जोधपुर. आर्म्स एक्ट के संबंध में गलत शपथ पत्र पेश के आरोप में आज गुरुवार को अभिनेता सलमान खान वीसी के जरिए कोर्ट में पेश हुए. जहां सरकार की अर्जी को जिला एवं सत्र न्यायालय जोधपुर ने खारिज कर दिया. इस फैसले को सुनने के लिए सलमान वर्चुअल रूप से कोर्ट में उपस्थित हुए. सलमान के खिलाफ जोधपुर में एक और मामला दर्ज होने की तलवार लटक रही थी, लेकिन इस फैसले के बाद अब उन्हें इससे राहत मिल गई है.
क्या था मामला...
काला हिरण शिकार और अवैध हथियार मामले में ट्रायल के दौरान सलमान खान की ओर से अवैध हथियारों के लाइसेंस को लेकर शपथ पत्र पेश किया गया था कि उनके हथियारों का लाइसेंस गुम हो गया है. जबकि अभियोजन का कहना था कि लाइसेंस गुम होने की बजाय पुलिस कमिश्नर मुम्बई के कार्यालय में नवीनीकरण के लिए जमा करवाया हुआ था. अभियोजन की ओर से झूठा शपथपत्र पेश करने का आरोप लगाते हुए सीजेएम ग्रामीण की अदालत में CRPC की धारा 340 के तहत दो प्रार्थना पत्र पेश किए गए थे.
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दोनों ही प्रार्थना पत्रों को तत्कालीन सीजेएम जोधपुर ग्रामीण अंकित रमन ने 17 जून 2019 को खारिज करते हुए सलमान को राहत दी थी. जिसके खिलाफ अभियोजन पक्ष की ओर से जिला एवं सत्र न्यायाधीश जोधपुर जिला राघवेन्द्र काछवाल की अदालत में दोनों ही मामलों में अपील पेश की गई थी. सरकार की ओर से लोक अभियोजक लादाराम विश्नोई ने 6 फरवरी को बहस पूरी कर ली थी.
क्या कहा था सलमान के वकील ने...
सलमान खान के अधिवक्ता हस्तीमल सारस्वत ने बहस पूरी करने के साथ न्यायिक दृष्टान्त पेश किए थे. उन्होंने अदालत को बताया था कि सलमान खान की ऐसी कोई मंशा नहीं थी कि जानबूझकर झूठ बोलें. घर पर लाइसेंस की तलाश करने पर नहीं मिला तो उन्होंने गुम होने का शपथ पत्र पेश कर दिया. यह इतना बड़ा अपराध नहीं है, क्योंकि इससे राज्य सरकार को कोई नुकसान कारित नहीं होता है. यह एक मानवीय भूल है. ऐसे में अधीनस्थ अदालत ने भी दोनों प्रार्थना पत्रों को खारिज कर दिया था. ऐसे में अपीलों में भी सलमान खान को राहत दी जाए. इसी मामले में आज गुरुवार को जिला एवं सत्र न्यायालय जोधपुर ने अपना फैसला सुनाते हुए सलमान खार को बड़ी राहत दी है.