जोधपुर. देश के कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भारत के हाईकोर्ट में वकील कोटा से बनने वाले न्यायाधीशों की चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाया है. शनिवार को केंद्रीय कानून मंत्री जोधपुर में राजस्थान हाईकोर्ट के नए भवन के उद्घाटन समारोह में पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने वकील कोटे से जजों की नियुक्ति पर सवाल खड़े किए.
मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अपने संबोधन में कहा कि हाईकोर्ट में न्यायाधीश की नियुक्ति कॉलेजियम का अधिकार है. उन्होंने कहा कि लेकिन जब भी न्यायाधीशों की चयन प्रक्रिया हो तो उन लोगों का भी ध्यान रखना चाहिए जिनके परिवार में किसी ने वकालत नहीं की हो, लेकिन उनके घर वालों ने उन्हें वकील बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी.
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वहीं, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे और कॉलेजियम के सदस्यों की मौजूदगी में रविशंकर प्रसाद ने यह कहकर एक बार फिर कॉलेजियम की चयन प्रक्रिया को कटघरे में खड़ा कर दिया.
कानून मंत्री ने कहा कि हमारा विचार है कि जिस तरीके से नई प्रतिभाएं क्षेत्र में आ रही है उसे देखते हुए लोक सेवा आयोग के माध्यम सुप्रीम कोर्ट के निर्देशन में अखिल भारतीय स्तर पर न्यायिक परीक्षा करवानी चाहिए. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत की पीड़ित महिलाएं न्याय की गुहार कर रही है और समय आ गया कि हमें न्यायिक व्यवस्था में बदलाव करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि मेरी सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों से अपील है कि वह पॉक्सो के मामलों की मॉनिटरिंग का एक सिस्टम बनाएं जिससे समय पर न्याय मिले. वहीं, केंद्रीय मंत्री ने दुष्कर्म के मामलों में फास्ट ट्रैक अदालतें गठित करने की भी बात कही.