जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर मुख्यपीठ में राज्य के प्रत्येक जिले में किशोर न्याय बोर्ड गठन को लेकर स्वप्रेरणा से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता और न्यायाधीश देवेन्द्र कच्छवाहा की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता फरजंद अली ने न्यायालय के समक्ष कुछ और समय दिए जाने का अनुरोध किया. इसे न्यायालय ने स्वीकार करते हुए 12 जनवरी 2021 को अगली सुनवाई मुकर्रर की.
पूर्व में जारी आदेश के अनुसार प्रत्येक जिले में स्पेशल जुवेनाइल पुलिस यूनिट गठित करने के निर्देश दिए गए थे. न्यायालय ने इन यूनिट्स में संवेदनशील पद पर प्रशिक्षित अफसर को नियुक्त करने के लिए कहा था. उच्च न्यायालय के इन आदेशों की अनुपालना रिपोर्ट पेश करने के लिए कुछ समय मांगा था, जिस पर न्यायालय ने समय देते हुए अनुपालना रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा था. न्यायालय ने कहा कि प्रत्येक जिले में विशेष किशोर पुलिस इकाई गठित की जाए. इनको गठित करने के लिए सरकार तत्काल कदम उठाए.
अमोनियम नाइट्रेट विस्फोटक पदार्थों को डिस्पोजल करने के लिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई
राजस्थान उच्च न्यायालय ने अमोनियम नाइट्रेट विस्फोटक पदार्थों को डिस्पोजल करने के लिए ने स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता और न्यायाधीश देवेन्द्र कच्छवाहा की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान न्यायमित्र मेहुल कोठारी एवं अतिरिक्त महाधिवक्ता फरजंद अली के सहयोगी अभिषेक पुरोहित ने कहा कि विस्फोटक पदार्थों के डिस्पोजल को लेकर इसके लिए एक ड्राफ्ट बनाया गया है. हालांकि उसे अभी तक लागू नहीं किया है, जिसकी कॉपी यूनियन ऑफ इंडिया के एएसजी मुकेश राजपुरोहित को दी जाएगी.
वे सुनिश्चित करेंगे की जो ड्राफ्ट तैयार किया है उसके नियम उचित हैं या नहीं. उसके बाद उसके गजट नोटिफिकेशन के लिए आगे भेजेंगे. न्यायालय ने ड्राफ्ट की कॉपी एएसजी को देने के निर्देश देने के साथ ही इस मामले पर अगली सुनवाई 7 जनवरी 2021 को मुकर्रर की है.
गौरतलब है कि लेबनान में एक कंटेनर में रखे विस्फोटक की वजह से हादसा घटित हुआ था, जिसके बाद राजस्थान में एक खबर प्रकाशित होने पर उच्च न्यायालय ने स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लेकर एक जनहित याचिका दायर की थी. राजस्थान प्रदेश के पुलिस थानों में रखे अमोनियम नाइट्रेट विस्फोटक का निस्तारण कैसे किया जाएगा. इसको लेकर सरकार से जवाब तलब किया था. पूर्व की सुनवाई में सरकार ने अपना पक्ष रखा था.
अदालतों में सुरक्षा व्यवस्था और इन्फ्रास्टकचर को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई
प्रदेश की अदालतों में सुरक्षा व्यवस्था और इन्फ्रास्टकचर को लेकर दायर अलग बार संघों की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई के बाद राज्य सरकार और उच्च न्यायालय प्रशासन को कुछ समय दिया गया है. वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा और न्यायाधीश रामेश्वर व्यास की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई हुई.
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उच्च न्यायालय प्रशासन की ओर से अधिवक्ता सचिन आचार्य और राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता एमएस सिंघवी ने कुछ समय चाहा. वहीं, उच्च न्यायालय ने राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन और राजस्थान हाईकोर्ट लॉयर्स एसोसिएशन दोनों के अध्यक्षों को अगली सुनवाई पर उच्च न्यायालय में एसिस्ट करने के लिए व्यक्तिगत रूप से मौजूद रहने के अनुरोध किया है.
गौरतलब है कि राजगढ़ चूरू में न्यायालय परिसर में फायरिंग की घटना के बाद एक जनहित याचिका पेश की गई थी. वहीं अन्य बार संघों ने भी न्यायालयों के लिए इन्फ्रास्टकचर और अन्य सुविधाओं को लेकर याचिकाएं पेश की गई थी.