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उदयपुर के युवक की रूस में मौत: 4 माह बाद भी परिजनों को नहीं मिला शव, अब हाईकोर्ट में लगाई याचिका

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Published : Dec 8, 2021, 9:03 PM IST

Updated : Dec 8, 2021, 10:56 PM IST

रूस की सरकार उदयपुर के हितेन्द्र गरासिया का शव देने से इंकार कर चुकी है. ​परिजनों की तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें अंतिम संस्कार के लिए हितेन्द्र का शव उसके निधन के चार माह बाद भी नहीं मिला है. अब परिजनों ने राजस्थान हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया (PIL in Rajasthan High court) है.

udaipur man dies in Russia, PIL in High Court
उदयपुर के युवक की रूस में मौत

जोधपुर. उदयपुर के युवक हितेन्द्र गरासिया का निधन रूस में चार माह पहले हुआ था. लगातार प्रयासों के बाद भी रूस की सरकार हितेन्द्र का शव परिजनों के पास भारत भेजने को तैयार नहीं है. हरसंभव प्रयास के बाद भी परिजनों की पुकार नहीं सुन जा रही. इसके ​चलते अब ​परिजनों ने राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका (PIL in Rajasthan High court) लगाई है.

हितेन्द्र की पत्नि आशा, पुत्री उर्वशी और नाबालिग पुत्र पीयूष की ओर से अधिवक्ता सुनील पुरोहित ने याचिका पेश करते हुए हितेन्द्र की पार्थिव देह परिजनों को दिलाने की गुहार लगाई है. न्यायाधीश दिनेश मेहता की अदालत में याचिका पर सुनवाई के दौरान अधिवक्ता ने कहा कि 17 जुलाई, 2021 को रूस में उदयपुर जिले के गोडवा गांव निवासी हितेन्द्र गरासिया का निधन हो गया था. तब से लेकर आज तक परिजन शव का अंतिम संस्कार करने के लिए पार्थिव देह का इंतजार कर रहे हैं.

पढ़ें: राजस्थान हाईकोर्ट ने मांगा जवाब, एक ही अधिकारी क्यों संभाल रहे हैं दोनों निगमों का काम

अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार भी विधिवत अंतिम संस्कार के लिए शव उस देश को सौंप दिया जाता है, लेकिन रूस की सरकार हितेन्द्र के शव को देने से इंकार कर रही है. उन्हें रूस में ही अंतिम संस्कार की बजाय शव को दफनाने के लिए कहा जा रहा है जो कि अनुचित एवं हिन्दू परम्परा के विपरीत है.

पढ़ें: Valmiki union election case in jaipur:कोर्ट ने की 15 दिसंबर सुनवाई तय, यथा स्थिति के आदेश दिए

मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए न्यायालय ने तत्काल केन्द्र सरकार के अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल आर डी रस्तोगी को इस मामले में पक्ष रखने के लिए कहा तो उन्होने ऑनलाइन पैरवी की. न्यायालय ने कहा कि केन्द्र सरकार संवेदनशीलता के साथ हरसंभव प्रयास करे ताकि परिजनों को शव का अंतिम संस्कार करने के लिए पार्थिव देह प्राप्त हो सके. अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल ने कहा कि याचिकाकर्ता की हरसंभव मदद की जाएगी. अंतरराष्ट्रीय और भारत-रूस के द्विपक्षीय संधियों के चलते सरकार इस पर कार्य करेगी. न्यायालय ने 15 दिसम्बर को मामले पर अगली सुनवाई के निर्देश दिए हैं.

जोधपुर. उदयपुर के युवक हितेन्द्र गरासिया का निधन रूस में चार माह पहले हुआ था. लगातार प्रयासों के बाद भी रूस की सरकार हितेन्द्र का शव परिजनों के पास भारत भेजने को तैयार नहीं है. हरसंभव प्रयास के बाद भी परिजनों की पुकार नहीं सुन जा रही. इसके ​चलते अब ​परिजनों ने राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका (PIL in Rajasthan High court) लगाई है.

हितेन्द्र की पत्नि आशा, पुत्री उर्वशी और नाबालिग पुत्र पीयूष की ओर से अधिवक्ता सुनील पुरोहित ने याचिका पेश करते हुए हितेन्द्र की पार्थिव देह परिजनों को दिलाने की गुहार लगाई है. न्यायाधीश दिनेश मेहता की अदालत में याचिका पर सुनवाई के दौरान अधिवक्ता ने कहा कि 17 जुलाई, 2021 को रूस में उदयपुर जिले के गोडवा गांव निवासी हितेन्द्र गरासिया का निधन हो गया था. तब से लेकर आज तक परिजन शव का अंतिम संस्कार करने के लिए पार्थिव देह का इंतजार कर रहे हैं.

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अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार भी विधिवत अंतिम संस्कार के लिए शव उस देश को सौंप दिया जाता है, लेकिन रूस की सरकार हितेन्द्र के शव को देने से इंकार कर रही है. उन्हें रूस में ही अंतिम संस्कार की बजाय शव को दफनाने के लिए कहा जा रहा है जो कि अनुचित एवं हिन्दू परम्परा के विपरीत है.

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मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए न्यायालय ने तत्काल केन्द्र सरकार के अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल आर डी रस्तोगी को इस मामले में पक्ष रखने के लिए कहा तो उन्होने ऑनलाइन पैरवी की. न्यायालय ने कहा कि केन्द्र सरकार संवेदनशीलता के साथ हरसंभव प्रयास करे ताकि परिजनों को शव का अंतिम संस्कार करने के लिए पार्थिव देह प्राप्त हो सके. अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल ने कहा कि याचिकाकर्ता की हरसंभव मदद की जाएगी. अंतरराष्ट्रीय और भारत-रूस के द्विपक्षीय संधियों के चलते सरकार इस पर कार्य करेगी. न्यायालय ने 15 दिसम्बर को मामले पर अगली सुनवाई के निर्देश दिए हैं.

Last Updated : Dec 8, 2021, 10:56 PM IST
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