जोधपुर. सोशल मीडिया पर आपने किसी भी कंपनी के प्रोडक्ट या घरेलू जरूरतमंद चीजों की मार्केटिंग देखी होगी और लघु उद्योग करने वाले व्यापारी भी वर्तमान समय में सोशल मीडिया के जरिए अपने प्रोडक्ट की बिक्री करते हैं. लेकिन, जोधपुर की डीसीपी ईस्ट पुलिस ने एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है, जो सोशल मीडिया के जरिए पूरे राजस्थान में हथियारों की सप्लाई करता रहा है.
पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया युवक मुकेश सोलंकी मध्यप्रदेश के देवास का रहने वाला है. वो एक सोशल मीडिया ग्रुप चला रहा है, जिसमें राजस्थान के कई कुख्यात बदमाश और अपराधी उस ग्रुप में जुड़े हुए हैं. वो सोशल मीडिया के जरिए अवैध पिस्टलों की बिक्री करता है. पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपी मुकेश सोलंकी से पूछताछ करने पर उसने बताया कि वो 'इंसाफ' नाम से एक सोशल मीडिया ग्रुप चला रहा है, जिसमें राजस्थान के अलग-अलग जिलों के कई बदमाश और अपराधी प्रवृत्ति के लोग जुड़े हुए हैं. वो मध्यप्रदेश के देवास जिले से अवैध हथियार लेकर सोशल मीडिया ग्रुप में उनकी फोटो डालता था. उसके बाद खरीददार उससे संपर्क करते थे.
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डीसीपी धर्मेंद्र यादव ने बताया कि अवैध हथियारों की सप्लाई करने वाला मुकेश सोलंकी मुख्य सरगना है. इसके द्वारा राजस्थान के कई जिलों में भारी मात्रा में हथियारों की सप्लाई की गई है. अवैध हथियारों की सप्लाई करने वाले लोगों ने सोशल मीडिया पर ग्रुप बनाए हैं, जहां वो अलग-अलग राज्यों में अपराधी प्रवृत्ति के लोगों के संपर्क में है और वो लोग सोशल मीडिया के जरिए हथियारों की फोटो दिखाकर उनकी तस्करी करने का काम करते हैं.
डीसीपी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपी के मोबाइल की जांच करने पर सामने आया कि सोशल मीडिया ग्रुप में कुछ अपराधी किस्म के लोग जुड़े हैं. वहीं, कुछ ऐसे युवक भी हैं, जो शौकिया तौर पर हथियारों को अपने पास रखना चाहते हैं. पूछताछ में सामने आया कि वो मेन-टू-मेन कोरियर के जरिए हथियारों की तस्करी करता था और हथियारों को कस्टमर तक पहुंचाने वाले लोग भी रुपयों के लालच में ऐसा काम करते थे.
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डीसीपी के मुताबिक गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों से गहनता से पूछताछ की जा रही है. साथ ही मुख्य सरगना मुकेश सोलंकी के जरिए ये भी पता लगाया जा रहा है कि मध्यप्रदेश के देवास जिले में किन-किन जगहों पर हथियारों को बनाने का काम किया जाता है और आगामी दिनों में राजस्थान पुलिस मध्य प्रदेश पुलिस की मदद से हथियार बनाने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई करेगी. डीसीपी ने बताया कि पुलिस द्वारा यह भी पता लगाया जा रहा है कि हथियार किन-किन लोगों को बेचे गए हैं और खरीदने वालों के अपराधिक रिकॉर्ड क्या है और वो हथियारों को क्यों खरीदते हैं.
गौरतलब है कि डीसीपी ईस्ट धर्मेंद्र सिंह यादव के निर्देशन में डिस्ट्रिक्ट स्पेशल टीम और चार थानों की पुलिस ने शुक्रवार को 18 अवैध पिस्टल, 21 जिंदा कारतूस और दो स्पेयर मैगजीन के साथ कुल 7 लोगों को गिरफ्तार किया था. साथ ही इस मामले में एक बाल अपचारी को भी संरक्षण में लिया गया है. पिछले एक महीने में जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट की ईस्ट और वेस्ट पुलिस द्वारा कुल 29 अवैध देसी पिस्टल और 35 से अधिक जिंदा कारतूस बरामद किए जा चुके हैं.