जोधपुर. खनन कार्य से जुड़े मजदूरों के लिए भले ही सरकार योजनाएं बनाती है. लेकिन, जमीनी स्तर पर इनका क्रियान्वन सहीं नहीं होने का खामियाजा संबंधित व्यक्ति को उठाना पड़ रहा है. यही कारण है कि सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित और पीड़ित आश्रितों ने 2 साल से सहायता राशि नहीं देने के विरोध में सोमवार को जिला कलेक्टर कार्यालय पर प्रदर्शन कर सहायता राशि भुगतान की गुहार लगाई.
जानकारी के अनुसार सिलिकोसिस जैसी जानलेवा बीमारी से पीड़ित और आश्रितों को सहायता राशि नहीं मिलने से खान मजदूरों को मजबूरन सरकारी कार्यालय के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. पीड़ित परिवारों का आरोप है कि पिछले 2 साल से किसी तरह की सहायता राशि सरकार की ओर से इन पीड़ितों को नहीं दी जा रही है. इस संबंध में कोई संतोषजनक जवाब उन्हें संबंधित विभाग की ओर से नहीं दिया जा रहा है.
पढ़ें- सीएम गहलोत से मिले राजस्थान रोडवेज के पदाधिकारी...मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन
बता दें कि ऐसे में कई पीड़ित तो ऐसे हैं जो सरकारी कार्यालय के चक्कर काटते-काटते मौत के मुंह में समा गए. वहीं, कई पीड़ितों और आश्रित खान विभाग और जिला प्रशासन के कार्यालय के चक्कर काटने को मजबूर हैं. पीड़ितों का आरोप है कि सिलिकोसिस की जांच के लिए रजिस्ट्रेशन भी करीब डेढ़ साल से बंद पड़ा है, जिसे अभी तक शुरू नहीं किया है. ऐसे में इस जानलेवा बीमारी से पीड़ित लोगों को जांच का इंतजार है.
वहीं, श्रम शक्ति यूनियन की रेखा सैनी ने बताया कि प्रदेश में सबसे ज्यादा सिलिकोसिस पीड़ित जोधपुर में हैं. उन्होंने बताया कि लगातार यह लोग सरकारी अधिकारियों की लापरवाही के चलते सरकारी कार्यों के सहायता राशि और रजिस्ट्रेशन जांच के इंतजार में मौत के मुंह में जा रहे हैं. लेकिन, प्रशासन की ओर से इस ओर ध्यान तक नहीं दिया जा रहा है. वहीं, सोमवार को इस संबंध में जिला कलेक्टर को सरकार के नाम ज्ञापन सौंपकर सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित आश्रितों की मांगों पर उचित कार्रवाई करने की मांग की है.