता है. यहां पर कुल इकाई लागत का 25 फ़ीसदी पैसा बतौर क्लेम किसानों को दिया जाएगा.

इसके तहत 56954 आवेदन अभी तक कृषि विभाग (Agriculture Department) को मिले हैं. जिसमें प्रति हेक्टेयर करीब 10,000 रुपए का क्लेम मिलेगा. जिनमें से बारां जिले के 18954, कोटा जिले के 16920, बूंदी जिले के 16075 और झालावाड़ जिले के 5010 आवेदन शामिल हैं. ऐसे किसान जो व्यक्तिगत नुकसान की श्रेणी में आते हैं, उनको आवेदन पत्र के आधार पर निर्धारित कमेटी मौका निरीक्षण करेगी और उनको क्लेम दिया जाएगा. इसके साथ ही निष्फल बुवाई के लिए 427 पटवार मंडल चिन्हित किए गए हैं जिनमें शत-प्रतिशत खराबा माना गया है. इनमें सोयाबीन के 177, मक्का के 50 और उड़द के 200 पटवार मंडल (Patwar Circle ) शामिल हैं.

कोटा. हाड़ौती संभाग में अतिवृष्टि के चलते फसलें काफी खराब हुई हैं. संभाग में किसानों ने 10 लाख 97 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि पर बुवाई की थी. उसमें से 3 लाख 66 हजार हेक्टेयर की फसल खराबे में शामिल है.

जिन इलाकों में फसल खराबा हुआ है और किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Prime Minister Crop Insurance Scheme) के तहत अपनी फसल का बीमा (crop insurance) करवाया था, ऐसे 57 हजार किसानों ने क्लेम के लिए आवेदन भी किया है. इसके अलावा कृषि विभाग ने 427 पटवार मंडलों (Patwar Circle ) में शत-प्रतिशत खराबा माना है. क्योंकि इन पटवार मंडलों में फसलों की बुवाई नहीं हुई या फिर बुवाई हुई तो भी उन्हें एक महीना पूरा नहीं हुआ था. ऐसे में इसे निष्फल बुवाई की श्रेणी में माना जा रहा है.

ऐसे में इन पटवार मंडलों (Patwar Circle ) में सोयाबीन, मक्का और उड़द के किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Prime Minister Crop Insurance Scheme) के तहत क्लेम मिलेगा. इनमें से अधिकांश पटवार मंडल कोटा और बूंदी जिले के हैं. बीमा कंपनियों से क्लेम दिलवाने के लिए किसानों से ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन भी लिए जा रहे हैं.

कोटा संभाग के संयुक्त निदेशक रामावतार शर्मा का कहना है कि सोयाबीन 214000, उड़द 94000 और मक्का 27000 और अन्य फसलें 31000 हेक्टेयर में खराब हुई है. इनमें किसानों के दो तरह के परिलाभ (Crop Compensation) फसल खराबे पर दिए जाएंगे. इसमें पहला आपदा प्रबंधन विभाग के जरिए दिया जाएगा, जिसमें प्रति हेक्टेयर एक किसान को 2 हेक्टेयर तक का मुआवजा (Crop Compensation) दिया जाएगा.

पढ़ें- SPECIAL : हाड़ौती में फसल पर मौसम की मार...पहले मानसून आने में हुई देरी, अब अतिवृष्टि ने तोड़ी किसानों की कमर

इसके लिए सरकार गिरदावरी करवा रही है. यह गिरदावरी 22 अगस्त तक पूरी होगी, क्योंकि इसके लिए सरकार ने 12 अगस्त को ही दिशा निर्देश दिए थे. वहीं दूसरा फसल मुआवजा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Prime Minister Crop Insurance Scheme) के बीमित किसानों को मिलेगा. यह निष्फल बुवाई की श्रेणी में आता है. यहां पर कुल इकाई लागत का 25 फ़ीसदी पैसा बतौर क्लेम किसानों को दिया जाएगा.

इसके तहत 56954 आवेदन अभी तक कृषि विभाग (Agriculture Department) को मिले हैं. जिसमें प्रति हेक्टेयर करीब 10,000 रुपए का क्लेम मिलेगा. जिनमें से बारां जिले के 18954, कोटा जिले के 16920, बूंदी जिले के 16075 और झालावाड़ जिले के 5010 आवेदन शामिल हैं. ऐसे किसान जो व्यक्तिगत नुकसान की श्रेणी में आते हैं, उनको आवेदन पत्र के आधार पर निर्धारित कमेटी मौका निरीक्षण करेगी और उनको क्लेम दिया जाएगा. इसके साथ ही निष्फल बुवाई के लिए 427 पटवार मंडल चिन्हित किए गए हैं जिनमें शत-प्रतिशत खराबा माना गया है. इनमें सोयाबीन के 177, मक्का के 50 और उड़द के 200 पटवार मंडल (Patwar Circle ) शामिल हैं.

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