जोधपुर: 16 दिसंबर 1971 में भारत ने पाकिस्तान को झुकने पर मजबूर कर दिया था. इसके साथ ही दुनिया के मानचित्र में एक नए देश का उदय हुआ जिसे बांग्लादेश कहते हैं. आज उस जीत की स्वर्ण जयंती (Vijay Diwas Celebration In Rajasthan) है. 50वीं वर्षगांठ हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है साथ ही उन वॉर हीरोज (Tribute to 1971 War Heroes in Rajasthan) को भी याद किया जा रहा है जिन्होंने देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया. वीरों की भूमि राजस्थान के जोधपुर, उदयपुर समेत तमाम शहरों में कई कार्यक्रम जिला सैन्य कल्याण बोर्ड की ओर से करवाया जा रहा है.
जोधपुर के शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि सभा
स्वर्णिम विजय समारोह के तहत गुरुवार को जोधपुर में शहीद स्मारक (Martyrs Memorial Jodhpur)पर इस युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गई. जिला प्रशासन और जिला सैनिक कल्याण बोर्ड की ओर से आयोजित कार्यक्रम में जोधपुर सैन्य क्षेत्र के पूर्व सैनिक, अधिकारी एवं जिला प्रशासन और आम नागरिकों ने युद्ध के हीरोज को याद किया और उन्हें पुष्प चढ़ाए. जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल डीएस खंगारोत उस युद्ध को भारत की बड़ी जीत करार देते हैं. गर्व से कहते हैं कि उस युद्ध ने पाकिस्तान का नक्शा बदल दिया था. हमारी तीनों सेनाओं ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए करारी शिकस्त पाकिस्तान को दी थी जिसके बाद बांग्लादेश का जन्म हुआ.
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पाक जनरल ने टेके थे घुटने
कर्नल खंगारोत ने बताया कि इस युद्ध में सैनिकों को चार परमवीर चक्र, 76 महावीर चक्र एवं 513 सैनिकों को वीर चक्र से सम्मानित किया गया था. बड़ी संख्या में सैनिक शहीद हुए स्थायी रूप से विकलांग भी हुए थे. आज पूरा देश उन्हें याद कर नमन कर रहा है. गौरतलब है कि 1971 की लड़ाई में 16 दिसंबर महत्वपूर्ण दिन था इस दिन ही पाकिस्तान के जनरल नियाजी ने भारत के जनरल के सामने अपने सैनिकों के साथ आत्मसमर्पण किया था. तभी से ये दिन विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है.
14 दिन चला युद्ध, 3800 सैनिक हुए शहीद
तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच 3 दिसंबर 1971 को युद्ध (1971 Indo Pak War) प्रारंभ हुआ था. इस युद्ध में भारत के 3800 सैनिक शहीद हुए एवं 10,000 सैनिक घायल हुए थे. पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण किया था.
उदयपुर में भी वीरों को किया गया याद
स्वर्णिम विजय दिवस कार्यक्रम के तहत नगर निगम टाउन हॉल (Udaipur Nagar Nigam Town Hall) स्थित शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस मौके पर शासन, प्रशासन के अधिकारियों के साथ नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया (Gulabchand Kataria On Vijay Diwas In Udaipur), नगर निगम के महापौर जीएस टाक भी मौजूद रहे. कटारिया ने इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि आज का दिन भारत के लिए बहुत ही गौरव का दिन है. यह दुनिया का पहला उदाहरण होगा जब हिंदुस्तान की फौज ने पाकिस्तान के 93,000 लोगों को आत्मसमर्पण करा दिया.
सम्मानित होंगे शूरवीर
दोपहर बाद नगर निगम सभागार में 1971 के भारत-पाक युद्ध में हिस्सा लेने वाले शूरवीरों, वीरांगनाओं, गैलेंट्री अवार्ड धारकों व उनके परिजनों का सम्मान किया जाएगा. आयोजन को लेकर जिला कलेक्टर ने पुलिस, उद्यान, नगर निगम, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, यातायात, स्काउट-गाइड, नेहरू युवा केंद्र एनसीसी आदि विभागों-संस्थाओं को दायित्व सौंपे है.
भीलवाड़ा जिला कलेक्टर ने छुए वीरांगना के पैर
स्वर्णिम विजय दिवस के मौके पर भीलवाड़ा जिला कलेक्ट्रेट परिसर में जिला कलेक्टर व जिला पुलिस अधीक्षक मौजूदगी में वर्ष 1971 में भारत-पाक युद्ध के शहीदों के छाया चित्र पर पुष्पांजलि अर्पण कर श्रद्धांजलि दी. इस दौरान शहीद की वीरांगनाओं और परिवार जनों का भी शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया गया.
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कार्यक्रम में जिला कलेक्टर शिवप्रसाद एम नकाते ने शहीद की वीरांगना को शॉल ओढाने के बाद उनके चरण स्पर्श किए. पुष्पांजलि कार्यक्रम में राष्ट्रीय कवि योगेंद्र शर्मा ने जब देशभक्ति से ओतप्रोत कविता का काव्य पाठ किया तो हर कोई मौजूद व्यक्ति भारत मां के जयकारे लगाते हुए उनका सीना गर्व से चौड़ा हो गया और आंख में आंसू आ गए.
बीकानेर में श्रद्धांजलि कार्यक्रम
बीकानेर में भी गुरूवार को सम्मान प्रकट करने के उद्देश्य से रविन्द्र रंगमंच पर श्रद्धाजंलि कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिला प्रशासन और मौलाना आजाद मिल्ली शिक्षण संस्थान, सीमा सुरक्षा बल और अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद के संयुक्त तत्वावधान में कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम में शहीदों को श्रद्धाजंलि दी गई और सूरमाओं और शहीदों के परिजनों का सम्मान किया गया.
कार्यक्रम में जिला कलेक्टर नमित मेहता ने कहा कि सैनिक सीमा पर अपनी जान की बाजी लगाकर देश और देशवासियों की रक्षा करते हैं. उनके बलिदान के प्रति सारा देश कृतज्ञ है. सैनिकों का बलिदान भावी पीढ़ियों में राष्ट्रप्रेम के बीज बोने का काम करता है. शहीदों और शहीद परिजनों के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए मेहता ने कहा कि इस अवसर पर हम ऐसे वीरों और वीरों का जन्म देने वाली माताओं को नमन करते हैं.