जोधपुर. प्रदेश के दूसरे बड़े महानगर जोधपुर में जल संकट खड़ा हो रहा है. क्लोजर के बाद इंदिरा गांधी नहर से आने वाले पानी में देरी के चलते यह नौबत आई है. यूं तो सोमवार को यह पानी जोधपुर पहुंचना था लेकिन अब इसमें दस दिन की देरी हो रही है. इसके चलते जोधपुर के प्राकृतिक रिजर्ववायर कायलाना व तख्तसागर तक पानी पहुंचाने वाली स्थानीय हाथी नहर सूख गई. अब इन रिजर्ववायर में मौजूद पानी से ही काम चलना है.
शहर में जलसंकट के दौरान किसी तरह की कानून व्यवस्था नहीं बिगड़े और लोग फिल्टर हाउस (Police deployed at filter house of Kaylana and Takhtsagar) तक नहीं पहुंचें. इसके लिए जिला प्रशासन के निर्देश पर यहां हथियार बंद जवान लगाए हैं. इसके अलावा कायलाना के आसपास भी पुलिस पानी चोरी रोकने के लिए गश्त करेगी. जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने शहर को अलग-अलग जोन में बांट कर व्यवस्थाएं बनाए रखने के लिए आरएएस और पीएचईडी के अधिकारियों को लगाया है.
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चार जून तक की व्यवस्था
इंदिरा गांधी मुख्य कैनाल पर सरहिंद फीडर टूट जाने से जोधपुर पहुंचने वाले पानी में देरी हो रही है. वहां तेजी से मरम्म्त का काम चल रहा है. फीडर के ठीक होने के बाद भी पानी चार जून तक ही पहुंचेगा जिसके चलते जिला प्रशासन ने पूरे शहर के लिए चार जून तक की जलापूर्ति का शिड्यूल जारी कर दिया है. इसमें प्रत्येक तीन दिन में पानी दिया जाएगा. इसके अलावा पानी टैंकर से आवश्यकतानुसार आपूर्ति होगी.
दस दिन का है पानी
कायलाना व तख्तसागर से प्रतिदिन 15 एमसीएफटी पानी की आपूर्ति होती है. यहां अभी 125 एफसीएफटी पानी है जिससे दस दिन आपूर्ति हो सकती है. फिलहाल प्रशासन ने इस पानी से दस दिन में चार बार पानी की आपूर्ति देने का प्लान बनाया है. आशंका है कि पानी मिलने में और देरी हो सकती है. ऐसे में बचे पानी का उपयोग होगा.