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नौतपा में भी 30 मई से तापमान में हो सकती है कमीः ज्योतिष - news of gimmick

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य जब रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है, तब से नौतपा प्रारंभ होता है. नौतपा के नौ दिन सूर्य से तीव्र ऊर्जा निकलती है, जिससे गर्मी का प्रकोप बढ़ता है. लेकिन इस बार कल यानि 30 मई को शुक्र वक्री होगा और तापमान में कुछ कमी होगी. जानिए क्या कहते हैं रिमोट सेंसिंग विभाग के पूर्व रिसर्च ऑफिसर और ज्योतिष.

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30 मई से तापमान में हो सकती है कमी
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Published : May 29, 2020, 10:24 AM IST

Updated : May 29, 2020, 8:20 PM IST

जोधपुर. नौतपा के चलते प्रदेश भर में गर्मी प्रचंड पर है. नौपता के वैज्ञानिक और ज्योतिषी, दोनों प्रकार के महत्व हैं. वैज्ञानिक कारण के अनुसार सूर्य पृथ्वी के नजदीक होता है तो किरणों के सीधे गिरने से गर्मी होती है. ज्योतिषीय कारणों की माने तो सूर्य के रोहणी नक्षत्र में गमन करने से चंद्रमा की शीतलता बाधित होती है, इससे भी गर्मी बढ़ती है.

30 मई से तापमान में हो सकती है कमी

जानकारों का कहना है कि यह प्रत्येक वर्ष होने वाली प्रक्रिया है. इसे एस्ट्रोलॉजी नहीं एस्ट्रोनॉमी कह सकते हैं. ज्योतिषीय आधार के अनुसार 30 मई को शुक्र वक्री होगा तो तापमान में कमी हो सकती है. इससे नौतपा के शेष तीन दिन राहत मिल सकती है. लेकिन साथ-साथ कई तरह की उथल-पुथल भी होगी, जैसे कि राजनीतिक उथल-पुथल हो सकती है. ज्योतिष में इसे नौतपा नहीं, रोहिणी संकट भेदन या रोहिणी तपन काल कहा कहा जाता है.

क्या कहना जानकारों का...

रिमोट सेंसिंग विभाग में रिसर्च ऑफिसर रहे और ज्योतिष की जानकारी रखने वाले नटवरलाल पुरोहित व जोधपुर शहर के जाने-माने ज्योतिष पंडित घनश्याम द्विवेदी का कहना है कि सूर्य जब रोहणी नक्षत्र में आता है, तो 13 दिन रहता है. यह हर वर्ष ज्येष्ठ मास में आता है. वृष राशि में दस डिग्री पार करने पर सूर्य रोहणी में प्रवेश करता है. रोहणी नक्षत्र का मान 13 डिग्री और बीस मिनट है. इसे घूमने में और सूर्य को घूमने में 14 से 15 दिन लगते हैं. इसमें शुरुआती नौ दिनों में गर्मी तेज पड़ती है.

यह भी पढ़ेंः आज से नौतपा की शुरुआत, कोरोना की दहशत से सहमे लोगों को सता रही जेष्ठ की गर्मी

उन्होंने कहा कि इसका वैज्ञानिक कारण यह है कि पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी कम होती है. या यूं कहें तो दोनों एक दूसरे के सामने ऐसे एंगल में होते हैं, जिससे सूर्य की किरण सीधे पृथ्वी पर गिरती हैं तो तापमान में वृद्धि होती है. इसका कारण यह है कि समतल इलाकों में वायुमंडल का दाब कम हो जाता है. ऐसे में इस दाब की कमी पूरी करने के लिए हवाएं समुद्र की तरफ चलती हैं. इससे उन क्षेत्रों में थोडी ठंडक भी होती है. यह भी मान्यता है कि अगर इन नौ दिनों में बारिश नहीं होती है तो आने वाला समय अच्छा होता है.

इस बार शुक्र का बदलाव कम करेगा गर्मी...

