कोटा. जिले में 200 नए कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए हैं. इसके अलावा बीते 4 दिनों की बात की जाए तो 1,500 से ज्यादा पॉजिटिव मरीज सामने आ चुके हैं. इस दौरान कोटा जिले में चार जनों की मौत भी कोविड-19 संक्रमण के चलते हुई है. जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें 3 अस्पताल में भर्ती थे. वहीं एक बुजुर्ग थे, जिन्हें परिजन मृत अवस्था में ही अस्पताल लेकर आए थे.
मृतकों में चारों बुजुर्ग पुरुष शामिल हैं, इनमें प्रगति नगर निवासी 69 वर्षीय, कंसुआ वार्ड नंबर 32 निवासी 70 वर्षीय और महावीर नगर निवासी 65 वर्षीय शामिल हैं. इसके अलावा विज्ञान नगर निवासी 80 वर्षीय बुजुर्ग को परिजन मृत अवस्था में ही अस्पताल लेकर आए थे, उनकी रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है. मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में कोविड-19 से संक्रमित हुए एक 40 वर्षीय नर्सिंग कर्मी की भी मौत हुई है. इन नर्सिंग कर्मी की रिपोर्ट 18 अगस्त को कोविड-19 पॉजिटिव आ गई थी. इसके बाद 22 अगस्त को रिपीट सैंपल भी पॉजिटिव आई थी. वहीं 27 अगस्त को तीसरा सैंपल नेगेटिव मिला था. हालांकि मेडिकल कॉलेज प्रबंधन अब कंफर्म नहीं कर रहा है कि इनकी मौत को कोविड-19 से माना जा रहा है या नहीं.
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दूसरी तरफ नर्सिंग यूनियन ने मृत नर्सिंग कर्मी को कोरोना से मौत मानते हुए राज्य सरकार की ओर से पहले से घोषित राशि दिलाने की मांग की गई है. वहीं मेडिकल कॉलेज अस्पताल मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल को कोविड-19 डेडीकेटेड हॉस्पिटल के तौर पर संचालित किया जा रहा है. वहां पर आईसीयू फुल हो गया है. ऐसे में कोटा शहर के तीन अस्पतालों को जिला प्रशासन ने अधिग्रहित कर वहां पर कोविड-19 के मरीजों को रखने के निर्देश दिए हैं. ऐसे में भारत विकास परिषद, कोटा हार्ट इंस्टीट्यूट और सुधा जनरल हॉस्पिटल में मरीजों को शिफ्ट किया जा रहा है.
राज्य सरकार ने लगाई रिपोर्टिंग पर रोक
राज्य सरकार ने कोटा की रिपोर्टिंग पर रोक लगा दी है. अब चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग और मेडिकल कॉलेज प्रबंधन भी आंकड़े जारी नहीं कर रहा है. इनका कहना है कि राज्य सरकार ही अब आंकड़े जारी करेगी, जबकि इससे पहले कोटा मेडिकल कॉलेज पूरे आंकड़े जारी कर रहा था, लेकिन स्टेट से आंकड़े कम जारी हो रहे थे. इस गलफत के बाद ही कोटा जिले स्तर पर आंकड़े जारी करने पर रोक राज्य सरकार ने लगा दी है.