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लवली एनकाउंटर प्रकरण : पुलिसकर्मियों के बहाल होने पर वाल्मीकि समाज ने जताया रोष

जोधपुर में हुए लवली कंडारा एनकाउंटर मामले में पुलिसकर्मियों को बहाल करने पर वाल्मीकि समाज में रोष व्याप्त है. मामले में समाज के लोगों ने गुरुवार को कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है.

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लवली एनकाउंटर मामले में वाल्मीकि समाजन ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
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Published : Oct 28, 2021, 3:25 PM IST

Updated : Oct 28, 2021, 6:20 PM IST

जोधपुर. लवली कंडारा एनकाउंटर प्रकरण में निलंबित किए गए थानाधिकारी लीलाराम और अन्य पुलिसकर्मियों को क्लीन चिट देने के विरोध में गुरुवार को वाल्मीकि समाज ने प्रदर्शन किया. समाज के लोगों ने कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंप पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है.

ज्ञापन में समाज के लोगों ने मांग की है कि प्रकरण की सीआईडी जांच होने तक पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जाना तय हुआ था. लेकिन जोधपुर पुलिस की ओर से की गई आंतरिक जांच में सभी पुलिसकर्मियों को बहाल कर दिया गया. जबकि अभी मामले में विसरा रिपोर्ट, एफएसएल रिपोर्ट और सीआईडी की जांच रिपोर्ट आना बाकी है. इसके बावजूद पुलिसकर्मियों को बहाल करना गलत है.

जोधपुर में लवली कंडारा एनकाउंटर प्रकरण

पढ़ें. लवली एनकाउंटर प्रकरण : ACP की जांच में SHO लीलाराम और 3 कांस्टेबलों को क्लीन चिट, सभी बहाल

समाज के लोगों ने कहा कि पुलिस ने मामले में पक्षपात करते हुए पीड़ित परिवार के साथ छल किया है. वाल्मीकि समाज ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि जब तक प्रकरण की जांच पूरी नहीं हो तबतक पुलिसकर्मियों को बहाल करने का आदेश तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाए और उन्हें निलंबित रखा जाए. उन्होंने कहा कि बहाल होने के बाद पुलिसकर्मी जांच को प्रभावित कर सकते हैं.

गौरतलब है कि 13 अक्टूबर को बना रोड पर रातानाडा थाने के तत्कालीन थाना अधिकारी लीलाराम और बदमाश लवली के बीच हुई मुठभेड़ में चली गोलियों से लवली की मौत हो गई थी. इसके विरोध में वाल्मीकि समाज ने पांच दिन तक शव नहीं उठाया था.

पढ़ेंः लवली कंडारा मामले में हनुमान बेनीवाल का बड़ा आरोप कहा- राजनेताओं के इशारे पर हुआ एनकाउंटर

मामले में पुलिसकर्मियों को निलंबित करने के बाद ही शव का अंतिम संस्कार किया गया था. मामले में दो दिन पहले ही जोधपुर एसीपी मंडोर राजेंद्र दिवाकर ने विभागीय जांच पूरी कर पुलिसकर्मियों को क्लीन चिट देते हुए बहाल करने की सिफारिश की थी. जांच के आधार पर ही मामले में चारों पुलिसकर्मियों को बहाल कर दिया गया था. अब वाल्मीकि समाज इस आदेश का विरोध कर रहा है.

जोधपुर. लवली कंडारा एनकाउंटर प्रकरण में निलंबित किए गए थानाधिकारी लीलाराम और अन्य पुलिसकर्मियों को क्लीन चिट देने के विरोध में गुरुवार को वाल्मीकि समाज ने प्रदर्शन किया. समाज के लोगों ने कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंप पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है.

ज्ञापन में समाज के लोगों ने मांग की है कि प्रकरण की सीआईडी जांच होने तक पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जाना तय हुआ था. लेकिन जोधपुर पुलिस की ओर से की गई आंतरिक जांच में सभी पुलिसकर्मियों को बहाल कर दिया गया. जबकि अभी मामले में विसरा रिपोर्ट, एफएसएल रिपोर्ट और सीआईडी की जांच रिपोर्ट आना बाकी है. इसके बावजूद पुलिसकर्मियों को बहाल करना गलत है.

जोधपुर में लवली कंडारा एनकाउंटर प्रकरण

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समाज के लोगों ने कहा कि पुलिस ने मामले में पक्षपात करते हुए पीड़ित परिवार के साथ छल किया है. वाल्मीकि समाज ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि जब तक प्रकरण की जांच पूरी नहीं हो तबतक पुलिसकर्मियों को बहाल करने का आदेश तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाए और उन्हें निलंबित रखा जाए. उन्होंने कहा कि बहाल होने के बाद पुलिसकर्मी जांच को प्रभावित कर सकते हैं.

गौरतलब है कि 13 अक्टूबर को बना रोड पर रातानाडा थाने के तत्कालीन थाना अधिकारी लीलाराम और बदमाश लवली के बीच हुई मुठभेड़ में चली गोलियों से लवली की मौत हो गई थी. इसके विरोध में वाल्मीकि समाज ने पांच दिन तक शव नहीं उठाया था.

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मामले में पुलिसकर्मियों को निलंबित करने के बाद ही शव का अंतिम संस्कार किया गया था. मामले में दो दिन पहले ही जोधपुर एसीपी मंडोर राजेंद्र दिवाकर ने विभागीय जांच पूरी कर पुलिसकर्मियों को क्लीन चिट देते हुए बहाल करने की सिफारिश की थी. जांच के आधार पर ही मामले में चारों पुलिसकर्मियों को बहाल कर दिया गया था. अब वाल्मीकि समाज इस आदेश का विरोध कर रहा है.

Last Updated : Oct 28, 2021, 6:20 PM IST
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