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सेना के कैप्टन अंकित गुप्ता का 48 घंटे बाद भी सुराग नहीं, सर्च ऑपरेशन जारी - Jodhpur news

जोधपुर के तख्त सागर में पैरामिलिट्री फोर्स के कैप्टन अंकित गुप्ता का सर्च ऑपरेशन जारी है. मार्कोस कमांडोज सुबह से ही सर्च ऑपरेशन में जुटे हैं लेकिन अब तक कैप्टन अंकित का पता नहीं चल सका है.

Army Captain Ankit Gupta, जोधपुर न्यूज
कैप्टन अंकित गुप्ता का सर्च ऑपरेशन जारी
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Published : Jan 9, 2021, 3:44 PM IST

जोधपुर. सेना के कैप्टन अंकित गुप्ता की तलाश तीसरे दिन शनिवार को भी जारी है. कायलाना झील के तख्तसागर में अंकित गुप्ता की तलाश में शनिवार को भारतीय नौ सेना के मार्कोस कमांडोज को उतारा गया. ये कमांडों बोट के सहारे तख्त सागर के पूरे इलाकों को छान रहे हैं.

कैप्टन अंकित गुप्ता का सर्च ऑपरेशन जारी

पहले भी पिछले दो दिनों से भारतीय सेना, SDRF और स्थानीय गोताखार पानी के अंदर जाकर आए लेकिन कैप्टन का सुराग नहीं मिला. माना जा रहा है कि अंदर दलदल, झाडियां और फिशिंग नेट के चलते वह फंस गए होंगे. इधर, कैप्टन अंकित गुप्ता के परिजन भी जोधपुर पहुंच गए हैं. बताया जा रहा है कि उनकी पत्नी जोधपुर में ही है. पिछले 48 घंटे से सेना जवान अंकित का सर्च ऑपरेशन जारी है लेकिन अभी तक उनका कोई सुराग हाथ नहीं लगा है.

यह भी पढ़ें. 3 दिन से लापता सेना के कैप्टन अंकित गुप्ता, तलाश के लिए नेवी के स्पेशल मार्कोस कमांडो पहुंचे जोधपुर

बता दें कि मार्कोस कमांडो को दिल्ली से बुलाया गया है. अमेरिकन नेवी के सील्स कमांडो की तरह ही भारतीय नौ सेना में मार्कोस कमांडो तैयार किए जाते है. इस स्पेशल फोर्स की स्थापना 1987 में की गई थी. अमेरिकी सील्स और भारतीय मार्कोस के साझा अभ्यास चलते रहते हैं. इन कमांडों को हर परिस्थिति में लड़ने का प्रशिक्षण दिया जाता है. जिसमें आंतकवाद से लेकर नेवी ऑपरेशन और अन्य ऑपरेशन में ये शामिल होते हैं.

इन्हें जल, थल और नभ तीनों जगह पर लड़ने के लिए तैयार किया जाता है लेकिन खास तौर से मरीन ऑपरेशन में इनकी विशेषज्ञता होती है. इनका प्रशिक्षण सबसे कठोर होता है. तीन साल के प्रशिक्षण में कई परिस्थितियों से यह वाकिफ होते हैं. परिवार जनों के भी इनके मार्कोस होने की जानकारी नहीं होती है.

जोधपुर. सेना के कैप्टन अंकित गुप्ता की तलाश तीसरे दिन शनिवार को भी जारी है. कायलाना झील के तख्तसागर में अंकित गुप्ता की तलाश में शनिवार को भारतीय नौ सेना के मार्कोस कमांडोज को उतारा गया. ये कमांडों बोट के सहारे तख्त सागर के पूरे इलाकों को छान रहे हैं.

कैप्टन अंकित गुप्ता का सर्च ऑपरेशन जारी

पहले भी पिछले दो दिनों से भारतीय सेना, SDRF और स्थानीय गोताखार पानी के अंदर जाकर आए लेकिन कैप्टन का सुराग नहीं मिला. माना जा रहा है कि अंदर दलदल, झाडियां और फिशिंग नेट के चलते वह फंस गए होंगे. इधर, कैप्टन अंकित गुप्ता के परिजन भी जोधपुर पहुंच गए हैं. बताया जा रहा है कि उनकी पत्नी जोधपुर में ही है. पिछले 48 घंटे से सेना जवान अंकित का सर्च ऑपरेशन जारी है लेकिन अभी तक उनका कोई सुराग हाथ नहीं लगा है.

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बता दें कि मार्कोस कमांडो को दिल्ली से बुलाया गया है. अमेरिकन नेवी के सील्स कमांडो की तरह ही भारतीय नौ सेना में मार्कोस कमांडो तैयार किए जाते है. इस स्पेशल फोर्स की स्थापना 1987 में की गई थी. अमेरिकी सील्स और भारतीय मार्कोस के साझा अभ्यास चलते रहते हैं. इन कमांडों को हर परिस्थिति में लड़ने का प्रशिक्षण दिया जाता है. जिसमें आंतकवाद से लेकर नेवी ऑपरेशन और अन्य ऑपरेशन में ये शामिल होते हैं.

इन्हें जल, थल और नभ तीनों जगह पर लड़ने के लिए तैयार किया जाता है लेकिन खास तौर से मरीन ऑपरेशन में इनकी विशेषज्ञता होती है. इनका प्रशिक्षण सबसे कठोर होता है. तीन साल के प्रशिक्षण में कई परिस्थितियों से यह वाकिफ होते हैं. परिवार जनों के भी इनके मार्कोस होने की जानकारी नहीं होती है.

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