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पीडब्ल्यूडी इंजीनियर के लिए रिश्वत लेने वाले दलाल को 5 साल की सजा, एक लाख का जुर्माना लगाया - bribery case

कोटा में पीडब्ल्यूडी इंजीनियर के लिए 10 हजार की रिश्वत लेने के मामले में आरोपी दलाल को 5 साल की सजा सुनाई गई है. इसके साथ ही उसपर एक लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया है.

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आरोपी दलाल को 5 साल सजा
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Published : Sep 23, 2021, 5:24 PM IST

कोटा. भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय ने 14 साल पुराने मामले में रिश्वत लेने वाले दलाल को 5 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही आरोपी पर एक लाख रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. मामला 10 हजार रुपए की रिश्वत लेने का है जो कि पीडब्ल्यूडी के सहायक अभियंता के लिए दलाल अब्दुल फरीद ने ली थी. इस मामले में सहायक अभियंता की मृत्यु हो गई थी जिस मामले एक मात्र बचे आरोपी दलाल को सजा हुई है.

मामले के अनुसार खानपुर निवासी परिवादी विक्रम कक्कड़ और उसके पार्टनर संपतराज नागर ने 15 जून 2007 को एसीबी को शिकायत दी थी. उसने बताया था कि मेरी फर्म मैसर्स राजकुमार कक्कड़ प्रोपराइटर विक्रम कक्कड़ खानपुर पीडब्ल्यूडी में अधिकृत ठेकेदार हैं. मैं और संपतराज नागर पार्टनर हैं. हमने पैच रिपेयर का वर्ष 2006-07 में लगभग 10 लाख का कार्य पूरा किया था. जिसके बाद में पीडब्ल्यूडी की ओर से सिक्योरिटी डिपॉजिट राशि 1 लाख रुपए में रोका गया है. इस कार्य को पूर्ण करके 3 माह बाद लौटाना सुनिश्चित है.

पढ़ें: ACB कोर्ट ने जलदाय विभाग के एक्सईएन-जेईएन को भ्रष्टाचार में माना दोषी, सुनाई सजा

जबकि खानपुर के सहायक अभियंता योगेंद्र कुमार शर्मा 4 माह बीत गए और इस राशि को नहीं लौटा रहे हैं. हम 3 माह से ऑफिस के चक्कर काट रहे हैं. राशि लौटाने के संबंध में सहायक अभियंता 10 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहे हैं. इसके लिए एईएन योगेंद्र कुमार शर्मा ने दलाल भी रख रखे हैं, जिनके जरिए रिश्वत ली जाती है. इस पर एसीबी ने सत्यापन कराया और रिश्वत मांगने का मामला पाए जाने पर ट्रैप किया.

इसमें 15 जून 2007 को आरोपी सहायक अभियंता योगेंद्र शर्मा के कहने पर पीडब्ल्यूडी के अन्य ठेकेदार अब्दुल फरीद को खानपुर में 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया. आरोपी सहायक अभियंता को झालावाड़ सूर्या होटल से गिरफ्तार किया गया जिस मामले में 2011 को पेश किया गया था. इसके बाद बीते 10 सालों से इस मामले में सुनवाई चल रही थी.

कोटा. भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय ने 14 साल पुराने मामले में रिश्वत लेने वाले दलाल को 5 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही आरोपी पर एक लाख रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. मामला 10 हजार रुपए की रिश्वत लेने का है जो कि पीडब्ल्यूडी के सहायक अभियंता के लिए दलाल अब्दुल फरीद ने ली थी. इस मामले में सहायक अभियंता की मृत्यु हो गई थी जिस मामले एक मात्र बचे आरोपी दलाल को सजा हुई है.

मामले के अनुसार खानपुर निवासी परिवादी विक्रम कक्कड़ और उसके पार्टनर संपतराज नागर ने 15 जून 2007 को एसीबी को शिकायत दी थी. उसने बताया था कि मेरी फर्म मैसर्स राजकुमार कक्कड़ प्रोपराइटर विक्रम कक्कड़ खानपुर पीडब्ल्यूडी में अधिकृत ठेकेदार हैं. मैं और संपतराज नागर पार्टनर हैं. हमने पैच रिपेयर का वर्ष 2006-07 में लगभग 10 लाख का कार्य पूरा किया था. जिसके बाद में पीडब्ल्यूडी की ओर से सिक्योरिटी डिपॉजिट राशि 1 लाख रुपए में रोका गया है. इस कार्य को पूर्ण करके 3 माह बाद लौटाना सुनिश्चित है.

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जबकि खानपुर के सहायक अभियंता योगेंद्र कुमार शर्मा 4 माह बीत गए और इस राशि को नहीं लौटा रहे हैं. हम 3 माह से ऑफिस के चक्कर काट रहे हैं. राशि लौटाने के संबंध में सहायक अभियंता 10 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहे हैं. इसके लिए एईएन योगेंद्र कुमार शर्मा ने दलाल भी रख रखे हैं, जिनके जरिए रिश्वत ली जाती है. इस पर एसीबी ने सत्यापन कराया और रिश्वत मांगने का मामला पाए जाने पर ट्रैप किया.

इसमें 15 जून 2007 को आरोपी सहायक अभियंता योगेंद्र शर्मा के कहने पर पीडब्ल्यूडी के अन्य ठेकेदार अब्दुल फरीद को खानपुर में 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया. आरोपी सहायक अभियंता को झालावाड़ सूर्या होटल से गिरफ्तार किया गया जिस मामले में 2011 को पेश किया गया था. इसके बाद बीते 10 सालों से इस मामले में सुनवाई चल रही थी.

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