जोधपुर. रेगिस्तान की लाइफ लाइन कही जाने वाली देश की सबसे लंबी नहर इंदिरा गांधी नहर में 22 मार्च से क्लोजर शुरू हो गया है. नहर के रखरखाव के लिए यह क्लोजर हो रहा है. पूर्व में 70 दिन का क्लोजर प्रस्तावित था. जिसे अब 60 दिन का किया गया है. देखिये ये खास रिपोर्ट
जोधपुर में पानी की परेशानी उस समय होगी जब क्लोजर खत्म होगा. उसके बाद पानी की आवक को राजीव गांधी लिफ्ट कैनाल से जोधपुर पहुंचने में सात दिन लग जाएंगे. उस समय संकट के साथ-साथ इन दो माह में वाटर मैनजमेंट कैसे होगा, इसको लेकर जलदाय विभाग के अधिकारी लगातार जुटे हैं. दावा किया जा रहा है कि अधिकांश दिनों में लोगों को पेयजल उपलब्ध करवाया जाएगा.
इसके लिए नहर की डिग्ग्यिों को भरा जा रहा है. इसके अलावा कायलाना और सुरपुरा को भी भरा जा रहा है. साथ ही पानी की चोरी रोकने के लिए भी अभियान शुरू किया गया है. साथ में विभाग के अधिकारी जनता से भी अपील कर रहे हैं कि गर्मी के दिनों में पानी का दुरुपयोग रोकें जिससे परेशानी नहीं हो. विभाग जनता से यह भी अपील कर रहा है अगर कहीं पाइप लाइन लीकेज दिखे तो तुरंत सूचना दें.
हलक तर करने का यह है प्लान
इंदिरा गांधी नहर में हर वर्ष कुछ समय के लिए क्लोजर होता है. गत वर्ष लॉक डाउन के चलते क्लोजर नहीं होने से अब इसकी अवधि बढ़ गई है. जोधपुर जलदाय विभाग के नगरीय खंड के मुख्य अभियंता नक्षत्र सिंह और नहर परियोजना के अधिकारी पिछले कई दिनों से लगातार इस पर मंथन कर रहे थे. नक्षत्र सिंह के अनुसार जोधपुर के प्रतिदिन 22 मार्च से क्लोजर से शुरू हो गया है. इसमें 30 दिन तक प्रतिदिन पीने योग्यपानी की आवक होगी.
इस दौरान दो हजार क्यूेसेक पानी आएगा. इसके बाद अगले बीस दिन तक मुख्य नहर में जगह जगह पर पांडिंग होगी. इस दौरान जहां पांडिंग नहीं होगी वहां मरम्मत का काम चलेगा. यह क्रम पूरे समय चलेगा. अंतिम दिस दिन तक के लिए नहर से बिलकुल पाानी आएगा. इसके लिए कायलाना, तख्तसागर और सुरपुरा की डिग्गियां भरी जा रही हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में की डिग्गियों में पानी का भराव हो रहा है.
खपत बढने से स्टोरेज नहीं होगा
जोधपुर शहर में वर्तमान में एक दिन छोड एक दिन 300 एमएलडी की खपत होती है. जो गर्मी में 315 एमएलडी तक पहुंचेगा. आवक जो होगी वह लगभग इसके बराबर ही होगी. ऐसे में स्टोरेज बढने की की उम्मीद अब नहीं रखी जा सकती है. ऐसे में क्लोजर के दौरान आवश्यकता होने पर दो दिन में एक बार पानी की आपूर्ति का भी प्लान तैयार किया गया है.
वर्तमान में अभी 15 दिन का पानी स्टोरेज हो चुका है. चूंकि खपत बढने से अब स्टोरेज नहीं बढ़ सकता. ग्रामीण क्षेत्रों की डिग्गियों के लिए 7 से दस दिन का पानी स्टोरेज किया जा रहा है.
टैंकर से जलापूर्ति की भी तैयारी
शहर की 15 लाख से अधिक की जनसंख्या पूरी तरह से नहरी पानी पर ही निर्भर है. ऐसे में स्टोरेज का उपयोग होगा. ग्रामीण क्षेत्रों के लिए पानी उपलब्ध करवाना चुनौती है. इसके लिए जिला प्रशासन के निर्देश पर गांवों में पानी पहुंचाने के लिए टैंकर से जलापूर्ति के टेंडर किए गए हैं. जिससे आवश्यकता होने पर तुरंत उपयोग किया जा सके.
पुलिस के साथ पेट्रोलिंग
पानी की चोरी रोकने के लिए विभाग की टीमों ने पुलिस के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में पेट्रोलिंग शुरू कर दी है. बीते दिनों में अवैध कनेक्शन की कार्रवाई भी की गई है. परियोजना के मुख्य अभियंता भंवराराम का कहना है कि जनसहयोग से ही पानी की चोरी बचाकर आमजन तक उपलब्ध करवाया जा सकता है.
इंदिरा गांधी नहर की फैक्ट फाइल