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प्रिसिंपल मजिस्ट्रेट किशोर न्याय बोर्ड के लिए राज्य अकादमी में ट्रेनिंग कार्यक्रम, बच्चे के कामकाज की निगरानी के लिए कार्ययोजना बनाएं: HC - jodhpur news

राजस्थान उच्च न्यायालय (Rajasthan High Court ) जोधपुर मुख्यपीठ में राज्य के प्रत्येक जिले में गठित किशोर न्याय बोर्ड (Juvenile Justice Board) को लेकर सुनवाई हुई. कोर्ट ने जरूरी निर्देश जारी किए हैं. प्रिसिंपल मजिस्ट्रेट किशोर न्याय बोर्ड के लिए राज्य अकादमी में ट्रेनिंग कार्यक्रम होगा. बच्चे के कामकाज की प्रभावी निगरानी के लिए कार्य योजना बनाई जाएगी.

Rajasthan High Court, जोधपुर, jodhpur news
बच्चे के कामकाज की निगरानी के लिए कार्ययोजना बनाएं: HC
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Published : Jul 13, 2021, 10:16 PM IST

जोधपुर: वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता और न्यायाधीश मनोज गर्ग की खंडपीठ में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान पूर्व आदेश की पालना का रिकार्ड पेश किया गया. कोर्ट को बताया गया कि किशोर न्याय बोर्ड में रिक्त पद पर प्रिसिंपल मजिस्ट्रेट नियुक्त कर दिए गए हैं.

सीसीआई की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता पंकज शर्मा ने जिला खनिज निधि के आवंटन के संबंध में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि नियम 15 के अनुसार मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट नियम में यह प्रावधान है कि ये फंड्स महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए इस्तेमाल किया सकता है. कोर्ट ने खनिज न्यास निधि से निधि आवंटन जल्द से जल्द करने के निर्देश दिए ताकि पूरे राज्य में चाइल्ड केयर संस्थानों को अपग्रेड किया जा सके.

पढ़ें: ग्रेटर नगर निगम आयुक्त के साथ मारपीट और अभद्रता का मामला, पूर्व मेयर सौम्या गुर्जर को मिली जमानत

कोर्ट को यह भी बताया गया कि प्रिसिंपल मजिस्ट्रेट किशोर न्याय बोर्ड के लिए राज्य न्यायिक अकादमी इसी सप्ताह ट्रेनिंग का आयोजन करने जा रही है. कोर्ट ने यह भी निर्देश दिए हैं कि बाल अधिकारों का प्रतिनिधित्व करने वाले विभाग उनके लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करें. यह कार्यक्रम अगले 45 दिनों में आयोजित किया जाना चाहिए.

बाल अधिकार कार्यकर्ता गोविंद बेनीवाल ने बताया कि कोई नियामक संस्था नहीं है, जो बच्चे के कामकाज की निगरानी कर सकती है. इस पर न्यायालय ने कहा कि बेनीवाल सचिव बाल अधिकार से मुलाकात करेंगे और प्रभावी निगरानी के लिए कार्य योजना तैयार करें. अब इस मामले में सितंबर के पहले हफ्ते में अगली सुनवाई होगी.

जोधपुर: वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता और न्यायाधीश मनोज गर्ग की खंडपीठ में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान पूर्व आदेश की पालना का रिकार्ड पेश किया गया. कोर्ट को बताया गया कि किशोर न्याय बोर्ड में रिक्त पद पर प्रिसिंपल मजिस्ट्रेट नियुक्त कर दिए गए हैं.

सीसीआई की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता पंकज शर्मा ने जिला खनिज निधि के आवंटन के संबंध में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि नियम 15 के अनुसार मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट नियम में यह प्रावधान है कि ये फंड्स महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए इस्तेमाल किया सकता है. कोर्ट ने खनिज न्यास निधि से निधि आवंटन जल्द से जल्द करने के निर्देश दिए ताकि पूरे राज्य में चाइल्ड केयर संस्थानों को अपग्रेड किया जा सके.

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कोर्ट को यह भी बताया गया कि प्रिसिंपल मजिस्ट्रेट किशोर न्याय बोर्ड के लिए राज्य न्यायिक अकादमी इसी सप्ताह ट्रेनिंग का आयोजन करने जा रही है. कोर्ट ने यह भी निर्देश दिए हैं कि बाल अधिकारों का प्रतिनिधित्व करने वाले विभाग उनके लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करें. यह कार्यक्रम अगले 45 दिनों में आयोजित किया जाना चाहिए.

बाल अधिकार कार्यकर्ता गोविंद बेनीवाल ने बताया कि कोई नियामक संस्था नहीं है, जो बच्चे के कामकाज की निगरानी कर सकती है. इस पर न्यायालय ने कहा कि बेनीवाल सचिव बाल अधिकार से मुलाकात करेंगे और प्रभावी निगरानी के लिए कार्य योजना तैयार करें. अब इस मामले में सितंबर के पहले हफ्ते में अगली सुनवाई होगी.

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