जयपुर : भजनलाल सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा द्वारा अपनी ही सरकार पर फोन टैपिंग के आरोप लगाने के बाद अब प्रदेश में सियासी तूफान मच गया है. इस मामले को लेकर विधानसभा में आज हंगामा हुआ. विपक्ष किरोड़ी लाल मीणा के आरोपों को लेकर सरकार पर हमलावर है.
इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भजनलाल सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री को सदन में जवाब देना चाहिए. अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक बयान में कहा, "हमारी सरकार के समय मैंने सदन के पटल पर कहा था कि किसी भी मंत्री, सांसद और विधायक का टेलिफोन सर्विलांस पर नहीं लिया गया और न ही लिया जाएगा."
हमारी सरकार के समय मैंने सदन के पटल पर कहा था कि किसी भी मंत्री, सांसद और विधायक का टेलिफोन सर्विलांस पर नहीं लिया गया और न ही लिया जाएगा। परन्तु भाजपा सरकार पर अपने ही कैबिनेट मंत्री द्वारा फोन टैपिंग के आरोप लगाना भाजपा की सच्चाई उजागर करता है।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) February 7, 2025
यह मामला बहुत गंभीर प्रकृति का…
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विपक्ष ने नहीं, मंत्री ने लगाए हैं आरोप : अशोक गहलोत ने आगे कहा, "परंतु भाजपा सरकार पर अपने ही कैबिनेट मंत्री द्वारा फोन टैपिंग के आरोप लगाना भाजपा की सच्चाई उजागर करता है. यह मामला बहुत गंभीर प्रकृति का है क्योंकि आरोप राजनीतिक लाभ के लिए किसी विपक्षी नेता ने नहीं बल्कि सरकार के कैबिनेट मंत्री ने लगाए हैं. इनकी सच्चाई सामने आनी चाहिए. मुख्यमंत्री को सदन में जवाब देना चाहिए."
कैबिनेट मंत्री किरोड़ी मीणा जी अपनी ही सरकार के मुख्यमंत्री पर 'फोन टैपिंग' और 'जासूसी' करने का गंभीर एवं संगीन आरोप लगा रहे हैं।
— Govind Singh Dotasra (@GovindDotasra) February 7, 2025
एक कैबिनेट मंत्री द्वारा अपने मुखिया पर जासूसी कर 'भ्रष्टाचारियों को बचाने' का मामला पूरी भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार में डूबे होने का प्रमाण है।… pic.twitter.com/i1cq7jA6EL
डोटासरा बोले, भ्रष्टाचारियों को खुली छूट : कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी सरकार पर करारा हमला बोला है. उन्होंने कहा, "कैबिनेट मंत्री किरोड़ी मीणा अपनी ही सरकार के मुख्यमंत्री पर 'फोन टैपिंग' और 'जासूसी' करने का गंभीर एवं संगीन आरोप लगा रहे हैं. एक कैबिनेट मंत्री द्वारा अपने मुखिया पर जासूसी कर 'भ्रष्टाचारियों को बचाने' का मामला पूरी भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार में डूबे होने का प्रमाण है. किरोड़ी के आरोपों से स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री द्वारा भ्रष्टाचारियों को लूट की खुली छूट दी जा रही है."
मुख्यमंत्री के पास है गृह विभाग : डोटासरा ने कहा, "कैबिनेट मंत्री द्वारा अपने मुखिया पर इससे बड़ा आरोप नहीं हो सकता, क्योंकि गृह विभाग खुद मुख्यमंत्री के पास है. मुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचारियों को बचाने के आरोपों की जांच होनी चाहिए. साथ ही संगीन आरोपों पर मुखिया का स्पष्टीकरण भी आना चाहिए. राजस्थान की जनता सच जानना चाहती है."