जोधपुर. सेंट्रल जेल से कैदियों के हुए वीडियो वायरल पर जेल अधीक्षक ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में सफाई पेश की है. जेल अधीक्षक कैलाश त्रिवेदी ने ईटीवी भारत से बताया कि यह वीडियो लगभग एक से डेढ़ साल पुराने हैं. जिनका उपयोग कैदी आजाद सिंह द्वारा अभी किया गया है. कैदी आजाद सिंह को जोधपुर जेल से उदयपुर जेल में शिफ्ट करने के बाद उसके द्वारा यह वीडियो वायरल किए गए हैं.
जेल से वीडियो आने के बाद जेल अधीक्षक ने कहा कि वे खुद इस पूरे मामले की जांच कर रहे हैं, साथ ही जल्द ही इस पूरे मामले का खुलासा किया जाएगा और रिपोर्ट जेल डीजीपी और राज्य सरकार को भेजी जाएगी. जेल अधीक्षक के अनुसार जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद कैदी आजाद सिंह का आचरण काफी बद से बदतर था, उसके द्वारा अलग तरह की डिमांड की जाती थी और डिमांड पूरी नहीं करने पर वह जेल के स्टाफ को सस्पेंड करवा देने की धमकी दिया करता था. साथ ही उसके द्वारा कहा गया कि जिस दिन उसे जेल से कहीं और शिफ्ट कर दिया जाएगा तो वह जोधपुर सेंट्रल जेल को बदनाम कर देगा.
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कैलाश त्रिवेदी का कहना है कि कैदी आजाद सिंह की मांगें पूरी नहीं करने पर उसके द्वारा द्वेष भावना से ये वीडियो वायरल किए गए हैं, जोकि करीब एक से डेढ़ साल पहले बनाए गए हैं. जोधपुर सेंट्रल जेल में खाने पीने की चीजों को लेकर आजाद सिंह ने एक चिट्ठी भी सोशल मीडिया पर वायरल की थी, जिसमें शक्कर 100 किलो, लाल मिर्ची ढाई सौ रुपए किलो, बीड़ी का बंडल 2000 का बताया था. इस मामले पर जेल अधीक्षक ने कहा कि जेल में दी जाने वाली सभी खाद्य पदार्थों की लागत निर्धारित होती है उससे एक रुपय भी ऊपर नहीं लिया जाता.
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कैदी आजाद सिंह द्वारा लगाए गए सारे आरोप झूठे हैं. उसने द्वेष भावना से जोधपुर सेंट्रल जेल को बदनाम करने के लिए ऐसे आरोप लगाए हैं. फिलहाल वीडियो वायरल होने के बाद जेल प्रशासन सकते में है और जेल अधीक्षक कैलाश त्रिवेदी द्वारा ही इस पूरे मामले की जांच की जा रही है. उन्होंने यह भी कहा कि जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई भी की जाएगी.