नौतपा 25 मई से चल रहा है, अभी 4 दिन निकले हैं. ऐसे में चूरू शहर का तापमान 50 डिग्री तक पहुंच चूका है. इसके अलावा कई शहरों में 45 डिग्री पारा पार कर चुका है. लेकिन इस बार शुक्र अपनी राशि में वक्री हो रही है. ऐसे में 30 मई के बाद मौसम में बदलाव होने से बारिश होगी और आंधी आएगी. इससे तापमान में कमी हो सकती है.

जोधपुर. नौतपा के चलते प्रदेश भर में गर्मी प्रचंड पर है. नौपता के वैज्ञानिक और ज्योतिषी, दोनों प्रकार के महत्व हैं. वैज्ञानिक कारण के अनुसार सूर्य पृथ्वी के नजदीक होता है तो किरणों के सीधे गिरने से गर्मी होती है. ज्योतिषीय कारणों की माने तो सूर्य के रोहणी नक्षत्र में गमन करने से चंद्रमा की शीतलता बाधित होती है, इससे भी गर्मी बढ़ती है.

30 मई से तापमान में हो सकती है कमी

जानकारों का कहना है कि यह प्रत्येक वर्ष होने वाली प्रक्रिया है. इसे एस्ट्रोलॉजी नहीं एस्ट्रोनॉमी कह सकते हैं. ज्योतिषीय आधार के अनुसार 30 मई को शुक्र वक्री होगा तो तापमान में कमी हो सकती है. इससे नौतपा के शेष तीन दिन राहत मिल सकती है. लेकिन साथ-साथ कई तरह की उथल-पुथल भी होगी, जैसे कि राजनीतिक उथल-पुथल हो सकती है. ज्योतिष में इसे नौतपा नहीं, रोहिणी संकट भेदन या रोहिणी तपन काल कहा कहा जाता है.

क्या कहना जानकारों का...

रिमोट सेंसिंग विभाग में रिसर्च ऑफिसर रहे और ज्योतिष की जानकारी रखने वाले नटवरलाल पुरोहित व जोधपुर शहर के जाने-माने ज्योतिष पंडित घनश्याम द्विवेदी का कहना है कि सूर्य जब रोहणी नक्षत्र में आता है, तो 13 दिन रहता है. यह हर वर्ष ज्येष्ठ मास में आता है. वृष राशि में दस डिग्री पार करने पर सूर्य रोहणी में प्रवेश करता है. रोहणी नक्षत्र का मान 13 डिग्री और बीस मिनट है. इसे घूमने में और सूर्य को घूमने में 14 से 15 दिन लगते हैं. इसमें शुरुआती नौ दिनों में गर्मी तेज पड़ती है.

यह भी पढ़ेंः आज से नौतपा की शुरुआत, कोरोना की दहशत से सहमे लोगों को सता रही जेष्ठ की गर्मी

उन्होंने कहा कि इसका वैज्ञानिक कारण यह है कि पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी कम होती है. या यूं कहें तो दोनों एक दूसरे के सामने ऐसे एंगल में होते हैं, जिससे सूर्य की किरण सीधे पृथ्वी पर गिरती हैं तो तापमान में वृद्धि होती है. इसका कारण यह है कि समतल इलाकों में वायुमंडल का दाब कम हो जाता है. ऐसे में इस दाब की कमी पूरी करने के लिए हवाएं समुद्र की तरफ चलती हैं. इससे उन क्षेत्रों में थोडी ठंडक भी होती है. यह भी मान्यता है कि अगर इन नौ दिनों में बारिश नहीं होती है तो आने वाला समय अच्छा होता है.

इस बार शुक्र का बदलाव कम करेगा गर्मी...

नौतपा 25 मई से चल रहा है, अभी 4 दिन निकले हैं. ऐसे में चूरू शहर का तापमान 50 डिग्री तक पहुंच चूका है. इसके अलावा कई शहरों में 45 डिग्री पारा पार कर चुका है. लेकिन इस बार शुक्र अपनी राशि में वक्री हो रही है. ऐसे में 30 मई के बाद मौसम में बदलाव होने से बारिश होगी और आंधी आएगी. इससे तापमान में कमी हो सकती है.

Last Updated : May 29, 2020, 8:20 PM IST
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