जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के 4 नवंबर को हुई एजीएम में नया लोकपाल नियुक्त करने और आर्बिट्रेटर लगाने के प्रस्ताव पर रोक लगा दी है. गुरुवार को न्यायाधीश दिनेश मेहता की अदालत में लगाई गई याचिका पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने यह आदेश जारी किया है.
इसके साथ ही राजस्थान हाईकोर्ट ने आरसीए की तरफ से नागौर और श्रीगंगानगर के जिला क्रिकेट संघ की बर्खास्तगी पर भी रोक लगा दी है. साथ ही आरसीए 4 नवंबर को हुई साधारण सभा के मिनिट्स के प्रस्ताव संख्या 1, 7, 9 के तहत कार्रवाई नहीं कर सकेगा. राजस्थान हाई कोर्ट में गुरुवार को जोधपुर, नागौर, श्रीगंगानगर जिला क्रिकेट संघ की ओर से याचिकाएं दायर की गई पर सुनवाई हुई. जिसमें याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विकास बालिया ने कोर्ट को बताया कि राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन पूर्व के आदेशों की अवहेलना कर लोकपाल नियुक्त करने जा रही है, जो कि सही नहीं है. साथ ही आर्बिट्रेटर की नियुक्ति भी सही नहीं है. इन सब को लेकर 4 नवंबर को हुई साधारण सभा में जो फैसले लिए गए हैं, वह लोकतांत्रिक रूप से सही नहीं हैं.
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4 नवम्बर की बैठक पर कोर्ट में जानकारी रखने के बाद न्यायाधीश दिनेश मेहता ने बैठक के 3 प्रस्ताव पर रोक लगा दी. जिसके तहत नए लोकपाल और आर्बिट्रेटर की नियुक्ति और नागौर और श्रीगंगानगर संघ की बर्खास्तगी को पारित किया गया. याचिकाओं में जोधपुर जिला संघ की ओर से लोकपाल और आर्बिट्रेटर की नियुक्ति के प्रस्ताव को चुनौती दी गई. साथ ही नागौर और श्रीगंगानगर संघ ने उनके विरुद्ध की गई कार्रवाई और बैठक को चुनौती दी थी. न्यायाधीश मेहता ने सभी याचिकाएं सुनने के बाद अलग-अलग आदेश जारी किए.